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Delhi Mayor Election: दिल्ली को आज मिल सकता है नया मेयर, सब रहेगा मंगल या फिर होगा दंगल?

Delhi Mayor Election: दिल्ली में नगर निगम चुनाव के बाद मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर AAP और BJP के बीच घमासान देखने को मिल रहा है.

Delhi Mayor Election: दिल्ली में नगर निगम चुनाव के बाद मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर AAP और BJP के बीच घमासान देखने को मिल रहा है. मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली के मेयर के लिए बड़ा दंगल होने की संभावना है. आज होने वाली बैठक में निर्वाचित पार्षद सबसे पहले शपथ लेंगे. दिल्ली को आज महिला मेयर मिल सकती हैं. Delhi Mayor Election राष्ट्रीय राजधानी को 10 साल बाद पूरे शहर के लिए महिला मेयर मिलेगी. 1958 में दिल्ली नगर निगम का गठन हुआ था और उसी साल पहली मेयर के रूप में स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसफ अली चुनी गई थीं. जबकि लॉ स्कॉलर रजनी अब्बी 2011 में MCD के तीन हिस्सों में बंटवारे से पहले आखिरी मेयर थीं.

बता दें कि जनवरी 2012 में कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया था. इसके बाद नॉर्थ दिल्ली (NDMC), साउथ दिल्ली (SDMC) और ईस्ट दिल्ली (EDMC) नगर निगम बन गई थी. प्रत्येक का अपना महापौर होता था. हालांकि, पिछले साल फिर से तीनों को एक कर दिया गया है और दिल्ली नगर निगम (MCD) फिर से अस्तित्व में आ गया है. दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होना था. लेकिन हंगामे के चलते बैठक स्थगित हो गई थी. अब MCD की दूसरी मीटिंग मंगलवार को होने जा रही है. Delhi Mayor Election

एमसीडी के सदन का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन मेयर का कार्यकाल एक साल के लिए होता है. Delhi Mayor Election एमसीडी एक्ट के तहत पहले साल महिला पार्षद को मेयर चुने जाने का प्रावधान है, जबकि डिप्टी मेयर के मामले में कोई नियम नहीं है. इसके बाद दूसरे साल मेयर का पद सामान्य होता है, Delhi Mayor Election जिसमें कोई भी पार्षद चुना जा सकता है, लेकिन तीसरे साल मेयर पद दलित समुदाय के लिए रिजर्व होता है. Delhi Mayor Election ऐसे में दलित समाज से आने वाला कोई भी पार्षद मेयर चुना जा सकता है, Delhi Mayor Election लेकिन चौथे और पांचवें साल मेयर का पद अनारक्षित होता है. एमसीडी की सबसे अधिकार वाली स्थायी समिति के अध्यक्ष पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है. इस तरह दिल्ली को इस साल एक महिला मेयर मिलेगी.

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सदन की तैयारियां पूरी

दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक के लिए तैयारी पूरी कर ली है. सदन की बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी. जहां सिविक सेंटर में पार्षदों की केवल उन गाड़ियों का ही प्रवेश होगा जो निगम द्वारा जारी स्टीकर को लेकर आएंगे. Delhi Mayor Election इसके अलावा राजनीतिक दलों की दूसरी गाड़ियों का प्रवेश नहीं होगा. साथ ही कार्यकर्ताओं को सिविक सेंटर के ए ब्लाक भूतल पर कार्यकर्ताओं के लिए स्क्रीन लगाई गई है. Delhi Mayor Election जहां पर कार्यकर्ता सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देख सकेंगे.

इससे पहले दिल्ली के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव 6 जनवरी को बीजेपी और आप के बीच हंगामे की वजह से स्थगित कर दिया गया. Delhi Mayor Election ऐसा करने के पीछे वजह यह थी कि आम आदमी पार्टी ने परंपरा के विपरीत पीठासीन अधिकारी द्वारा पहले एल्डरमैन काउंसलर को शपथ दिलाने का विरोध किया था, जिसकी वजह से से सदन में मारपीट की नौबत बन आई थी.

