Vaishno Devi Yatra: वैष्णोदेवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी
Vaishno Devi Yatra: दोस्तों माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है. ट्रेन से उतरने के बाद श्रद्धालुओं को बस, ऑटो, टैक्सी, रोपवे और हेलीकॉप्टर के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा. भविष्य में स्टेशन से ही ट्रांसपोर्ट के सभी साधन मिल सकेंगे ,,जी हाँ
करीब 900 करोड़ रुपये की लागत से कटरा में इंटर मॉडल स्टेशन बनने जा रहा है. इंटरनल मॉडल स्टेशन बनने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक ही स्थान से सभी प्रकार की ट्रांसपोर्ट सर्विस मिलेगी.
करीब 900 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा स्टेशन
कटरा में 25 एकड़ जमीन पर 900 करोड़ रुपये की लागत से इंटरनल मॉडल स्टेशन बनाया जाएगा. इंटरनल मॉडल स्टेशन बनने के बाद वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बस, रेल, हेलीकॉप्टर की सेवा एक ही स्थान से मिल सकेगी. यानि की इंटरनल मॉडल स्टेशन बनने के बाद लोगों को बस, ट्रेन या हेलिकॉप्टर सेवा के लिए अलग-अलग स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा. एक ही जगह पर तीनों ट्रांसपोर्ट की सर्विस लोगों को मिलेगी.इंटरनल मॉडल स्टेशन पर टैक्सी, ऑटो रिक्शा के लिए भी अतिरिक्त पार्किंग स्टैंड भी बनाए जाएंगे. दिल्ली से कटरा आने वाले एक्सप्रेस हाईवे को इंटर मॉडल स्टेशन के साथ ही जोड़ा जाएगा. जिससे श्रद्धालुओं के कटरा पहुंचते ही एक ही जगह पर सब सुविधाएं उपलब्ध हो जाएँगी.
जानिए किन कंपनियों के बीच हुआ है एग्रीमेंट?
इंटरनल मॉडल स्टेशन बनाने का काम नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को दिया गया है. कटरा डेवलपमेंट अथॉरिटी और
हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के बीच इसके लिए करार हुआ है. कटरा SDM अंग्रेज सिंह ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा खास निर्देश दिए गए हैं. जिसमें कहा गया है कि इंटर मॉडल स्टेशन का नक्शा वर्ल्ड क्लास आर्किटेक्ट द्वारा ही बनाया जाएगा ताकि यह बेहतरीन बन सके.
केबिन में एक बार में आठ लोग बैठ सकेंगे.
आपको बता दे की हाल ही में माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोपवे सेवा देने के लिए मंजूदी दी गई थी. जिसमें कटरा से अर्धकुमारी तक रोपवे का निर्माण किया जाना है. कटरा से अर्धकुमारी के बीच बनने वाले रोपवे की लंबाई 1281.20 मीटर होगी. इसकी ऊंचाई अधिकतम 590.75 मीटर तक होगी. इस रोपवे के जरिए हर घंटे एक तरफ से 1500 यात्रियों को ले जाना संभव होगा सकेगा. केबिन में एक बार में आठ लोग बैठ सकेंगे. रोपवे निर्माण पर करीब 94 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.
दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालओं के लिए RFID कार्ड
गौरतलब है कि श्राइन बोर्ड कि तरफ से अब माता के दर्शन के लिए यात्रियों को पर्ची की जगह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID ) कार्ड दिए जाने की व्यवस्था की गई है। यह सर्विस एक अगस्त से शुरू की गई है।एक अगस्त से यात्री पर्ची की बजाय नई आरएफआईडी (RFID) सर्विस को शुरू कर किया गया है। यानि अगर आप अगले महीने माता के दर्शन के लिए जाने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको यात्री पर्ची लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा।
इसके लिए कंट्रोल रूम होगा। इस कार्ड में भक्तों की तस्वीर के साथ पूरी तरह की जानकारी होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालु को श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से RFID कार्ड मिलेगा। यात्रा पूरी करने के बाद श्रद्धालु को इस कार्ड को वापस करना होगा। सबसे खास बात यह है कि इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।