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CAG: सच बोलने वालों का तबादला क्यों करती है सरकार ?

CAG: अगर सरकार प्रधानमंत्री तानसाही की चरम सीमा पर पहुँच जाए ,तो क्या उन्हे जनता का सेवक कहा जा सकता है ,ed ,सीबीआई ,इंकम टैक्स जैसी संस्था, ,जाँच एजेंसियो पर सरकार का दबदबा तो है ही अब इस list में एक ओर सरकारी ऑडिट संस्था cag को ऐड का लिया है जी हाँ Comptroller and Auditor General of India यानि की cag के ऐसी सरकारी संस्था है ,जो अभी तक तो निष्पक्ष है पर अब शायद ओर निष्पक्ष नहीं रह पाएगी ,क्योंकि अब मोदी सरकार की नजर cag पर है ,cag को मोदी सरकार में हुए घोटाले का राज खोल महंगा पड़ गया है मोदी सरकार सच को छुपाने के लिए डराने-धमकाने पर उतर आई है चुनाव से पहले मोदी सरकार को cag से इतना डर की ये कदम उठाना पड़ गया

CAG के 3 अधिकारियों का ट्रांसफर

मॉनसून सत्र में cag ने जिस तरह से मोदी जी उनकी सरकार की पोल पट्टी खोल कर रख दी cag के साथ उनके अधिकारियों के साथ ये होना ही था नाम तो मिलना ही था ,मॉनसून सत्र में cag ने जिस तरह से मोदी राज में हुए सात बड़े घोटाले की पोल खोली ,भारतमाला परियोजना, द्वारका रैपिड ट्रांजिट परियोजना, टोल बूथ संग्रह ,आयुष्मान भारत, अयोध्या विकास परियोजना, ग्रामीण विकास से जुड़ी ,परियोजना और एचएएल हवाई जहाज निर्माण योजना. इन घोटालों को उजागर किया ,इसका इनाम अब cag के अधिकारियों को मिल गया है तबादला यानि transfer

Cag के 3 बड़े officers जिन्होंने मोदी घोटाले पर पूरी की पूरी सीरीज बना दी है अब केस को केस से उनको हटा दिया गया है और a grade officers का transfer कर दिया गया यानि की cag जिसका काम ही है सरकारी काम काज सरकारी योजनाओ का ऑडिट करना अब उन्हे ही अपने काम से रोका जा रह है और रोक कौन रहा है हमारी सरकार जी रोक रही है cag के officers को डराया जा रहा है धमकाया जा रहा है यानि की अगर सरकार का घोटाला उजागर करोगे तो मोदी जी उसे नहीं छोड़ेंगे

CAG के 3 बड़े घोटाले

अब मॉनसून सत्र में cag के 3 बड़े घोटाले ,द्वारका एक्सप्रेस-वे घोटाले में ,द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की तरफ से अप्रूवल मिला 18.20 करोड़ और खर्च हुए 251 करोड़ दूसरी ,आयुष्मान भारत योजना पर CAG ने खुलासा किया की मर चुके लोगों का हुआ इलाज एक ही मोबाइल से लाखों लोगों का रजिस्ट्रेशन मरे हुए मरीजों पर 7 करोड़ हुए खर्च और तीसरी अयोध्या विकास परियोजना योजना के तहत हुए विकास कार्यों में 20 करोड़ का घोटाला सामने आया cag ने मोदी सरकार के बड़े घोटालों को उजागर किया और अब इस मामल में सख्त कारवाई की गई ओर तबादला कर दिया गया

मोदी सरकार सच को छुपाने और डराने-धमकाने के लिए माफ़िया की तरह काम करती है। अगर कोई भ्रष्टाचार के तौर-तरीकों को सामने लाता है, तो उसे धमकाया जाएगा या तबादला कर दिया जाएगा तबादले की जानकारी सामने आने के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जम कर हमला किया है। ,कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि अब आयुष्मान भारत और द्वारका एक्सप्रेसवे घोटालों पर रिपोर्टिंग के प्रभारी CAG के तीन अधिकारियों का मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके बावजूद कि CAG को एक स्वतंत्र निकाय माना जाता है। हमारी मांग है कि ट्रांसफर के इन आदेशों को तुरंत रद्द किया जाए अधिकारी CAG वापस जाएं और द्वारका एक्सप्रेसवे, भारतमाला और आयुष्मान भारत से जुड़े इन महाघोटालों पर कार्रवाई हो।

क्या मंशा होगी सरकार की

अब अमृतकाल में अगर सरकारी संस्था सरकार से पंगा लेती है तो नतीजा क्या होगा वो आपने अब देख ही लिया होगा इन 3 बड़े घोटालों को उजागर करने वाले 3 अधिकार्यों को केस से हटा दिया गया इनका तबादला कर दिया गया ,इसके पीछे सरकार की क्या मंशा होगी सरकार की मनसा ये है की मोदी सरकार चाहती ही नहीं की सच बहार आए सरकार में घोटाला होगा लेकिन सरकार जी इसे बहार आने ही नहीं देगी अगर बहार आ जाए तो परिणाम क्या हो सकता है आप ये समझ ही गए होंगे और अब तो चुनाव भी सर पर है

13 साल पहले जब कैग ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित घोटाले का खुलासा किया था, तब सियासी भूचाल आ गया था। कांग्रेस सरकार बुरी तरह घिर गई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में टू-जी बड़ा मुद्दा बना और डॉ. मनमोहन सिंह की कुर्सी तक चली गई। cag की रिपोर्ट पर भरोसा जताया जाता है खासकर मोदी जी 2014 से पहले cag की रिपोर्ट पर मनमोहन को घेरते थे और अब जब मोदी राज में उनकी सरकार के घोटालों के राज खुल रहे है तो उनका तबादला कराया जा रहा है जो सच बोलेगा उसे मोदी राज में इनाम के तौर पर सजा मिलेगी और गोदी मीडिया जब cag की रिपोर्ट आई न तब सरकार से सवाल कीये और न अब officers के transfer पर कुछ बोलेगी

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