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BCCI में जारी रहेगी जय शाह की ‘दादागीरी’ ?

Supreme Court On BCCI: दोस्तों एक तरफ PM मोदी ये दावा करते है की उनकी लड़ाई परिवारवाद वाली राजनीती के खिलाफ है,,दूसरी तरफ हमारे गृह राज्य मंत्री अमित शाह के बेटे को पद पर बनाए रखने के लिए बाकायदा BCCI का पूरा संविधान ही बदल दिया गया,,जी हाँ,,,दोस्तों जय शाह को पद पर बनाए रखने के लिए BCCI सुप्रीम कोर्ट तक चली गई,,और जो नियम कानून थे वो बदल दिया गया,,ताकि अमित शाह के बेटे जय शाह अपनी गद्दी पर राज करते रहे.

BCCI: जारी रहेगा जय शाह और गांगुली का कार्यकाल!

दरअसल दोस्तों BCCI के संविधान के मुताबिक कोई भी सदस्य राज्य संघ या बोर्ड में ३-3 साल यानि कुल 6 साल तक के लिए रह सकता था। इसके बाद तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड होता था। दोस्तों इसका सीधा सा मतलब ये है की इस दौरान वो बोर्ड या राज्य संघ से नहीं जुड़ सकता था। अब इस नियम में बदलाव कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अब 6 साल तक राज्य और 6 साल तक बोर्ड में अलग-अलग रह सकता है। इसके बाद उसे कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा। दोस्तों इसका सीधा सा मतलब ये है दोस्तों जिस व्यक्ति का कार्यकाल 3 साल का था उसे बढ़ा कर अब 6 साल कर दिया गया है,,यानि अब जय शाह 2027 तक सचिव बने रह सकते हैं.

BCCI: जय शाह के पद के लिए BCCI ने बदला कानून

दोस्तों वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी जिसकी लाठी उसकी भैंस,,,यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ है,,सिर्फ जय शाह को पद पर बनाएं रखने के लिए,,BCCI ने अपना पूरा संविधान ही बदल दिया,,,दोस्तों एक तरफ जहां अग्निवीरों को 4 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट की योजना हमारी केंद्र सरकार बना रही है,,वही हमारे गृह मंत्री के बेटे को पद पर बनाएं रखने के लिए सारे नियम कानून बदले जा रहे है.

BCCI: गृह मंत्री के बेटे जय शाह BCCI में बरकरार

दोस्तो आप जानते है जय शाह की उम्र कितनी है 33 साल यानी 30 साल की उम्र में ही वो BCCI के सेक्रेटरी बन गए थे,,तो क्रिकेट में उनका ऐसा कौन सा योगदान था,,इसलिए कन्या कुमार जैसे नेता ये पूछते है की आपके बेटे ने ऐसा कौन सा काम किया है जिसकी वजह से उनको BCCI में इतनी बड़ी जगह मिल गई.

BCCI: नेता क्रिकेट बोर्ड में कुंडली मार कर बैठे हुए है,

दोस्तों हकीकत ये है की क्रिकेट में पैसा और पावर दोनों बेहद बहुत जबरदस्त है,,क्रिकेट बोर्ड में बड़े पदों पर बैठे लोगों का जलवा आज के दौर में बॉलीवुड और  राजनीती से बहुत ज्यादा है,,इसलिए ज्यादातर राज्यों के क्रिकेट बोर्ड या Board of Control for Cricket in India में आप देखेगें की शुरुआत से ही नेता क्रिकेट बोर्ड में कुंडली मार कर बैठे हुए है,,इसलिए जब PM मोदी गुजरात के CM थे,,तब गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने थे,,जिसके बाद अमित शाह ने वो पद संभाला और  उनके बेटे जय शाह को क्रिकेट संघ में एंट्री मिली,,फिर वो Board of Control for Cricket in India के सेक्रेटरी बना दिए गए,,,तो दोस्तों क्या ये परिवारवाद नहीं है,,,दोस्तों BCCI में जो ये पूरा खेला हुआ है.

BCCI:अब लगातार दो कार्यकाल करेंगे

 संशोधन के बाद राज्य संघों में उनके पहले के कार्यकाल के बावजूद वह लगातार दो कार्यकाल करेंगे। ऐसे में सौरव गांगुली और जय शाह की कुर्सी अब संकट में नहीं है। दोनों ही लगातार दूसरी बार अपनी पोस्ट पर बने रहेंगे। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और हिमा कोहली ने बुधवार को कहा कि ‘आवेदन पर विचार करने के बाद हमारा विचार है कि प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि न्याय मित्र द्वारा प्रस्तावित संशोधन बीसीसीआई को स्वीकार्य है।

BCCI: जानें क्या होता है कूलिंग ऑफ पीरियड

 भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पहले के नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय और स्टेट बोर्ड में लगातार 6 साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकता है। उसे अगर आगे भी BCCI या स्टेट बोर्ड में पद लेना है तो उसे 3 साल का कूलिंग पीरियड का नियम का पालन करना होगा। इसका सीधा मतलब है कि वह 3 साल तक ऐसे किसी भी पद पर कार्यरत नहीं रहेगा। इस नियम के तहत सौरव गांगुली और जय शाह का कार्यकाल सितंबर में खत्म होने वाला था। लेकिन अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। अब एक व्यक्ति पहले राज्य संघ में तीन-तीन साल के दो कार्यकाल के लिए सेवा दे सकता है और फिर कूलिंग-ऑफ के लिए जाने से पहले सीधे दो कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सदस्य के रूप में चुना जा सकता है।



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