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Rapid Rail Project: देश की पहली दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का हुआ ट्रायल

Rapid Rail Project

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Rapid Rail Project दोस्तों दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर देश की पहली रैपिड रेल दौड़ने वाली है. जिसका मंगलवार को विद्युत प्रशिक्षण किया गया है. इस दौरान देश की पहली रैपिड रेल गाजियाबाद के साहिबाबाद से शुरू होकर 4 स्टेशनों से गुजरते हुए गाजियाबाद के दुहाई पर जाकर रुकी. Rapid Rail Project विद्युत प्रशिक्षण के दौरान रैपिड रेल 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली, क्योंकि यह प्रशिक्षण था इसलिए रैपिड रेल की गति धीरे थी सभी तरह के प्रशिक्षण पूरे होने के बाद रैपिड रेल की स्पीड करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.

Rapid Rail Project मेरठ से दिल्ली तक का सफर महज 50 मिनट में तय कर देगी

जो मेरठ से दिल्ली तक का सफर महज 50 मिनट में तय कर देगी. मेरठ में भी रैपिड रेल स्टेशन और ट्रैक बनने की तैयारी जोरों से चल रही है. मेरठ के 8 स्टेशन बनने जा रहे हैं. रैपिड रेल के गाजियाबाद में दो डिपॉट बनने हैं. जिसका काम लगभग पूरा हो चुका है. Rapid Rail Project फिलहाल उसी जगह से रैपिड रेल का प्रशिक्षण मंगलवार को किया गया था. बताया गया कि रैपिड रेल का विद्युत प्रशिक्षण किया गया है. अभी पूरी तरह से प्रशिक्षण होना बाकी है. यह प्रशिक्षण मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद से रैपिड रेल का अनुभव आम जनता भी कर सकती है.

दिल्ली से लेकर मेरठ तक कुल मिलाकर रैपिड के 25 स्टेशन है


दिल्ली से लेकर मेरठ तक कुल मिलाकर रैपिड के 25 स्टेशन है. जिसमें मेरठ में आठ स्टेशन बनाए गए हैं. मेरठ दक्षिण, परतापुर, रिठानी, शताब्दी, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली ,बेगमपुल, एम ई एस कॉलोनी, डोरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम होंगे. Rapid Rail Project आरआरटीएस के प्रोजेक्ट में एनसीआरटीसी ने पूरा कार्य संभाला हुआ है. कुल मिलाकर दिल्ली गाजियाबाद मेरठ का सफर 82 किलोमीटर का होगा

रोजाना लाखों लोग करते हैं दिल्ली मेरठ अपडाउन

इस प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद मेरठ से दिल्ली जाने वाले और दिल्ली से मेरठ आने वाले लोगों के लिए काफी सुविधा होगी. बता दें कि रोजाना लाखों की संख्या में लोग दिल्ली मेरठ अपडाउन करते हैं. यह सफर अब जब रैपर ट्रेन शुरू हो जाएगी तो मात्र 50 से 55 मिनट का रह जाएगा. अभी तक अगर आप रास्ते से जाया जाए तो यह सफर 3 से 4 घंटे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का सहारा लिया जाए तो मेरठ से दिल्ली पहुंचने में करीब एक से डेढ़ घंटा लगता है. बता दें कि मेट्रो भी इसी ट्रैक पर चलेगी जिस पर रैपिड ट्रेन चलेगी. मेरठ में मेरठ दक्षिण परतापुर रिठानी शताब्दी नगर में लगभग काम पूरा हो चुका है और उम्मीद जताई जा रही है कि साल के आखिरी तक रैपिड रेल शुरू हो जाएगी. हालांकि पूरी तरीके से रिपीट का लाभ लोग 2025 तक ले पाएंगे.

क्यों होता है परीक्षण?

एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि आरआरटीएस नेटवर्क के परीक्षण की प्रक्रिया में पहले इसके सभी तत्वों की अलग-अलग जांच की जाती है। इसके सफल होने के बाद सभी सब-सिस्टम, ओएचई, ट्रैक, टेलीकाम एवं सिग्नलिंग के साथ-साथ स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, प्लेटफार्म स्क्रीनडोर्स की एक दूसरे के साथ अनुकूलता की जांच करने के लिए एकीकृत रूप में परीक्षण किया जाता है। Rapid Rail Project

आपको बता दें कि मेट्रो भी इसी ट्रैक पर चलेगी जिस पर रैपिड ट्रेन चलेगी. मेरठ में मेरठ दक्षिण परतापुर रिठानी शताब्दी नगर में लगभग काम पूरा हो चुका है और उम्मीद जताई जा रही है कि साल के आखिरी तक रैपिड रेल शुरू हो जाएगी. हालांकि पूरी तरीके से रिपीट का लाभ लोग 2025 तक ले पाएंगे,,फ़िलहाल इस खबर में इतना ही बाकि खबरों के लिए पढ़ते रहिय जनता की आवाज Rapid Rail Project

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