‘आप’ सदन की कार्यवाही सूची से सहमत : पाठक

आम आदमी पार्टी ने कहा कि महापौर का चुनाव संविधान के मुताबिक हो तो वह उससे सहमत हैं। ‘आप’ के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘सदन की बैठक को लेकर जो कार्यसूची जारी की गई है उससे हम सहमत हैं। उम्मीद करते हैं कि उसके हिसाब से कार्यवाही आगे बढ़ेगी। भाजपा भी उस कार्यसूची के अनुसार ही कार्यवाही को आगे बढ़ने देगी।’ पार्टी कार्यालय में पत्रकारवार्ता में पाठक ने कहा कि एमसीडी की ओर से 24 जनवरी को होने वाली सदन की बैठक लेकर कार्यसूची जारी की गई है। उसके मुताबिक पार्षद, फिर मनोनीत पार्षद शपथ लेंगे। उसके बाद महापौर, उपमहापौर समेत अन्य स्थायी समितियों को लेकर चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। ये सूची संविधान को जानने वालों ने जारी की है। हम पहले दिन से कह रहे हैं कि संविधान के मुताबिक चुनाव हो।
पाठक ने कहा कि हम महापौर, उपमहापौर के चुनाव में भी शामिल होंगे। हम चाहते हैं कि दिल्ली को स्वच्छ बनाने का जो सपना हमने देखा है उसे पूरा करना है। भाजपा से भी यही उम्मीद करते हैं कि वो एमसीडी की ओर से सदन को लेकर जारी कार्यसूची को माने।

अरुणा आसफ के नाम पर सड़क का भी नाम

बताते चलें कि दिल्ली नगर निगम अप्रैल 1958 में अस्तित्व में आया था. MCD ने 1860 के दशक में पुरानी दिल्ली में ऐतिहासिक टाउन हॉल से अपनी यात्रा शुरू की थी और अप्रैल 2010 में शानदार सिविक सेंटर कैंपस में पहुंच गया था. दिल्ली में पहली मेयर अरुणा आसफ अली की तस्वीरें आज भी टाउन हॉल में पुराने नगरपालिका भवन के कक्षों और सिविक सेंटर के कार्यालयों में लगी हैं. Delhi Mayor Election शहर की एक प्रमुख सड़क का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है.

‘दिल्ली के लिए सौभाग्य की बात है’

उत्तरी दिल्ली के पूर्व मेयर और भाजपा के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि अब फिर से पूरे शहर के लिए एक मेयर होगा. उन्होंने बताया कि अरुणा आसफ अली दिल्ली की पहली मेयर थीं Delhi Mayor Election और रजनी अब्बी 2012 में एमसीडी के तीन हिस्सों में बंटवारा होने तक आखिरी मेयर थीं. अब 10 साल बाद फिर से एक महिला मेयर होंगी. यह दोनों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है. शहर के साथ-साथ वह व्यक्ति जो दिल्ली का मेयर बनेगा.

10 साल बाद दिल्ली को मिलेगी महिला मेयर

दिल्ली को आज महिला मेयर मिल सकती हैं। Delhi Mayor Election राजधानी को 10 साल बाद पूरे शहर के लिए महिला मेयर मिलने जा रही है। साल 1958 में दिल्ली नगर निगम का गठन हुआ था। उसी साल पहली मेयर के रूप में स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसफ अली चुनी गई थीं। जबकि लॉ स्कॉलर रजनी अब्बी 2011 में MCD के तीन हिस्सों में बंटवारे से पहले आखिरी मेयर थीं।

