![Poster war: लखनऊ की सड़कों पर राहुल गांधी बनाम अखिलेश यादव 1 WhatsApp Image 2023 10 28 at 11.41.37 AM 1](https://www.jantakeeawaz.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-28-at-11.41.37-AM-1.jpeg)
Poster war: दोस्तों मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि NDA के जवाब में बना I.N.D.I.A गठबंधन, लोकसभा चुनाव से पहले मिलकर, जोर-आजमाइश कर रहा था, लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को धकिया दिया। कॉन्ग्रेस ने सीधे कह दिया कि यहाँ तुम्हारी जरूरत नहीं है, जब यूपी में होगी तो देख लेंगे।
दोस्तों एक कहावत है कि गांव बसा नहीं लुटेरे पहले आ गए. ये कहावत यूपी पर बिल्कुल सही फिट होती है वही यूपी की राजनीति ही देश की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंचाती रही है. यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी को कुर्सी से हटाने के पहले ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच पीएम बनने की तगड़ी फाइट शुरू हो गई है. ये तो बात हुई मध्य प्रदेश की, लेकिन मध्य प्रदेश की लड़ाई उत्तर प्रदेश में दिखनी शुरू हो गई। कमलनाथ ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के ‘अरे छोड़ो यार अखिलेश-वखिलेश’ कहा था, लेकिन उससे पहले ही उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश यादव को उनकी हैसियत दिखानी शुरू कर दी थी।
जुबानी जमा खर्च के बाद शुरु हुआ Poster war
कहा था समाजवादी पार्टी का मध्य प्रदेश में कोई जनाधार ही नहीं है तो काहे का गठबंधन? ये बात सपाइयों को बुरी लग गई। बुरी लगी तो लगी सपाइयों ने सीधे लखनऊ में ही पोस्टर लगा दिया कि 2024 में मोदी तो छोड़ो राहुल गाँधी क्या चीज हैं। और काहे का गठबंधन? अखिलेश भईया बनेंगे प्रधानमंत्री
![Poster war: लखनऊ की सड़कों पर राहुल गांधी बनाम अखिलेश यादव 2 WhatsApp Image 2023 10 28 at 11.41.45 AM](https://www.jantakeeawaz.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-28-at-11.41.45-AM.jpeg)
ये पोस्टर अभी लगे ही थे कि राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट की शुरुआत हो ही रही थी कि कॉन्ग्रेस ने नहले पर दहला मार दिया। कॉन्ग्रेस की ओर से और करारे और भयंकर पोस्टर लगाए गए। कॉन्ग्रेस ने तो 2024 में राहुल गाँधी के लिए प्रधानमंत्री पद का दावा तो ठोका ही 2027 में यूपी के मुख्यमंत्री पद पर भी दावा ठोक दिया।
नाम भी किसका लिया अजय राय का जो पिछले कई चुनाव खुद हार चुके हैं। अजय राय लोकसभा का चुनाव भी हारे कई बार और विधानसभा का तो खैर कहना ही क्या बाकी मुख्यमंत्री बनना है किसी का मन है तो दूसरा कैसे रोके। यही बात राहुल गाँधी पर भी लागू होती है। वो खुद अपनी अमेठी की लोकसभा सीट हार गए। वो तो भला हो वायनाड की जनता का जिसने राहुल गाँधी को लोकसभा भेज दिया।
![Poster war: लखनऊ की सड़कों पर राहुल गांधी बनाम अखिलेश यादव 3 WhatsApp Image 2023 10 28 at 11.41.37 AM](https://www.jantakeeawaz.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-28-at-11.41.37-AM.jpeg)
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश से दो अन्य नेताओं के प्रधानमंत्री बनने के दावों की। इस समय उत्तर प्रदेश की कथित तौर पर सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी (भाजपा को छोड़कर),,,,, समाजवादी पार्टी है। अखिलेश यादव इसी पार्टी के मुखिया हैं। उनकी पार्टी के पास विधानसभा में 109 सीटें हैं। इससे पहले साल 2017 के चुनाव में पार्टी के विधायकों की संख्या 47 ही थी जबकि 2012 में इनकी सरकार थी।
राहुल और अखिलेश में कौन बनेगा प्रधानमंत्री?
