देश के कई राज्य भीषण गर्मी की चपेट में हैं. कई राज्यों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है. गर्मी की वजह से बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. कई राज्य कोयले की खपत से भी जूझ रहे हैं. कोयले की उपलब्धता में कमी देखी जा रही है और इस वजह से बिजली संकट (Power Crisis) गहराता जा रहा है. बिजली संकट का असर देश की राजधानी पर भी पड़ता दिख रहा है. कोयले की किल्लत से गहराते बिजली संकट के बीच दिल्ली सरकार Delhi Sarkar ने मेट्रो Metro , अस्पतालों Hospitals और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को बिजली आपूर्ति मुहैया कराने में असमर्थता जताई है. सरकार का कहना है कि मौजूदा हालात में बिना बाधित बिजली सप्लाई करना बहुत लंबे समय तक संभव नहीं है और इसमें दिक्कत आ सकती है.
कई राज्यों द्वारा ने केंद्र से दखल की अपील की हैं।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र Satyender jain ने स्थिति का आकलन करने के लिए गुरुवार को एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे. दिल्ली के कुछ हिस्सों में ब्लैक आउट से बचने के लिए और डीएमआरसी DMRC, अस्पतालों Hospitals और आगामी गर्मी के मौसम में बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए इन पॉवर स्टेशनों की अहम भूमिका रहती है. ऐसे में दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की उचित व्यवस्था होती रहे, इसके लिए केंद्र सरकार से मामले में दखल देने की अपील की है.
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन Satyender jain ने कहा कि राजधानी के कुछ इलाकों में लोगों को बिजली के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हरसंभव प्रयास कर रही है. वर्तमान में कोयले की कमी Power Crisis से जूझ रहे इन पॉवर स्टेशन के जरिए दिल्ली में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है. ऐसे में समस्या कभी भी गहरा सकती है
दिल्ली की बिजली कहां से कितनी आती है
झज्जर (अरावली) स्टेशन और एनटीपीसी NTPC के दादरी-2 की स्थापना मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी. दादरी-2, और झज्जर बिजली संयंत्र दिल्ली को प्रतिदिन 1,751 मेगावाट (मेगावाट) बिजली की आपूर्ति करते हैं. राजधानी को सबसे ज्यादा 728 मेगावाट की आपूर्ति दादरी-2 पावर स्टेशन से मिलती है, जबकि ऊंचाहार स्टेशन से 100 मेगावाट बिजली मिलती है.
कहा पर शुरू हुई कटौती क्या मेट्रो सेवाओं पर भी कटौती का असर
फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों में अघोषित कटौती का दौर शुरू होने की सूचना है. वहीं ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा कि देश भर के थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जो देश में बिजली संकट का संकेत हैं. दिल्ली मेट्रो Metro एवं अस्पताल Hospitals समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावाट पहुंची. बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) Discom के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दिल्ली में इस साल अप्रैल महीने में भीषण गर्मी पड़ने के चलते शहर में बिजली की मांग महीने की शुरुआत के बाद से 34 प्रतिशत बढ़ गई है. अप्रैल महीने के पहले पखवाड़े में ही घरेलू स्तर पर बिजली की मांग (Electricity Demand) बढ़कर 38 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई है।