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Agnipath Scheme:अग्निपथ वीर योजना क्या है?

दोस्तों भारत सरकार ने तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना का शुभारभ कर दिया है। कई राज्यों में इस योजना का विरोध हो रहा है जिसको लेकर भारत सरकार ने कुछ बदलाव किये है। आज हम आपको अग्निपथ योजना से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकरी देंगें जिसमे हम आपको ये बताएंगें की अग्निपथ वीर योजना क्या है? इसके क्या लाभ और हानि है? भारत सरकार द्वारा इस योजना में क्या बदलाव किये गये है? Agneepath Yojana में आवेदन के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।


दोस्तों सबसे पहले बात करते है की अग्निपथ योजना क्या है दोस्तों सेना को पहले से ज्यादा आधुनिक और युवाओं को अधिक मौका देने के लिए भारत सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी “अग्निवीर” योजना लॉन्च की है। यह योजना तीनों सेनाओं जल सेना, थलसेना और वायु सेना में चार साल सेवा देने के लिए मौका दिया जायेगा। चार साल तक तीनों सेनाओं में सेवा देने वाले सैनिक अग्निवीर सैनिक कहलायेंगे। सरकार का कहना है कि चार साल तक सेवा देने के बाद इसमें से 25 प्रतिशत अग्निवीर सैनिक को स्थानी नौकरी दी जायेगी। यानि उनको पक्का कर दिया जाएगा और बाकि 75 प्रतिशत अग्निवीरों को सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपक्रमों में लाभ दिया जायेगा। सरकारी भर्तियों में छूट दी जायेगी। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अग्निवीर को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 14 जून को अग्निवीर योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत सेना में भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराया जायेगा। इसमें सर्विस की जरूरतो के अनुसार महिला और पुरुषों को मौका मिलेगा। जो लोग आवेदन करेंगे उनकी उम्र 17.5 से 23 साल तक के युवा आवेदन कर सकेंगे।

अग्निपथ योजना में अग्निवीरों की क्या योग्यता होनी चाहिए ?
इस योजना में अग्निवीरों की क्या योग्यता होगी आपको बता दे की ये भर्ती प्रक्रिया साल में दो बार निकाली जायेगी। यानि कि 6-6 महीने के अन्तराल पर आवेदन किया जा सकता है। भारत के वे युवा जो 10वीं या 12वीं पास हैं और जिनकी उम्र सीमा 17.5 से 23 साल के बीच है, वे इस भर्ती के योग्य होंगे। इसमें महिला-पुरुष दोनों अभ्यर्थियों को एक सामान मौका दिया जायेगा। अगर शारीरिक दक्षता की बात करें तो इसमें सेना वाली ही फिजिकल स्टैण्डर्ड होंगी। वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे।

अग्निपथ भर्ती योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
अग्निपथ योजना से जुड़ने के लिए आपके पास आधार कार्ड ,पैन कार्ड,पासपोर्ट साइज फोटो,एक मोबाइल नंबर चालू अवस्था में हो,अपना बैंक खाता विवरण शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र की जरुरत होगी

अग्निपथ योजना का उद्देश्य क्या है?
सरकार की ओर से यह कदम सेना की औसत उम्र कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस समय सेना की औसत उम्र 32 साल है, जिसे अगले कुछ सालों में कम करके 26 साल करने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही इस योजना से रक्षा बलों के खर्च को कम करने की दिशा में सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है। योजना के तहत इस साल 45 हज़ार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।

अग्निवीरों की सैलरी कितनी होगी ?
दोस्तों अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किये गए ‘अग्निवीरों’ को पहले साल 30 हज़ार रुपये मासिक वेतन दिया जायेगा। EPF/PPF की सुविधा के साथ ‘अग्निवीरों’ को पहले साल कुल 4.76 लाख रुपये मिलेंगे। चौथे साल का वेतन 40 हज़ार रुपये यानी सालाना 6.92 लाख रुपये हो जायेंगे। सेना में चार साल की नौकरी की सेवा शर्त पूरी करने के बाद करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत राशि दी जाएगी। इसके साथ ही अग्निवीरों को भत्ते में रिस्के एंड हार्डशिप, राशन, ड्रेस और ट्रैवल एलाउंस शामिल होंगे। ‘अग्निवीर’ ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी लाभों के हकदार नहीं होंगे। ‘अग्निवीरों’ को भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी अवधि के लिए 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।

