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Indian Railway: अब हवा से पानी निकालकर पियेंगे रेलयात्री

Indian Railway News:  इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने एक नई सर्विस की शुरुआत की है। इस सर्विस में पहली बार 6 रेलवे स्टेशनों (Railway Station) पर एक खास मशीन लगाई गई है। ये मशीन हवा से पानी बना सकती है। रेलवे ने पानी को बचाने की मुहिम के तहत इस नई सर्विस की शुरुआत की है। इस तकनीक को मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही विकसित किया गया है। हवा से पानी निकालने वाली इस तकनीक को मैत्री एक्वाटेक (Maithri Aquatech) ने बनाया है। इससे रेल यात्रियों को हर मौसम में पानी पीने की सुविधा मिलेगी। वहीं ये तकनीक पानी की बर्बादी भी रोकेगी। इस तकनीक से किस तरह यात्रियों को पानी पीने को मिलेगा। कौन से स्टेशनों (Railway Station) पर इसकी शुरुआत की गई है। आईए आपको बताते हैं।

इस तरह हवा से मिलेगा पानी


इस तकनीक में सबसे पहले हवा मशीन से गुजरती है। यह उसमें मौजूद डस्ट पार्टिकल प्रदूषक तत्वों को सोख लेती है। इसके बाद मशीन से छनकर निकलने वाली हवा कूलिंग चैंबर में जाती है। यहां पर इसे ठंडा किया जाता है। यही कंडेस्ड एयर पानी की बूंद में बदलती हैं। इसके बाद बूंद-बूंद जमा होती हैं। अब जमा किया हुआ पानी फिल्टर होता है। इससे पानी में मौजूद दूसरे हानिकारक तत्व हट जाते हैं और पानी साफ हो जाता है। इसके बाद जो पानी बचता है उसे भी अल्ट्रा वॉयलेट किरणों वाले सिस्टम से गुजारा जाता है। इसके बाद पानी पीने लायक हो जाता है।

इन स्टेशनों पर मिलेगी सुविधा


रेलवे लाइसेंस शुल्क के रूप में 25.5 लाख रुपये प्रति वर्ष भुगतान करेगा। अभी इन मशीनों को मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर लगाया गया है। इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर, कुर्ला, ठाणे, घाटकोपर और विक्रोली में ये मशीनें लगाई गई हैं। इसे बाद देश के बाकी रेलवे स्टेशनों पर भी इसकी शुरुआत की जाएगी।

हवा से बनेगा एक हजार लीटर पानी

यह स्विच आन करने के कुछ घंटों के भीतर पानी बनाना शुरू कर देता है और एक दिन में 1000 लीटर पानी तैयार करता है। यह तकनीक 18 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान और 25 से सौ प्रतिशत आ‌र्द्रता तक की स्थिति में कामयाब है। इसे पीने योग्य पानी के लिए तत्काल समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड को 17 एडब्ल्यूजी कियोस्क स्थापित करने के लिए पांच साल के लिए अनुबंधित किया गया है। कंपनी ने पहले पानी के उत्पादन के लिए सीएसआइआर और भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद के साथ सहयोग किया है। रेलवे को छह स्टेशन परिसरों में कियोस्क के लिए 25.5 लाख रुपये सालाना लाइसेंस शुल्क का भुगतान मिलेगा। मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और दादर में पांच-पांच, ठाणे में चार, कुर्ला, घाटकोपर और विक्रोली में एक-एक वाटर कियोस्क लगेगा। एक लीटर पानी के लिए चुकाने होंगे 12 रुपये

कंपनी ने कहा कि वाटर कियोस्क से रेल यात्री पांच रुपये अदा कर 300 मिलीलीटर, आठ रुपये अदा कर 500 मिलीलीटर और 12 रुपये अदा कर एक लीटर की अपनी बोतल भर सकते हैं। बोतल सहित यात्रियों को 300 मिलीलीटर के लिए सात रुपये, 500 मिलीलीटर के लिए 12 रुपये और एक लीटर के लिए 15 रुपये देने होंगे।

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