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Delhi-Mumbai Expressway: 2 घंटे में दिल्ली से जयपुर, पीएम मोदी 12 फरवरी को करेंगे सोहना दौसा रोड का उद्घाटन

Delhi-Mumbai Expressway: मोदी सरकार (Modi Government) में देश में सड़कों का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है. देश के सभी बड़े शहरों को आपस में जोड़ने का काम तेजी से जारी है.

Delhi-Mumbai Expressway: मोदी सरकार (Modi Government) में देश में सड़कों का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है. देश के सभी बड़े शहरों को आपस में जोड़ने का काम तेजी से जारी है. इसी कड़ी में दिल्ली से मुंबई का सफर अब आसान होने वाला है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) का पहला फेज बनकर तैयार हो चुका है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीएम मोदी (PM Modi) 4 फरवरी को इसके पहले फेज में सोहना-दौसा खंड (Sohna-Dausa Section) का उद्घाटन करने वाले हैं. यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होने वाला है. दिल्ली से मुम्बई की दूरी लगभग 1,350 किलोमीटर है. वहीं पहले फेज में हरियाणा के सोहना से राजस्थान का दौसा के बीच ही यातायात शुरू सकेगा. सोहना से दौसा के बीच की लंबाई 225 किलोमीटर है. पहले फेज का उद्घाटन हो जाने से दिल्ली से जयपुर का सफर काफी आसान हो जाएगा. एक्सप्रेसवे के खुल जाने से दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा के समय को लगभग दो घंटे कम हो जाएगा.

दिल्ली-मुंबई जाने में 12 घंटे का समय बचेगा

इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए सरकार ने 5 साल का लक्ष्य रखा था. इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 9 मार्च 2018 को रखी गई थी और 2024 में चुनाव से पहले इसके उद्घाटन की संभावना है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद कार से महज 12 घण्टे में दिल्ली से मुम्बई का सफर तय हो सकेगा. फिलहाल इस दूरी को तय करने में अभी लगभग 24 घण्टे लगते हैं.

Delhi-Mumbai Expressway 1 लाख करोड़ रुपये की आएगी लागत

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब एक लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. जानकारी के मुताबिक, इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल होगा जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है. Delhi-Mumbai Expressway साथ ही इसमें 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल होगा. हाईवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होगा. साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है.

चलती गाड़ी में कट जाएगा टोल

इस एक्सप्रेसवे पर टोल देने के लिए लाइन में लगने या गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. Delhi-Mumbai Expressway पूरे एक्सप्रेसवे पर नंबर प्लेट रीडर (NPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो चलती गाड़ी में ही फास्टटैग और नंबर प्लेट को स्कैन कर लिया करेंगे. इससे चलती गाड़ी में ही टोल कट जाया करेगा. Delhi-Mumbai Expressway सड़क परिवहन मंत्रालय पहले ही टोल दरों को मंजूरी दे चुका है. एक्सप्रेसवे पर रेस्तरां, फूड कोर्ट, रिसॉर्ट्स, फ्यूल स्टेशन समेत कई तरह की सुविधाएं यात्रियों को दी जाएंगी.

क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट


साल 2018 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत, राष्ट्रीय राजधानी और वित्तीय राजधानी के बीच यात्रा के समय को लगभग 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे करने और उनके बीच की दूरी को 130 किमी कम करने के लिए आठ-लेन का एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है. इस योजना पर ₹98,000 करोड़ की लागत होगी. Delhi-Mumbai Expressway यह प्रोजेक्ट 1,380 किमी लंबा होगा और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों को कवर करेगा. Delhi-Mumbai Expressway

इस परियोजना से जयपुर, उदयपुर, इंदौर, वडोदरा आदि सहित कई शहरों को भी आर्थिक रूप से लाभ होने की उम्मीद है. Delhi-Mumbai Expressway एक्सप्रेसवे के निर्माण से 320 मिलियन लीटर से अधिक की वार्षिक ईंधन बचत और CO2 उत्सर्जन में 850 मिलियन किलोग्राम की कमी होने की उम्मीद है.

बनाया जाएगा एनिमल ओवरपास


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना एशिया में पहली और दुनिया में केवल दूसरी है जिसमें एनिमल ओवरपास हैं. ओवरपास 7 किमी लंबे होंगे ताकि जानवरों के आवागमन में कोई परेशानी न हो. परियोजना में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के लिए दो 8-लेन सुरंगें भी शामिल होंगी, जो 4 किमी लंबी होंगी. Delhi-Mumbai Expressway दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण में 12 लाख टन स्टील की खपत होगी, जो ’50 हावड़ा ब्रिज’ के निर्माण के बराबर है. इसका निर्माण ‘भारतमाला परियोजना’ के पहले चरण का एक हिस्सा है और इसके मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है.

सुधरेगी कनेक्टिविटी


मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे को ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर की सुविधा दी जाएगी, जिससे FasTag के माध्यम से वाहनों से टोल टैक्स की कटौती होगी. Delhi-Mumbai Expressway इसके अलावा, यह दिल्ली, मुंबई, जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, जिससे लाखों लोगों को आर्थिक समृद्धि मिलेगी.

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