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भाजपा की ‘भोजन मंत्र’ की रणनीति !

दोस्तों अपने देश में पूरे परिवार के साथ बैठकर भोजन करने की परंपरा रही है। बैठक जमीन पर लगी हो,, या टेबल कुर्सी पर, खाने के साथ आनंद भी खूब आता है। बड़े-बुजुर्ग कहते रहे हैं कि इससे परिवार के सदस्यों में आपसी भाईचारा और प्रेम बढ़ता है। 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा भी अब ‘भोजन मंत्र’ की रणनीति पर काम कर रही है। जी हां, दो शब्दों की इस रणनीति के फायदे कई हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हों, स्टेट प्रेसिडेंट, मुख्यमंत्री या दूसरे नेता,,हर कोई आजकल अपने घर से टिफिन लाकर भोजन करते दिखाई दे रहा है। इसके जरिए BJP संदेश दे रही है कि नेता और कार्यकर्ता में कोई फर्क नहीं है। तीन घंटे की बैठक होती है और नेता-कार्यकर्ता सभी साथ बैठकर खाना खाते हैं। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भाजपा सभी विधानसभाओं में ‘टिफिन बैठक’ कर रही है। दोस्तों विपक्षी नेता और आम लोग शायद न समझ पा रहे हों कि साथ खाने से भाजपा कौन सा मिशन फतह करने निकली है? ऐसे में इसे समझना बहुत जरुरी है|

दोस्तों अब आप विदेश मंत्री जी को ही देख लीजिये,,वाराणसी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पार्टी के एक नेता घर जमीन पर बैठकर नाश्ता किया। पंगत में वह किसी आम आदमी की तरह पूड़ी तोड़ते नजर आए। अब इस तस्वीर को फिर से देखिए। कार्यकर्ता, स्थानीय अध्यक्ष और बाकी सभी भाजपा के नेता एक बराबर फर्श पर साथ बैठकर भोजन कर रहे हैं। यह फीलिंग ही कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए काफी है। भाजपा को पता है कि 2024 का मिशन कार्यकर्ताओं के उत्साह से ही जीता जा सकता है। ऐसे में दिल्ली के राष्ट्रीय नेताओं को भी ग्राउंड पर उतारा गया है।

चाय के बाद अब खाने पे चर्चा

दोस्तों तस्वीर को अगर आप ध्यान से देखेगें और समझेगें तो आपको पता चलेगा की,,वाराणसी में सिर्फ खाना नहीं था, मंत्री जी,, अपने दाएं-बाएं बैठे नेताओं से बातें भी करते रहे। कार्यकर्ताओं के जरिए जनता में VVIP कल्चर वाली बनी बनाई मानसिकता को तोड़ने की भी कोशिश की जा रही है, जिससे आम लोगों के साथ मजबूत बॉन्डिंग बनाई जा सके। भाजपा चाहती है कि कार्यकर्ता खुद को पिछले पायदान पर न रखें। वो इस बात को महसूस करें कि राष्ट्रीय नेता उन्हें पर्याप्त तवज्जो दे रहे हैं। फले ही दिखावे के लिए ही क्यों न हो,,लेकिन मंत्री जी ने दलित बूथ अध्यक्ष के घर फर्श पर बैठकर नाश्ता किया,,

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भाजपा की 'भोजन मंत्र' की रणनीति ! 3

दोस्तों अब आगे भाजपा की टिफिन बैठक का वीडियो देखिए, जैसे स्कूल में बच्चे गोल-गोल घेरा बनाकर खाना खाते हैं, कुछ उसी तरह इस वीडियों में आप भाजपा के नेताओं, कार्यकर्ताओं को देख सकते है,,वीडियों में सभी मिल-बांटकर खाते दिखाई दे रहे है

दोस्तों भाजपा की टिफिन बैठक में खुद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा हिस्सा ले रहे हैं। आजकल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड, असम के मुख्यमंत्री भी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन खोलते दिखाई दे रहे हैं। इसके जरिए भाजपा जनसंपर्क अभियान कर रही है। भाजपा के नेताओं की बातों से इस टिफिन बैठक की योजना को समझा जा सकता है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘चम्पावत में जिले के भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और वरिष्ठजनों के साथ सहभोज किया। सभी लोगों ने घर से लाए टिफिन को आपस में साझा कर विभिन्न प्रकार के भोजन का आनंद लिया। सहभोज भारतीय संस्कृति में पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण है, घर से टिफिन लाकर और साथ बैठकर भोजन करने से पारस्परिक सद्भाव, आपसी समन्वय और सहयोग की भावना जागृत होती है। सहभोज के बाद पदाधिकारियों से संगठन एवं क्षेत्र के विकास सम्बन्धी विषयों पर चर्चा भी की।’

दोस्तों भाजपा के नेता ,महिला मोर्चा की सदस्यों, कार्यकर्ताओं, समर्थकों के साथ चर्चा कर रहे हैं। एमपी में भाजपा के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुछ समय पहले कहा था कि परिवार के सदस्यों की तरह साथ बैठकर इस तरह भोजन करने से उसका स्वाद बढ़ जाता है। पीयूष गोयल ने भी टिफिन बैठक की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि भाजपा पार्टी नहीं बल्कि परिवार है। जमीनी स्तर से जुड़े कार्यकर्ता ही भाजपा की पहचान हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं की फौज मैदान में

भाजपा देशभर में 4000 टिफिन बैठकें करने वाली है। विधानसभा स्तर पर होने वाली बैठकों में मोदी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करने के साथ ही कार्यकर्ताओं से कई अन्य मसलों पर भी बात हो रही है। 16 लाख कार्यकर्ताओं को भाजपा ने फील्ड में उतारा है। भाजपा 5 लाख विशिष्ट लोगों से मिल रही है। ऐसे में आप समझ लीजिये की यहां भोजन का मतलब सिर्फ दाल-रोटी खाना नहीं है। दोस्तों भाजपा नेता इन दिनों टिफिन बैठक में काफी व्यस्था है,,मंत्री से लेकर CM MP सबके सब टिफिन बैठक के जरिए लोकसभा चुनाव की तयारी कर रहे है,,ताकि लोकसभा चुनाव में फिर से मोदी मोदी का गुणगान गया जाए,,जनता को यह लगे की BJP भेदभाव की राजनीती नहीं करती,,इसलिए जनता को बताया जा रहा है,,देखों कैसे एक मंत्री किसी दलित के घर खाना का रहा है|

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