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Arvind Kejriwal: बिना कागज-कलम और कंप्यूटर के CM केजरीवाल ने कैसे दिया आदेश?

Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ed की कस्टडी में हैं. केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया और पार्टी का कहना है कि अगर वे जेल भी जाते हैं तो जेल से ही वे सरकार चलाएंगे. रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से एक आदेश जारी किया गया अब आप बताये बिना कागज और कंप्यूटर के क्या लिखित आदेश निकाला जा सकता है? आपका जवाब ‘नहीं’ होगा।

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जेल से आदेश दिया है कि राजधानी में निर्बाध जल की आपूर्ति हो और लोगों को कोई दिक्कत ना आए। अब इसमें अहम बात यह है कि जिस आदेश को आतिशी ने दिखाया है वह प्रिंटेड है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल अगर ईडी की कस्टडी में हैं तो उन्होंने प्रिंटेड आदेश कैसे दिया क्योंकि उन्हें न तो कंप्यूटर दिया गया है ना ही कोई कागज मुहैया कराया गया है और जो प्रिंटेड आर्डर है उस पर केजरीवाल के साइन भी हैं।

अरविंद केजरीवाल ने हिरासत से एक और आदेश जारी

ईडी की हिरासत से जारी किए गए पहले आदेश को लेकर चल रहे विवाद के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिरासत से एक और आदेश जारी किया है। नया आदेश स्वास्थ्य विभाग को जारी किया गया है। आप के सूत्रों ने पुष्टि की कि निर्देश स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है और इसे मुख्यमंत्री ने मंत्री सौरभ भारद्वाज को भेजा है

इससे पहले रविवार को दिल्ली की जल मंत्री अतिशी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में बताया की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल में रहते हुए भी दिल्ली की जनता के हित में बतौर जल मंत्री उनके पास एक ऑर्डर भेजा है सीएम केजरीवाल ने अपने आदेश में लिखा था “मुझे पता चला है कि दिल्ली के इलाकों में पानी और सीवर की काफी समस्या हो रही है। इसे लेकर मैं चिंतित हूं। मैं जेल में हूं इस वजह से लोगों को जरा भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए गर्मियां भी आ रही हैं और जहां पानी की कमी है वहां उचित संख्या में टैंकरों का इंतजाम कीजिए। मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को उचित आदेश दीजिए ताकि जनता को किसी तरह की परेशानी ना हो। जरूरत पड़ने पर उपराज्यपाल महोदय का भी सहयोग लें। वे भी आपकी मदद जरूर करेंगे।”

अब सवाल ये है की ईडी अधिकारियों की ओर से अरविंद केजरीवाल को न तो कंप्यूटर दिए गया था और न ही कोई कागज मुहैया कराया गया था. इस स्थिति में ईडी कस्टडी से केजरीवाल के साइन किए गए ऑर्डर के कागज कैसे बाहर आ गए. ईडी ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच करने की भी बात कही गई कि आखिर केजरीवाल के पास कागज और कंप्यूटर कहां से पहुंचे. जो ऑर्डर की कॉपी मीडिया में बाहर आई है, वह कंप्यूटर से टाइप किया हुआ और कागज पर प्रिंटेट है. अरविंद केजरीवाल 28 मार्च तक ईडी की कस्टडी में रहेंगे. सूत्रों ने दावा किया है कि ईडी इस बात के लिए पता लगा रही है कि आखिर अरविंद केजरीवाल के पास कंप्यूटर और कागज कैसे पहुंचा.

ईडी की जांच का इंतजार

दरअसल, सुनीता केजरीवाल ने शनिवार की शाम ईडी मुख्यालय में, अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। हाथ में कुछ कागजात लेकर वह ईडी कार्यालय से बाहर निकलकर कुछ कर्मचारियों के साथ कार में बैठती देखी गईं। जांच की जा रही है। बीजेपी ने इस पूरे मामले को पहले से ही स्क्रिप्टेड बताया है लेकिन सुनीता केजरीवाल के इस नए अदान-प्रदान ने इस विवाद को और गहरा बना दिया है। इस संदर्भ में ईडी की जांच का इंतजार किया जा रहा है जिससे कि कैसे और कहां से इस ऑर्डर की प्रक्रिया पूरी हुई। यह जांच निर्णायक हो सकती है इस विवाद को समाधान करने के लिए।,,ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या मुख्यमंत्री के सहयोगियों और कर्मचारियों द्वारा संभाले गए मोबाइल फोन फॉर्मेट किए गए थे या नीति खत्म होने के तुरंत बाद गायब हो गए थे

इस बीच अभी तो केजरीवाल ईडी की कस्टडी में हैं लेकिन अगर जेल जाते हैं तो सरकार चलाना मुश्किल होगा। अगर केजरीवाल जेल जाते हैं तो उनके लिए भी सामान्य कैदियों की तरह ही नियम होंगे। जैसे कैदी से किसी भी तरह की कोई भी फाइल साइन के लिए नहीं भेजी जा सकती। कैदी से मिलने के लिए भी जेल प्रशासन को नाम देने होते हैं। अनुमति के बाद सिर्फ एक बार में 3 लोग ही मुलाकात कर सकते हैं।

दोस्तों पहला सवाल तो ये लाजमी है आखिर आदेश कैसे दिया गया बिना पेन पेपर कंप्युटर के और दूसरा ये केजरीवाल जी के पास कोई मंत्रालय नहीं जिन्हे आदेश भेजा गया आतिशी वो खुद जल मंत्री है क्या उन्हे मालूम नहीं है दिल्ली की जल समस्या के बारे में मालूम होगा जरूर फिर भी जेल से आदेश भेजने के पीछे की वजह क्या हो सकती है आप अपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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