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Haryana News : Haryana School में न पीने का पानी न शौचालय.. High Court ने सरकार को लगाई फटकार

high court

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Haryana News : दोस्तों देश में अमृतकाल चल रहा है और इस अमृतकाल में और क्या क्या देखने को मिलेगा ? कोई नहीं जानता खट्टर सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और खुले में शौच मुक्त भारत जैसे नारे देती है वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शौचालय व पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। इन सुविधाओं के लिए स्कूली बच्चों को मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। जी हाँ, नये स्कूल बनाना तो दूर भाजपा-जजपा सरकार पहले से स्थापित स्कूलों में बिजली, पानी, और टॉयलेट तक मुहैया नहीं करवा रही है।

दोस्तों जहां भाजपा अपनी पार्टी के लिए फाइव स्टार ऑफिस बना रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के हालत खस्ता हैं। अब तो शिक्षा के क्षेत्र में भाजपा के कारनामे खुल कर सामने आने लगे हैं। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में मूल-भूत सुविधाएं न मिलने पर सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दोस्तों आप ईसी से अंदाजा लगा सकते है कि हरियाणा में भाजपा सरकार ने स्कूलों की कितनी दुर्दशा की है।

High Court ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार

दोस्तों जहां केंद्र सरकार ‘स्वच्छ भारत’ मिशन को सख्ती से आगे बढ़ा रही है और हर घर में शौचालय स्थापित करना चाहती है वहीं हरियाणा में 538 बालिका विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और मारपीट की बार-बार हो रही घटनाओं ने तस्वीर को बहुत ही खराब कर दिया है।”

सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत को लेकर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोर्ट के सामने व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के आदेश दिए हैं. दरअसल, सरकारी स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर कैथल जिले के बालू स्कूल के छात्रों ने अपने वकील प्रदीप कुमार रापड़िया के माध्यम से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की शिक्षा विभाग से एफिडेविट के माध्यम से स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी थी. जिसके जवाब में जो आंकड़े व तथ्य सामने आये वो चौंकाने वाले हैं . शिक्षा विभाग द्वारा दिये गए एफिडेविट के मुताबिक हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं है। इसके अलावा कोर्ट को बताया गया कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है.

538 स्कूलों में गल्र्स टॉयलेट नहीं

हाई कोर्ट में दिए गए ऐफिडेविट के मुताबिक जहां हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शौचालय, पीने के पानी, बिजली कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है वहीं शिक्षा विभाग ने करीब 10,675 करोड़ रुपये की ग्रांट को बिना उपयोग किये सरकार को वापिस भेज दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार कोर्ट के सामने सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रही है और धरातल पर कोई काम नहीं कर रही. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक तरफ भारत सरकार ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का नारा देते हुए हर घर में शौचालय उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ लड़कियों के 538 स्कूलों में शौचालय ही नहीं हैं और दिन प्रतिदिन स्कूली छात्राओं के शोषण के मामले सामने आ रहे हैं.

हरियाणा सरकार की स्कूली बच्चों के हितों के प्रति संवेदनहीनता व एफिडेविट के चौंकाने वाले आंकड़ों की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपयों का जुर्माना लगाते हुए उनसे एक हफ्ते के अंदर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए समय सीमाबद्ध योजना पेश करने के आदेश दिए हैं और हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव व स्कूली शिक्षा निदेशक को 15 दिसम्बर को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट के सामने हाजिर होने के आदेश दिए हैं

विपक्षी पार्टियों के निशाने पर Haryana Sarkar

इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार तमाम विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है इस मामले पर इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय की सुविधा ना दे पाना बेहद शर्मनाक है भाजपा सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में जमकर लूट मचाई है. प्रदेश के बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं के ऊपर कोई काम नहीं किया कोर्ट का निर्णय इस बात पर भी मुहर लगाता है कि हम बीजेपी सरकार पर जो आरोप विधानसभा में और विधानसभा के बाहर लगाते हैं. वो सभी आरोप सच हैं.

वही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से बीजेपी लगातार हरियाणा के शिक्षा तंत्र को नीतिगत तरीके से बर्बाद कर रही है. आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सुशील गुप्ता ने कहा कि शिक्षा खट्टर सरकार की प्राथमिकता नहीं है. सरकारी स्कूलों में शौचालय तक नहीं है.

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा हरियाणा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 20,638 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान चालू वित्त वर्ष 2023-24 में किया है। अभी कुछ समय पहले खबर आई हरियाणा को ‘Zero Drop-Out’ राज्य बनाने को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम और हरियाणा सरकार ने सभी छात्राओं के लिए मुफ्त शिक्षा की घोषणा की चुनाव आने वाले है ये सब घोषणाएं तो बनती ही है पर इन सब घोसनाओ का क्या फायदा जब सरकार बेसिक नीड्स ही पूरी नहीं करा प रही है आपकी इस मुद्दे पर क्या राय है कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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