खैर अभी लोकसभा में समाजवादी पार्टी के पास 3 सीटें बची हैं। क्योंकि पार्टी उप-चुनाव में दो पारिवारिक सीटें गँवा चुकी है। खुद अखिलेश यादव ने जो आजमगढ़ की सीट खाली की थी वो भी समाजवादी पार्टी नहीं बचा पाई। आजम खान की रामपुर लोकसभा सीट भी भाजपा ने जीत ली। लोकसभा छोड़िए विधानसभा सीट भी सपा नहीं बचा पाई थी। लेकिन अखिलेश को बनना प्रधानमंत्री है और 2027 में फिर से विधायकी का चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बनना है?
खैर क्या सोच रहे हैं अखिलेश और अखिलेश के करीबी ये वही जाने लेकिन लोकसभा में 3 सांसदों वाली पार्टी के पास 3 ही सांसद राज्यसभा में भी हैं। जया बच्चन उनमें से हैं तो प्रोफेसर राम गोपाल साहब के लिए एक सीट मानो हमेशा रिजर्व ही रहती है। बाकी तीन लोकसभा सांसदों में उनकी पत्नी डिंपल मैनपुरी की अपनी घरेलू सीट से उप-चुनाव जीतकर लोकसभा पहुँची हैं तो दो सीटें मुस्लिम बाहुल्य वाली मुरादाबाद और संभल उनके पास बची हैं। संभव वाले बर्क साहब किसी को खाक कुछ नहीं समझते वो शरिया के आगे अखिलेश की क्या ही सुनेंगे। तो 3 लोकसभा सांसद लेकर प्रधानमंत्री पद का सपना तो देख ही सकते हैं।
अब बात कॉन्ग्रेस की कर लेते हैं। वैसे कॉन्ग्रेस की बात करने के लिए बचा ही क्या है? कॉन्ग्रेस के पास उत्तर प्रदेश से कोई राज्यसभा सांसद नहीं है। लोकसभा सांसद सिर्फ सोनिया गाँधी ही हैं। वह भी साल 2024 में चुनाव लड़ेंगी भी या नहीं ये अभी तय नहीं है। बाकी प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल की बात तो निराली है ही। अपनी ही लोकसभा सीट अमेठी को वो गँवा चुके हैं। 2024 में अमेठी से वो खड़े भी होंगे या नहीं ये भी किसी को पता नहीं है।
अगर बात विधानसभा की करें तो अखिलेश की पार्टी के कुल 2 ही विधायक 2022 में चुने गए थे बाकी रही बात अखिलेश यादव और राहुल गाँधी के प्रधानमंत्री बनने की तो दोनों ही कोशिश तो कर रहे हैं। ये अलग बात है कि न दोनों के पास ही ना सूत है और न ही कपास है
कहाँ तो दोनों मिलकर चुनाव लड़ने वाले थे मोदी जी को हराने के लिए,, कहाँ अब दोनों आपस में ही लड़ रहे हैं। वह भी सिर्फ उम्मीदवारी पाने के लिए। दोनों ही पार्टियों का उत्तर प्रदेश की ,,,80 सीटों में सिर्फ 4 सीटों पर कब्जा है। ये गिनती उन्हें प्रधानमंत्री कैसे बनाएगी अभी यही नहीं समझ आ रहा। बाकी राहुल गाँधी अगले लोकसभा चुनाव में कहाँ से चुनाव लड़ेंगे ये भी बड़ा सवाल है। इस तरह के पोस्टर लगाए जाने के बाद अब इंडिया गठबंधन का क्या होगा अपनी राय हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