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Moosewala Murder Case: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा

siddhu moosewala

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पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है।सिद्धू की हत्या से पहले तिहाड़ जेल में बंद लारेंस बिश्नोई ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई और अपने भांजे सचिन को इंडिया से बाहर भेज दिया था।जानकारी मिली है कि फर्जी पासपोर्ट के जरिए अनमोल और सचिन इंडिया से फरार हो गए थे।

ये भी जानकारी सामने आई है कि अनमोल और सचिन का फर्जी पासपोर्ट दिल्ली रीजनल पासपोर्ट ऑफिस से बनाया गया था।
बताया जा रहा है कि लॉरेंस ने कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ की मदद से अपने भाई अनमोल को भारत से बाहर यूरोप में शिफ्ट करवाया।लॉरेंस का भाई अनमोल फिलहाल यूरोप में है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश जेल में बैठे लॉरेंस ने कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ से फोन पर बातचीत करके रची थी। सिद्धू की हत्या की फूल प्रूफ प्लानिंग होने के बाद सबसे पहले लॉरेंस बिश्नोई ने जेल से छूटे अपने भाई अनमोल को गोल्डी बराड़ की मदद से भारत से फरार करवाया और यूरोप में कहीं शिफ्ट करवा दिया।

लॉरेंस ने भांजे सचिन बिश्नोई को भी फरार करवाया
इतना ही नहीं लॉरेंस ने अपने भांजे सचिन बिश्नोई को भी भारत से गोल्डी बराड़ की मदद से फरार करवाया। सचिन फिलहाल देश के बाहर किसी दूसरे देश में बैठा हुआ है। लॉरेंस का भाई अनमोल और भांजा सचिन जैसे ही देश से फरार हुए दोनों गोल्डी बराड़ के साथ जुड़े और प्लानिंग हुई। फिर पंजाब के मानसा में सिद्धू की हत्या को अंजाम दिया गया।

रेकी करवाई, गाने में हथियार के इस्तेमाल से खफा था लॉरेंस
भाई और भांजे को भारत से फरार करवाने का मकसद था कि सिद्धू की हत्या के केस के बाद पुलिस दोनों को गिरफ्तार न कर पाए। लॉरेंस बिश्नोई ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया था कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए 7 अगस्त 2021 को विक्की मिडूखेड़ा की हत्या के बाद से रेकी की जा रही थी।

29 मई को पंजाब के मानसा में हुई थी मूसेवाला की हत्या
सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को मनसा के जवाहर के गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पंजाब पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि हत्या में शामिल शूटर तिहाड़ में बंद लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार के निर्देश पर काम कर रहे थे और उन्हें अनमोल बिश्नोई, विक्रम बराड़ और सचिन थापन का सपोर्ट मिला था।

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