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Ayodhya Ki Diwali: अयोध्या में इस बार दीपोत्सव पर बनेगा नया World Record 2022

Ayodhya Ki Diwali: भगवान राम की नगरी में छठे दीपोत्सव की तैयारियां धूमधाम से शुरू हो गई हैं. इस बार छठवें दीपोत्सव के मौके पर 14 लाख दीपक राम की पैड़ी पर जलाने का लक्ष्य रखा गया है.

Ayodhya Ki Diwali: भगवान राम की नगरी में छठे दीपोत्सव की तैयारियां धूमधाम से शुरू हो गई हैं. इस बार छठवें दीपोत्सव के मौके पर 14 लाख दीपक राम की पैड़ी पर जलाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए 16 लाख दीपक मंगाए गए हैं. पिछले साल की तुलना में यह दीपक लगभग दोगुने हैं. सबसे ज्यादा दीपक अयोध्या के कुम्हार परिवारों को बनाने के लिए ऑर्डर दिया गया था. शायद यही वजह है कि कुम्हार परिवारों के लिए इस बार की दीपावली खुशहाली भरी होगी.

Ayodhya Ki Diwali दोस्तों कुम्हार परिवारों के लिए ये दीपोत्सव बोनस का काम करेगा. साढ़े दस लाख से ज्यादा दीपक अयोध्या के कुम्हार परिवारों को बनाने की जिम्मेदारी मिली थी. जिसमें लगभग साढ़े पांच लाख से ज्यादा दीपक अयोध्या के कुम्हार परिवारों ने बना दिया है. Ayodhya Ki Diwali इसके अलावा आस-पड़ोस के जनपद के भी मिट्टी के दीपक मंगाए गए हैं.

दीपों को राम की पैड़ी पर सुरक्षित स्थानों पर रखा जा रहा है

दरअसल इस साल दीपक लाने का क्रम पहले से शुरू कर दिया गया है. Ayodhya Ki Diwali दीपों को राम की पैड़ी पर सुरक्षित स्थानों पर रखा जा रहा है. इस वर्ष दीपक के साइज को भी बढ़ाया गया है. Ayodhya Ki Diwali जबकि ताकि जलाने के बाद दीपक जल्दी ना बुझ जाएं. क्योंकि पिछली साल काफी संख्या में दीपक या तो बुझ गए या फिर जलाने के लिए डाले गए तेल बह गया. वहीं इस बार पिछली बार का रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाना है

Ayodhya Ki Diwali: अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जाता है

दोस्तों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हर साल दीपावली की पूर्व संध्या पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जाता है. इस बार छठवें दीपोत्सव पर राम की पैड़ी में 14 लाख से ज्यादा दीयों को जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया जाएगा. पिछली बार यहां 12 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए थे Ayodhya Ki Diwaliआपको बता दे की इस दीपोत्सव पर आयोध्या में 14 लाख से ज्यादा दीये राम की पैड़ी में जलाए जाएंगे. जबकि अयोध्या के प्रमुख 21 मंदिरों में 4.50 लाख दीप जलाए जाएंगे. यह दीप गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज नहीं किए जाएंगे.

शिल्प हाट के लिए ढूंढी जा रही है जगह 


वहीं, पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पर्यटन विभाग शुरुआत से ही इस आयोजन का मुख्य रूप से कर्ता-धर्ता रहा है. अभी भी पर्यटन विभाग मुख्य भूमिका में है. दीपोत्सव में टेंट का काम हो, लेजर शो, फायर वर्क या सरयू आरती हो, इन कामों को पर्यटन विभाग कराता है. उन्होंने बताया कि निदेशालय के माध्यम से टेंडर निकाला गया है. शिल्प हाट लगाने की मीटिंग हुई थी. उसके लिए जगह खोजी जा रही है. 

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