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National Institute of Homeopathy: नरेला को मिलने जा रहा होम्‍योपैथी का सबसे बड़ा अस्‍पताल

National Institute of Homeopathy

National Institute of Homeopathy:

National Institute of Homeopathy: केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ( Sarbananda Sonowal )ने शुक्रवार को नरेला के इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपेथी (एनआईएच) का निरीक्षण किया। नरेला स्थित यह संस्थान कोलकाता के इंस्टीट्यूट ऑफ होमयोपैथी का सेटेलाइट सेंटर है और उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला केंद्र है। इस अवसर पर आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई कालुभाई, आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय एवं एनआइए के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। निरीक्षण के बाद मीडिया से मुखातिब केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में आयुष को स्वास्थ्य की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही यह भी कोशिश की गई है कि आयुष को स्वास्थ्य सेवा में शामिल शिक्षा और अनुसंधान से भी जोड़ा जाए। इसी के तहत मंत्रालय ने होम्योपैथी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान के विकास के लिए शीर्ष संस्थाओं को विकसित करने, नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

सस्ती एवं सर्व सुलभ स्वास्थ्य सेवा होगी उपलब्ध

केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि एनआईएच का यह संस्थान आयुष को और अधिक लोकप्रिय बनाएगा और उत्तर भारतीय क्षेत्र के लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस संस्थान का निर्माण माननीय प्रधानमंत्री के आयुष अवस्थापना विस्तार, मानव संसाधन विकास, आयुष से संबंधित पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सक्रिय योगदान और देश के हर कोने में नागरिकों को सस्ती एवं सर्व सुलभ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के विजन के अनुरूप किया गया है। नरेला में एनआईएच के इस केंद्र की आधारशिला 15 अक्तूबर 2018 को रखी गई थी। यह संस्थान होमेयोपैथी की विभिन्न धाराओं के विशेषज्ञों को तैयार करेगा। इस संस्थान में सात विभाग हैं और यह होम्योपैथी की विशेषज्ञता से संबंधित स्नात्कोत्तर एवं डाक्टॉरल कोर्स उपलब्ध कराएगा। होम्योपैथी औषधियों के विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मानक सहित होम्योपैथी के विज्ञान सम्मत विकास की मूल संकल्पनाओं पर यह संस्थान फोकस करेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान में यह संस्थान बेंचमार्क स्टैंडर्ड स्थापित करेगा।

ग्‍लोबल रिसर्च सहित इलाज की होगी सुविधा

आपको बतादे की नरेला स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमयोपैथी की निर्माण लागत 287 करोड़ रुपये है और यह होम्योपैथी चिकित्सा व्यवस्था के वैश्विक सहयोग केंद्र के साथ ही वैश्विक प्रोत्साहन और अनुसंधान के केंद्र के रूप में काम करेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थाओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग में भी यह संस्थान मुख्य भूमिका निभाएगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (National Institute of Homeopathy) के नाम से बन रहे इस अस्‍पताल में शुरुआत में 100 बेड की सुविधा रहेगी. इसके अलावा कई रोगों के लिए ओपीडी की सुविधा मिलेगी. न केवल लोगों के इलाज में बल्कि यह इंस्‍टीट्यूट होम्‍योपैथी में नए-नए रिसर्च पर काम करके इस चिकित्‍सा पद्धति को आगे तक ले जाने में सहयोग करेगा. इस अस्‍पताल में ओपीडी रजिस्‍ट्रेशन से लेकर, डायग्‍नोसिस, साइकेट्री, रिपर्टरी, ऑर्गानन ऑफ मेडिसिन, मेटीरिया मेडिका, ऑप्थेल्मोलॉजी, ओबीएस एंड गायनी, पीडियाट्रिक, डेंटल, इएनटी, लेबर वार्ड, आईसीयू, प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन, सीएसएसडी सहित अन्‍य कई विभागों में मिलेगी ओपीडी की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही इस इंस्‍टीट्यूट में होम्‍योपैथी के विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार किए जाएंगे.

287.40 करोड़ रुपये में बना National Institute of Homeopathy


आयुष मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि दिल्‍ली के नरेला में 10 एकड़ जमीन पर नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ होम्‍योपैथी (NIH) बनकर तैयार हो रहा है. खास बात है कि यह अस्‍पताल उत्‍तरी भारत में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा. यह इंस्‍टीट्यूट 287.40 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हो रहा है. यह अस्‍पताल आयुष सेवाओं (Ayush Services) को लोगों तक पहुंचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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