Budget 2023: एक जगह पर 10 दिनों तक कैद रहते हैं अधिकारी, तब जाकर तैयार किया जाता है बजट
Janta Kee Awaz : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में Budget 2023- 24 तैयार हो चुका है। इस बार के बजट से आम आदमी की उम्मीदें और अपेक्षाएं बहुत ज्यादा है। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार पांचवां बजट है। ये बजट इस साल खास इसलिए भी है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट है। वित्त मंत्री जो बजट भाषण देती हैं, Budget 2023 उसको तैयार करने के लिए एक बड़ी टीम होती है।
Janta Kee Awaz : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में Budget 2023- 24 तैयार हो चुका है। इस बार के बजट से आम आदमी की उम्मीदें और अपेक्षाएं बहुत ज्यादा है। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार पांचवां बजट है। ये बजट इस साल खास इसलिए भी है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट है। वित्त मंत्री जो बजट भाषण देती हैं, Budget 2023 उसको तैयार करने के लिए एक बड़ी टीम होती है। जो दिन-रात काम करके ये बजट तैयार करती है। सैकड़ों अधिकारियों की टीम मिलकर बजट बनाती है, तब जाकर ये फैसला होता है कि पूरे साल देश कैसे चलेगा, किस विभाग को कितने पैसे दिए जाएंगे। Budget 2023 बजट को फाइनल करने के लिए अधिकारी करीब 10 दिनों तक एक ही जगह पर कैद होकर बजट तैयार करते हैं। इस दौरान वह बाहरी दुनिया के बिल्कुल संपंर्क में नहीं होते हैं। अधिकारी मोबाइल फोन, इंटरनेट जैसी सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। बजट दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाता है।
10 दिनों के लिए कैद हो जाते हैं 100 से अधिक अधिकारी
हलवा सेरेमनी के बाद से ही वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारी नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में कैद हो जाते हैं। Budget 2023 हलवा सेरेमनी के बाद से ही बजट डॉक्यूमेंट्स संबंधी प्रक्रिया शुरू हो जाती है। नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में अधिकारी 10 दिनों तक कैद रहते हैं। Budget 2023 10 दिनों का मतलब है 14,400 मिनट, एक जगह पर कैद रहकर बजट तैयार करते हैं। बजट डॉक्यूमेंट्स संबंधी प्रक्रिया के दौरान सिर्फ वित्त मंत्रालय के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति होती है।
मोबाइल-इंटरनेट इस्तेमाल पर भी होता है बैन
आपको जानकार हैरानी होगी कि इन 10 दिनों के भीतर 100 अधिकारियों को मोबाइल फोन और इंटरनेट इस्तेमान करने की इजाजत नहीं होती है। Budget 2023 जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट होता है, उसका इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है, ताकि ये किसी तरह से लिक ना हो। कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से ही कनेक्ट रखा जाता है। जरूरत पड़ने पर दिन में सिर्फ एक बार बजट में शामिल अधिकारी सिर्फ नामित मोबाइल फोन से अपने परिवार से बात कर सकते हैं।
हाई- अलर्ट पर होती है सुरक्षा व्यवस्था
जब तक बजट संसद में पेश नहीं हो जाता, तब तक उसकी सुरक्षा में सैकड़ों जवानों को तैनात किया जाता है। सुरक्षा व्यवस्था हाई- अलर्ट पर होती है। कोई भी बाहरी व्यक्ति वित्त मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सकता है। बजट डॉक्यूमेंट्स संबंधी प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को वित्त मंत्रालय से बाहर निकलने या किसी से मिलने की अनुमति बिल्कुल नहीं होती है।
कड़ी सुरक्षा के घेरे में बनता है Budget 2023
जब बजट तैयार होता है तो सारे अधिकारी कड़ी सुरक्षा में होते हैं। Budget 2023 किसी भी बाहरी व्यक्ति को मंत्रालय के अंदर नहीं जाने दिया जाता। Budget 2023 जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. जिससे हैकिंग का खतरा खत्म हो जाता है। बजट लीक न हो इसके लिए साइबर सिक्योरिटी सेल तैनात रहता है। सुफिया विभाग भी अपनी नजर बनाए रखता है।
इस टीम ने तैयार किया है बजट
भारत जी-20 की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। Budget 2023 ऐसे में यह बजट आने वाले समय में देश की दशा और दिशा तय करने वाला है भारत में मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है। बजट तैयार करने वालों की सूची में वित्तमंत्री के अलावा वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, सचिव अजय सेठ, सचिव तुहिन कांता पांडे, सचिव संजय मल्होत्रा, सचिव विवेक जोशी, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का नाम शामिल है।
बजट की टाइमिंग का इतिहास
सबसे तार्किक बात यही लगती है कि ग़ुलामी के दौर में भारत का बजट ब्रिटेन की संसद में पेश होता था. वहां उसका समय साढ़े ग्यारह बजे का था.
फिर जब भारत में बजट भाषण होने शुरू हुए तब भी ब्रिटेन में सांसद उस भाषण को संसद में बैठकर सुना करते थे, इसीलिए भाषण होता तो भारत में था, लेकिन वक्त हाकिमों के हिसाब से तय हो गया.