अग्निवीर के शहीद या हादसे का शिकार होने पर क्या होगा ?
दोस्तों अगर सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा। परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी। सेवा के दौरान अगर जवान दिव्यांग हो जाता है तो दिव्यांगता के प्रतिशत के हिसाब से मुआवज़ा दिया जायेगा और इसके साथ ही बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी भी जवान को दी जाएगी।

अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा?
दोस्तों चार साल के बाद लगभग 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोज़गार के अवसरों में सहायता मिलेगी। सेना केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को चार साल बाद रिटेन करेगी जो निपुण और सक्षम होंगे।

भारत सरकार द्वारा अग्निपथ योजना में किये गये बदलाव
कोविड के कारण चार साल से सेना में कोई भर्ती नहीं की गयी। जिसके चलते भारत सरकार ने आयु में छूट देने की घोषणा की है। 23 साल तक के युवा इस बार आवेदन कर सकते है। बता दे की ये छूट सिर्फ इस साल के लिए ही है गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

अग्निपथ योजना के लाभ
दोस्तों अब हम आपको अग्निपथ योजना से अग्निवीरों को क्या लाभ मिलेगा वो बताते है सेवा के 4 साल पूरे होने पर अग्निवीरों को 11 लाख रुपए का एकमुश्त ‘सेवा निधि’ पैकेज का भुगतान किया जाएगा जिसमें उनका अर्जित ब्याज शामिल होगा। साथ ही उन्हें चार साल के लिये 48 लाख रुपए का जीवन बीमा कवर भी मिलेगा। मृत्यु के मामले में भुगतान न किये गए कार्यकाल के लिये वेतन सहित 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि होगी। सरकार चार साल बाद सेवा छोड़ने वाले सैनिकों के पुनर्वास में मदद करेगी। उन्हें स्किल सर्टिफिकेट और ब्रिज कोर्स प्रदान किये जाएंगे। इससे रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और चार साल की सेवा के दौरान प्राप्त कौशल और अनुभव के कारण ऐसे सैनिकों को विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार मिलेगा।

अग्निवीर योजना की हानि
दोस्तों कई राज्यों में युवा वर्ग इस योजना का विरोध कर रहे है युवाओं का कहना है की इस योजना से उनको कोई फायदा नहीं मिलेगा अब हम आपको इस योजना से जुडी हानियां बात देते है इस अग्निवीर योजना में चार साल के सेवा काल का मतलब होगा कि उसके बाद अन्य नौकरियांँ उनकी पहुंँच से बाहर होंगी और चार साल की अवधि पूरा करने वाले सैेनिक पूरी सेवा के लिये पात्र नहीं होगे। अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों को कोई पेंशन लाभ प्राप्त नहीं होगा ऐसी स्थिति में अग्निवीरों को अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरी नौकरी की तलाश करना ज़रूरी होगा।

भारत की सेना चार साल के अनुभवी सैनिकों को बाहर कर देगी जिससे सेना अनुभवी सैनिकों का अभाव महसूस करेगी। थल सेना, नौसेना और वायु सेना में शामिल होने वाले जवानों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा लेकिन इनमें पुरुष और महिलाओं को चार साल बाद सेवा से बाहर कर दिया जाएगा, यानि की वो बेरोजगार हो जाएंगें उनको दुबारा कही नौकरी मिलेगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।


भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई अग्निवीर योजना को देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। साथ ही इस योजना को सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा भी उचित माना गया है। इसके लाभ और हानियों को देखते हुए कुछ लोग इस योजना के समर्थन में है तो वही कुछ लोग इस योजना का जोरदार विरोध कर रहे हैं।

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