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Delhi Air Pollution: Pollution Control के लिए आज से शुरू Red Light On Gaadi Off Campaign

Delhi Air Pollution: दोस्तों हर साल इस मौसम में तापमान में गिरावट और जाड़े की आहट के साथ ही दिल्ली की हवा बिगड़नी शुरू हो जाती है। अभी से दिल्ली की हवा खतरनाक स्तर तक जाने लगी है ये हाल तो जब है जब दिल्ली सरकार ईमानदार सरकार लगातार प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ऐक्टिव है इतनी ऐक्टिव है की आपको पता ही होगा
जब कनॉट प्लेस में “देश के पहले स्मॉग टॉवर” का केजरिवल ने उद्घाटन किया था तब कहा था कि यह एक मील का पत्थर साबित होगा और अगर इस परियोजना के अच्छे परिणाम मिलते हैं तो शहर में ऐसे कई ढांचे स्थापित किए जा सकते हैं इसका गुणगान करने में केजरीवाल जी ने कोई कमी नहीं छोड़ी थी
यह देश में इस तरह का पहला स्मॉग टॉवर है. यह एक नयी तकनीक है. हमने इसे अमेरिका से आयात किया है.वगर्ह वगर्ह क्या ही बोला था लगभग 23 करोड़ का बना ये टावर जिसका उदेश्य था की एयर को प्युरफाइ करके लोगों की बीमारिया दूर करने में योगदान देगा पर आज खुद ये स्माग टावर बीमार पड़ा है जी हाँ , दिल्ली सरकार ने एक बार फिर जनता के पैसे धुआँ बनाकर उड़ा दिए

23 करोड़ रुपये की लागत से बना स्मॉग टॉवर

कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़क सिंह मार्ग पर लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से बना स्मॉग टॉवर पिछले सात महीनों से खराब पड़ा है। सूत्रों के अनुसार इंजीनियरों, ऑपरेटरों और सहायकों सहित 10 लोगों की एक टीम को सात महीने पहले साइट से हटा दिया गया था। चूंकि स्मॉग टावर का प्रभाव 50 मीटर के दायरे तक सीमित है इसलिए इसका निर्माण सार्वजनिक धन की बर्बादी है।

स्मॉग टावर का रखरखाव करने वाली टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड शुक्रवार को इस परियोजना को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को सौंप देगी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और दिल्ली सरकार दोनों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की।स्मॉग टॉवर का उद्घाटन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगस्त 2021 में किया था।
स्मॉग टॉवर एक बड़े आकार का एयर प्यूरीफायर होता है। यह अपने आसपास की गंदी हवा अंदर खींचता है। हवा में से गंदगी सोख लेता है और स्वच्छ हवा बाहर फेंकता है।,,,, कुल मिलाकर यह बड़े स्तर पर हवा साफ करने वाली मशीन की तरह है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले साल कहा

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले साल कहा था कि टावर 50 मीटर के दायरे में वायु प्रदूषण को 70-80% और 300 मीटर के भीतर 15-20% तक कम कर सकता है। इसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए आईआईटी-दिल्ली आईआईटी-बॉम्बे और डीपीसीसी के विशेषज्ञों की एक टीम दो साल की अवधि में विस्तृत अध्ययन करने में शामिल थी।

अक्टूबर 2022 में एक आरटीआई जवाब में कहा गया कि पर्यावरण विभाग ने टावर के रखरखाव और संचालन पर 2.5 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। दिल्ली में आनंद विहार में एक और स्मॉग टावर है, जो केंद्र द्वारा वित्त पोषित है जो सितंबर 2021 में शुरू हुआ।
आरटीआई से पता चला कि इसकी मासिक रखरखाव लागत पहले वर्ष के लिए 10.2 लाख रुपये थी जो दूसरे वर्ष के लिए बढ़कर 12.5 लाख रुपये होने की संभावना थी। विशेषज्ञों के अनुसार स्मॉग टावर प्रदूषण कम करने में मदद नहीं करते हैं और इनके रखरखाव और परिचालन लागत भी अधिक होती है।

Red Light On Gaadi Off Campaign मुहिम की शुरुआत

सोमवार को दिल्ली सहित समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली यानी ‘सफर’ के मुताबिक महानगर में इस दिन सुबह एक्यूआइ यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 और कुछ इलाकों में 335 तक पहुंच गया था। यह स्थिति तब है जब दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भी कुछ कदम उठाए गए थे।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि केजरीवाल सरकार ऑल-राउंट तैयारी कर रही है। प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए केजरीवाल सरकार 15 सूत्रीय विंटर एक्‍शन प्‍लान पर काम कर रही है। दिल्ली सरकार की ओर से ‘ग्रेप- 2’ की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। इसके तहत डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने के साथ-साथ गाड़ियों की पार्किंग में शुल्क बढ़ा दिए जाते हैं। सीएनजी इलेक्ट्रिक बसें और मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति में बढ़ोतरी कर दी जाती है ताकि लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल कम से कम करें।

दोस्तों इस साल धूल रोधी अभियान के तहत धूल प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 200 एंटी-स्मॉग गन की तैनाती की गई है पिछले साल विभाग ने 150 एंटी-स्मॉग गन तैनात की थीं। और अब दिल्ली सरकार 26 अक्टूबर से ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ मुहिम की शुरुआत कर रही है. इस अभियान के तहत दिल्ली के व्यस्त रेड लाइट पर सरकार के विधायक, पार्षद, RWA, इको क्लब और पर्यावरण मित्र के सदस्य लोगों को इस अभियान के प्रति जागरूक बना कर रेड लाइट के दौरान इंजन को ऑफ करने के लिए प्रेरित करेंगे

क्या दिल्ली सरकार कार्य नहीं करती ?

ऐसा नहीं है की दिल्ली सरकार कार्य नहीं करती ,करती है पर तब तक नहीं करती जब तक पानी सर पर न आजाए हर साल ये समस्या होती है पर अभी तक दिल्ली सरकार के पास इससे निपटने की कोई ठोस योजना नहीं है जब प्रदूषण से उपजी मुश्किलें गहराने लगती हैं और यह सार्वजनिक बहस का मुद्दा बनने लगता है तब सरकार वाहनों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले धुएं की रोकथाम की बात करने लगती है। उससे पहले कुछ सूझता ही नहीं दोस्तों अभी कुछ समय पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल जी ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की भी बात की थी। मगर केवल घोषणाओं के जरिए किसी भी समस्या से पार पाना संभव नहीं होता है।

वैसे भी ऐसे उपायों से कुछ समय तक के लिए और एक हद तक तो कुछ फर्क महसूस हो सकता है लेकिन जब तक प्रदूषण फैलाने वाले कारकों और उनकी जड़ों की पहचान करके उनसे निपटने के दीर्घकालिक उपाय नहीं किए जाएंगे तब तक दिल्ली की आबोहवा आम लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए जोखिम का जरिया बनी रहेगी।

दिल्ली सरकार कितनी भी एंटी स्माग गण तैनात करले असलियत से हम सब ,अच्छे से रूबरू है की जमीनी सतर कितना कार्य होगा और किस तरह से होगा ये तो आप अपने आस पास के इलाकों में देख सकते है होगा तो बस पैसों की बर्बादी प्रदूषण वही का वही रहेगा आपको दिल्ली सरकार का प्रदूषण कम करने का ये तरीका कैसा लगता है कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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