यह काम शुरू तो तब हुआ जब ईस्ट इंडिया कंपनी के बाद ब्रितानी सरकार ने सीधे भारत पर राज करना शुरू किया था.
अब आज़ादी के बाद भी बजट का समय क्यों नहीं बदला गया? यह एक सवाल है जिसका जवाब मिलना मुश्किल है.
माना जा सकता है कि जो चंद्रशेखर ने कहा उसी तर्ज़ पर पहले के नेताओं को भी लगा हो कि शायद यह पुरानी परंपरा है जिसे छेड़ने की ज़रूरत नहीं है.
बीच-बीच में सवाल भी उठते रहते थे, लेकिन जवाब 2001 में ही मिल पाया. वाजपेयी सरकार के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने फ़ैसला किया और बजट भाषण का वक़्त बदलकर 11 बजे कर दिया.
समय को लेकर दूसरा मसला यही है कि किसका बजट भाषण कितना लंबा या छोटा हुआ? यानी उसे पढ़ने में कितना वक़्त लगा.
सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड तो मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ही नाम है. Budget 2023 उन्होंने 2020 में 2 घंटे 42 मिनट का बजट भाषण दिया. वो भी तब जब तबीयत बिगड़ने की वजह से वह पूरा भाषण नहीं पढ़ पाई थीं. इसके दो पन्ने रह गए थे. वरना यह समय कुछ और होता.
इससे पहले सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था जिन्होंने 2 घंटे 15 मिनट का भाषण दिया था. Budget 2023
हालांकि शब्दों की गिनती के लिहाज़ से सबसे लंबा बजट भाषण पूर्व प्रधानमंत्री और तब के वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में दिया था.
आर्थिक सुधारों की शुरुआत करनेवाला यह बजट भाषण 18,520 शब्दों का था. मोदी सरकार के पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली इसके काफ़ी क़रीब पहुंचे थे, Budget 2023 लेकिन फिर भी 16,536 शब्दों के साथ दूसरे नंबर पर ही रहे.
सबसे छोटा बजट भाषण और हलवा सेरेमनी
सबसे छोटे बजट भाषण का रिकॉर्ड एच एम पटेल के नाम है जिन्होंने 1977 में मात्र 800 शब्दों का बजट भाषण दिया था. हालांकि यह अंतरिम बजट था. लेकिन पूर्ण बजट में सबसे छोटा बजट था. Budget 2023
बजट दस्तावेज़ और भाषण की गोपनीयता भी एक गंभीर विषय है. इसे गोपनीय रखने के लिए भी तरह-तरह के नियम बनाए गए हैं. न सिर्फ़ बजट के फ़ैसलों बल्कि उसे लिखने और उसके छपने तक की प्रक्रिया में हर क़दम पर गोपनीयता ज़रूरी है.
इसलिए बजट से कई दिन पहले वित्त मंत्रालय के एक हिस्से में सिर्फ़ बजट से जुड़े लोग ही काम करते हैं और बाक़ी लोगों के लिए वहां आना-जाना रोक दिया जाता है. Budget 2023 बजट से लगभग दस दिन पहले यानी जब बजट तैयार होकर छपाई के लिए जाता है तब इससे जुड़ी पूरी टीम को एक जगह बंद कर दिया जाता है और उनके बाहर निकलने ही नहीं बल्कि बाहर किसी से बात करने पर भी रोक होती है.
क्योंकि यह लोग अब अपने घर परिवार से भी अलग हो जाते हैं इसलिए यह काम शुरू होते वक्त पारंपरिक रूप से हलवा बनाया जाता है और वित्त मंत्री रस्मी तौर पर सबको हलवा खिला कर टीम को तालाबंद करते/करती हैं.
इसी को हलवा समारोह या हलवा सेरेमनी कहते हैं. पर पिछले साल हलवा नहीं बना था. उसकी जगह मिठाई के डिब्बे बांटे गए थे. Budget 2023 हालांकि अब डिजिटल युग में टीम को बंद रखने का समय कम होता जा रहा है, लेकिन परंपरा अभी जारी है.
कब बजट हुआ लीक
बजट पहले राष्ट्रपति भवन की प्रिंटिंग प्रेस में छपता था. लेकिन 1950 में बजट संसद में पेश होने से पहले ही उसके लीक हो जाने से काफ़ी हंगामा मचा. तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई को इसी कारण हटना पड़ा और तब से बजट छापने का काम मिंटो रोड पर मौजूद सरकारी सिक्योरिटी प्रेस को सौंप दिया गया.
1980 से बजट की छपाई का काम वित्त मंत्रालय के तहखाने में ही होने लगा. Budget 2023 अब हलवा सेरेमनी के बाद बजट की टीम इसी इलाके में बंद होती है. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के ब्रीफ़केस को लाल बस्ते में बदल दिया है और बजट भी वो काग़ज़ से पढ़ने के बजाय मेड इन इंडिया टैबलेट से पढ़ती हैं. Budget 2023
इसलिए वो दिन दूर नहीं लगता जब शायद बजट के छपने और उसकी गोपनीयता से जुड़ी बाक़ी रस्में भी इतिहास बन जाएँ और बजट सीधे वित्त मंत्री के कंप्यूटर से ही संसद के केंद्रीय रिकॉर्ड में अपलोड कर दिया जाए.