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India’s First Cable Stayed Rail Bridge : जल्द खुलेगा देश का पहला ‘केबल वाला रेलवे ब्रिज

दोस्तों जम्मू-कश्मीर वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लाइन पर देश का पहला ‘केबल-स्टे रेल ब्रिज’ (Cable Stayed Rail Bridge) का काम पूरा होने वाला है. सड़क मार्ग से जम्मू से लगभग 80 किलोमीटर (India’s First Cable Stayed Rail Bridge) दूर बना अंजी ब्रिज कटरा और रियासी को जोड़ेगा. इस पुल के बनने से वहां से गुजरने वाले हजारों लोगों को फायदा होगा. पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की राष्ट्रीय परियोजना का एक हिस्सा है,,आपको बता दें इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर से थोड़ी ज्यादा है. जिसमें 473 मीटर लंबा हिस्सा केबल से जुड़ा है. साथ ही इस पुल को कुल 96 केबल सपोर्ट करते हैं.

ब्रिज के दोनों सिरे पर सुरंगें

जम्मू-कश्मीर में अंजी नदी पर इस साल मई तक भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज तैयार होने की उम्मीद है. तैयार होने के बाद जम्मू से करीब 80 किलोमीटर दूर बन रहे पुल पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी.कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच अंजी पुल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में पड़ता है.

यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला-रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है जिसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अगले साल पूरा करने की घोषणा की थी,,अधिकारियों के मुताबिक, अंजी ब्रिज का आखिरी डेक वाला हिस्सा, जिसे 213 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है, इस साल मई में पूरा होने की उम्मीद है क्योंकि पुल के छह और हिस्सों को लॉन्च किया जाना बाकी है.

केवल 52.5 मीटर हिस्से का काम बाकी

आपको बता दे की रेलवे पहले ही 47 में से 41 सेगमेंट पूरा कर चुका है. आपको बता दें कि केबल स्टे ब्रिज का सेंट्रल स्पैन 290 मीटर है और केवल 52.5 मीटर का हिस्सा पूरा होना बाकी है. अंजी पुल एक “विषम” पुल है जो एक ही तोरण पर खड़ा किया गया है और इसके दोनों सिरों पर सुरंगें हैं. कटरा छोर पर एक सुरंग 5 किमी लंबी है जबकि कश्मीर के छोर पर एक और 3 किमी लंबी है. अधिकारियों के मुताबिक, दोनों सुरंगों में एक ट्रैक बिछाया गया है.

अंजी पुल की संरचना

वर्तमान में, ट्रेनें उधमपुर से कटरा सेक्शन के बीच चलती हैं. 111 किमी कटरा से बनिहाल लाइन पर परियोजना का काम वर्तमान में चल रहा है और कोंकण रेलवे द्वारा अंजी और चिनाब पर पुलों सहित इस खंड के 52 किमी का निर्माण किया जा रहा है. बनिहाल और बारामूला भी ट्रेनों से जुड़े हुए हैं. एक बार पूरा हो जाने के बाद, USBRL परियोजना कश्मीर घाटी को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी.

दोस्तों इस पुल के पूरा होने के बाद, कश्मीर और कन्याकुमारी के बीच सीधी रेल सेवा शुरू हो जाएगी. इसकी मुख्य विशेषता यह है कि जब कश्मीर घाटी में बर्फ गिरती है तो कई सड़कों और राजमार्गों को बंद करना पड़ता है. एक बार यह रेल लाइन बन जाने के बाद, यह साल भर खुली रहेगी और इस रेल लाइन के माध्यम से, कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्सों से जुड़ी रहेगी

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