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Indian Railways: रेलवे ने Mail and Express Train में दिव्यांग यात्रियों के लिए ये सीटें की आरक्षित

दोस्तों हमारे देश में परिवहन के लिए रेलवे सबसे किफायती साधन माना जाता है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) एक तरफ जहां ट्रेनों को सुरक्षित, संरक्षित और समयबद्ध तरीके से चलाने के लिए तमाम तरह के तकनीकी बदलाव करती रहती है. वहीं, दूसरी तरफ यात्रियों (Mail and Express Train) की सुविधाओं को लेकर भी रेल (Bhartiya Railways) नियमों में बदलाव करती रहती है. इसी कड़ी में (quota for Passengers With Disabilities) भारतीय रेलवे ने दिव्यांग जनों (Indian Railways quota for Passengers With Disabilities) के लिए आरक्षित सीटों के कोटे को लेकर नया बदलाव किया है.

दिव्यांगों के लिए मार्क कीं सीटें

रेलवे की माने तो यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि दिव्यांग जनों को यात्रा के दौरान सीट लेकर किसी भी तरह की परेशानी न हो और उनकी यात्रा आरामदायक हो सके. यह बदलाव न सिर्फ दिव्यांग जनों के लिए किया गया है. बल्कि उनके साथ चलने वाले अटेंडेंट के लिए भी है.

रेलव ने जारी की एडवाइजरी

दोस्तों दिव्यांग जनों और उनके परिवार के लिए अलग-अलग क्लास में आरक्षित कोटे के निर्धारण के संबंध में रेलवे ने एक एडवाइजरी जारी की है. जिसके अनुसार दिव्यांग जनों के लिए मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में अलग-अलग क्लास मे अलग अलग कोटा निर्धारित किया गया है.

      • दिव्यांग जनों के लिए स्लीपर क्लास में 4 बर्थ का कोटा रहेगा. जिसमें दो नीचे की सीटें रहेगी और दो बीच की सीटें होंगी.
      • थर्ड एसी में दिव्यांग जनों के लिए 2 वर्ग आरक्षित रहेंगे जिसमें 1 सीट नीचे की यानी लोअर होगी और एक मिडिल बर्थ होगी.
      • गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों में पूरे किराए पर 4 वर्ष का कोटा निर्धारित किया गया है. जिसमें दो बर्थ नीचे की होगी और दो अपर बर्थ रहेंगी.
      • दिव्यांग जनों के लिए उन ट्रेनों में भी कोटा निर्धारित किया गया है. जिसमे सेकेंड क्लास सिटिंग (2S) या एसी चेयर कार के दो से अधिक कोच होते हैं. इनमें दिव्यांग जनों के लिए 2 सीटों का कोटा आरक्षित किया गया है.

      रेलवे ने लोअर बर्थ को लेकर बदला नियम

      अश्विनी वैष्णव लोकसभा में एक लिखित जवाब में बता चुके हैं कि सिनियर सिटीजन को ट्रेन में कंफर्म लोअर बर्थ देने के लिए रेलवे में अलग से प्रोविजन है. रेलवे के नियमों के मुताबिक, सीनियर सिटीजन, 45 साल और उससे अधिक आयु की महिला पैसेंजर्स की तरफ से कोई ऑप्शन चुने बिना ही उन्हें निचली बर्थ देने का प्रोविजन है. हालांकि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है कि बुकिंग के वक्त एकोमेडेशन उपलब्ध हो.

      बिना मांगे कंफर्म लोअर बर्थ देती है रेलवे

      इसके तहत, सीनियर सिटीजन, 45 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए स्लीपर कैटेगरी में प्रत्येक कोच में 6 से सात लोअर बर्थ, 3एसी में प्रत्येक कोच में चार से पांच लोअर बर्थ, 2AC में प्रत्येक कोच में तीन से चार लोअर बर्थ का कोटा निर्धारित किया गया है,,इसके अलावा ऑनबोर्ड टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा भी सीनियर सिटीजन, दिव्यांगजन और महिलाओं जिन्हें सिस्टम में अपर बर्थ दे दी गई, को अगर ट्रेन में कोई लोअर बर्थ खाली हो, तो दे देने का प्रोविजन बनाया गया है

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