Site icon जनता की आवाज

Reliance Retail: ईशा अंबानी बन सकती हैं रिलायंस रिटेल की चेयरपर्सन

Mukesh Ambani's Daughter

Mukesh Ambani's Daughter

Reliance Industries Retail Unit: ईशा अंबानी को रिलायंस रिटेल का चेयरपर्सन बनाया जा सकता है। इससे पहले आकाश अंबानी को रिलायंस जियो का भार सौंप दिया गया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani) ने रिलायंस जियो ( Reliance Jio) की जिम्मेदारी अपने बड़े बेटे आकाश अंबानी ( Akash Ambani) को सौंप दी है। अब वे अपने रिटेल कारोबार की जिम्मेदारी बेटी ईशा अंबानी ( Isha Ambani) को सौंपने की तैयारी में हैं। ईशा अंबानी ( Isha Ambani) को रिलायंस रिटेल ( Reliance Retail) का चेयरपर्सन बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि रिलायंस रिटेल के बोर्ड की बैठक में इस बात पर फैसला लिया जा सकता है। ईशा अंबानी को रिलायंस समूह की रिटेल बिजनेस के सौंपने की तैयारी से एक संकेत साफ है कि मुकेश अंबानी अपने सभी बिजनेस के उत्तराधिकारियों की योजना का खाका तैयार कर चुके हैं।

रिटेल बिजनेस की जिम्मेदारी ईशा के पास
माना जा रहा है कि ईशा अंबानी कौ रिलायंस रिटेल के चेयरपर्सन बनाने की घोषणा अगले एक से दो दिनों के भीतर की जा सकती है। फिलहाल वे रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (Reliance Retail Ventures Ltd. ) में डायरेक्टर हैं और रिटेल कारोबार के विस्तार की पूरी जिम्मेदारी ईशा अंबानी के पास है।

ईशा और आकाश हैं जुड़वां भाई – बहन
ईशा अंबानी 30 वर्ष की हैं और उन्होंने येल यूनिर्विसटी (Yale University) से उच्च शिक्षा हासिल की है। । ईशा अंबानी और आकाश अंबानी दोनों जुड़वां भाई बहन हैं। मंगलवार को आकाश अंबानी को रिलायंस समूह के टेलीकॉम कारोबारी की जिम्मेदारी सौंप दी गई। मंगलवार 27 जून, 2022 को आकाश अंबानी (Akash Ambani) देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। दरअसल 27 जून को रिलायंस जियो के बोर्ड की बैठक हुई थी और इस बैठक में आकाश अंबानी को कंपनी के चेयरमैन बनाने पर बोर्ड ने अपनी मुहर लगा दी।

रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनियां हैं। आपको बता दें रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट वैल्यू 217 अरब डॉलर से ज्यादा है।


डिजिटल सेवा समेत इन सेवाओं में सक्रिय है रिलायंस समूह
रिलायंस समूह मुख्य रूप से तीन तरह के कारोबार- तेल रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल, खुदरा कारोबार और डिजिटल सेवाओं में सक्रिय है। खुदरा और डिजिटल सेवा कारोबार के लिए अलग-अलग पूर्ण-स्वामित्व वाली कंपनियां बनाई गई हैं जबकि तेल एवं रसायन कारोबार आरआईएल के अधीन संचालित होता है। ऊर्जा कारोबार भी आरआईएल के मातहत ही रखा गया है। ये तीनों ही कारोबार आकार में लगभग समान हैं। जहां आकाश और ईशा पहले से ही नए दौर के खुदरा और दूरसंचार कारोबार में सक्रिय हैं, वहीं अनंत रिलायंस की तेल एवं रसायन इकाइयों के अलावा नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार से जुड़े हुए हैं।

भाई के साथ उत्तराधिकार को लेकर हुआ था विवाद
रिलायंस जियो की कमान आकाश को सौंपने के साथ ही मुकेश अंबानी ने अपना विशाल कारोबार नई पीढ़ी को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खुद मुकेश अंबानी को वर्ष 2002 में उनके पिता एवं कंपनी के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के साथ तीखे उत्तराधिकार विवाद का सामना करना पड़ा था। मुकेश अंबानी ने गत 28 दिसंबर को पहली बार कंपनी में उत्तराधिकार योजना का जिक्र किया था। उस समय उन्होंने कहा था कि रिलायंस अब नेतृत्व में बदलाव लाने की प्रक्रिया से गुजर रहा है।

Exit mobile version