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Wrestlers Protest : पहलवान गंगा में मेडल बहाने को तैयार 5 दिन का दिया अल्टीमेटम

दोस्तों हम सबने देखा जिस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा था,,उस दिन दिल्ली के जंतर मंतर पर लोकतंत्र की हत्या हो रही थी,,हम सबने देखा किस तरह देश के गौरव को सड़कों पर घसीटा जा रहा था,,पीटा जा रहा था,,उनके साथ जानवरों जैसा सलूक किया जा रहा था,, हम सबने देखा,,की तरह दिल्ली पुलिस ने आंदोलन खत्म करने के लिए धरना स्थल पर किस तरह तोड़ फोड़ की,,ताकि पहलवान न्याय के लिए अपनी आवाज बुलंद न कर सकें

हमारी देश की बेटियों ने,,हमारे पहलवानों ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है,,वो फैसला जिसे सुनने के बाद मोदी सरकार को शर्म आनी चाहिए,,दोस्तों बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे,, ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों ने गंगा नदी में अपने मेडल बहाने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने अपने सोशल मीडिया पर बयान जारी करके दी,,सोचिए जरा दोस्तों,,ये फैसला लेते हुए क्या बीती होगी,, हमारे पहलवानों पर,,जिस   मेडल के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दिया,,उसे यु गंगा में बहाने का ख्याल जब आया होगा तो उनका दिल कितना दुखा होगा,,दोस्तों हम आपको विनेश फोघाट ,साक्षी मालिक और बजरंग पुनिया का वो ट्वीट दिखा देते है,,

पहलवानों ने ट्वीट में क्या लिखा ?

28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा. पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया. हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय माँगकर कोई अपराध कर दिया है,, पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियाँ कस रहा है. टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को क़बूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है. यहाँ तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है. हम महिला पहलवान अंदर से इतना ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है. हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे.

अब लग रहा है कि क्यों जीते थे. क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे. हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे,,कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं. तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना ख़त्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में हुआ है,,अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना.

दोस्तोव उन्होंने आगे लिखा,,यह सवाल आया कि किसे लौटाएँ. हमारी राष्ट्रपति को,, जो ख़ुद एक महिला हैं. मन ने ना कहा,,क्योंकि वह हमसे सिर्फ़ 2 किलोमीटर बैठी सिर्फ़ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं,,हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियाँ बताते थे. मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध – बुध तक नहीं ली,, बल्कि नयी संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया और वह तेज सफ़ेदी वाली चमकदार कपड़ों में फ़ोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफ़ेदी हमें चुभ रही थी. मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूँ.

उन्होंने आगे लिखा,,इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहाँ हैं, भारत के बेटियों की जगह कहाँ हैं. क्या हम सिर्फ़ नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं,,मेडल अब हमें नहीं चाहिए,,क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ़ अपना प्रचार करता है,, यह तेज सफ़ेदी वाला तंत्र,,और फिर हमारा शोषण करता है. हम उस शोषण के ख़िलाफ़ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है.

इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा माँ हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र माँ गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फ़ायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र,,मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा.

BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्यों बचाना चाहती है सरकार ?

दोस्तों सुना आपके क्या कहना है,,हमारी देश की पहलवान बेटियों का,,सोचिए जरा ये पोस्ट लिखते वक्त क्या बीती होगी उन पर,,लेकिन मोदी सरकार जो हिटलर गिरी पर उतर आई है उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता,,उसे फर्क पड़ता है तो बस BJP सांसद ब्रिज भूषण शरण सिंह से,,की उनके सांसद को कैसे बचाया जाए,,उन पर लगे आरोपों को कैसे छुपाया जाए,,BJP को आंदोलन कर रही,,न्याय मांग रही देश की पहलवान बेटियों से कोई मतलब नहीं है,,लेकिन जब प्रचार करना होता है,,तो यही लोग सबसे आगे होते है,,दोस्तों अब आप समझ जाइए की बेटी पढ़ाओं,,बेटी बचाओं का नारा देने वाली सरकार को,,सिर्फ और सिर्फ सत्ता प्यारी है बेटियां नहीं

BJP सांसद पर लग चुके है 2 FIR और POCSO

वैसे दोस्तों बृजभूषण शरण सिंह की यहां तारीफ करनी चाहिए की,,2 FIR POCSO लगने के बाद भी,,कानून के हाथ उन तक नहीं पहुंच पाए,,BJP सांसद वो अभी भी बने हुए है,,नेशनल मीडिया उनसे कोई सवाल जवाब नहीं कर रही,,यहां तक की दोस्तों इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी वो नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में पहुंच कर,, खिल खिलाकर,, फोटो खिचवा रहे है,,दोस्तों बृजभूषण शरण सिंह में ऐसी कौन सी खूबी है जो मोदी सरकार यौन उत्पीड़न का मामला लगने के बाद भी बृजभूषण शरण सिंह पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही

दोस्तों बृजभूषण शरण सिंह की जगह,,अगर कोई विपक्ष का नेता या सांसद होता,,तो अब तक वो जेल के सलाखों के पीछे होता,,BJP नेता दिन रात न्याय की मांग करते,,धरना स्थल पर भी पहलवानों का साथ देते,,पीएम मोदी भी एक बार जिक्र तो जरूर करते,,लेकिन यहां मामला तो अलग है,,आरोपी उनकी पार्टी का है,,इसलिए BJP पार्टी के नेताओं ने साधुओं की तरह मौन धारण कर लिया है,,दोस्तों अपने मेडल को गंगा बहाने के बाद रेसलर्स दिल्ली में इंडिया गेट पर आमरण अनशन भी करेंगे,,दोस्तों हमारा आपसे एक सवाल है क्या न्याय मांगना अपराध है,,जो आज इन पहलवानों को ये दिन देखना पर रहा है,,

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