2011 में कांग्रेस को हराकर जीती थीं रजनी अब्बी

अप्रैल 2011 में बीजेपी की उम्मीदवार रजनी अब्बी ने कांग्रेस की सविता शर्मा को 88 वोटों से हराया था और दिल्ली की मेयर चुनी गईं थीं. अब्बी तब दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर थी और वर्तमान में विश्वविद्यालय के डीन के रूप में कार्यरत हैं. तीन हिस्सों में बंटने के बाद 2012 में तीनों निगमों NDMC, SDMC और EDMC के लिए महापौर के चुनाव हुए थे. Delhi Mayor Election अप्रैल 2012 में मीरा अग्रवाल को तत्कालीन नवनिर्मित MDMC के मेयर के रूप में निर्विरोध चुना गया था, जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी आजाद सिंह डिप्टी मेयर बने थे. मई 2012 में अन्नपूर्णा मिश्रा को सर्वसम्मति से पूर्वी दिल्ली का मेयर चुना गया, जबकि उनकी पार्टी की सहयोगी उषा शास्त्री डिप्टी मेयर बनीं.

2012 में बीजेपी की सविता दक्षिण दिल्ली की मेयर बनी थीं

इसके अलावा मई 2012 में एक कड़े मुकाबले में भाजपा की सविता गुप्ता को दक्षिण दिल्ली के पहले मेयर के रूप में चुना गया था. गुप्ता, अमर कॉलोनी की तत्कालीन पार्षद थीं. Delhi Mayor Election उन्होंने 66 वोट हासिल किए थे और राकांपा की फूलकली को 20 मतों के अंतर से हराया था. जबकि बसपा के बीर सिंह डिप्टी मेयर पद के लिए मदनपुर खादर से निर्विरोध पार्षद निर्वाचित हुए थे.

AAP और BJP के बीच मुकाबला

निकाय चुनाव के बाद दूसरी बार सदन की की बैठक 24 जनवरी को होने जा रही है. मेयर चुनाव में आप की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय हैं. Delhi Mayor Election जबकि बीजेपी की रेखा गुप्ता उम्मीदवार हैं. डिप्टी मेयर के लिए बीजेपी से कमल बागड़ी और AAP से आले मोहम्मद इकबाल उम्मीदवार हैं. स्टैंडिंग कमेटी के 6 सीटों पर सात उम्मीदवार हैं. इनमें बीजेपी से कमलजीत शेहरावत, गजेन्द्र दराल और पंकज लूथरा का नाम है. AAP से आमिल मलिक, रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी का नाम है.

पहली बैठक में आप और बीजेपी में हुई थी झड़प

आपको बता दें कि 6 जनवरी को नवनिर्वाचित एमसीडी परिषद की पहली बैठक महापौर और उपमहापौर के चुनाव के बिना स्थगित करना पड़ा था। Delhi Mayor Election क्योंकि पहले 10 ‘एल्डरमेन’ को शपथ दिलाने के पीठासीन अधिकारी के फैसले पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के बीच झड़प हो गई थी।

चुनाव नारेबाजी, हंगामा और मारपीट में हो गया तब्दील

पिछली बार छह जनवरी को एमसीडी मेयर, डिप्टी मेयर स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव सिविक सेंटर में था। जैसे ही उपराज्यपाल द्वारा घोषित पीठासीन अधिकारी भाजपा की सत्य शर्मा ने शपथ ग्रहण किया, वैसे ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से नारे लगने लगे और फिर भाजपा के पार्षदों की ओर से भी नारे लगने लगे और देखते ही देखते यह नारेबाजी हंगामा और मारपीट में तब्दील हो गई।

AAP ने हासिल किया है बहुमत

आम आदमी पार्टी (आप) ने 134 वार्ड जीतकर चुनाव जीता और नगर निकाय में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था. भाजपा ने 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया था. जबकि कांग्रेस ने 250 सदस्यीय नगरपालिका सदन में 9 सीटों पर जीत हासिल की.

पिछले साल हुआ था एकीकरण

तीन निगमों को एमसीडी में एकीकृत करने के बाद नए परिसीमन की कवायद की गई. 2012 में वार्डों की कुल संख्या 272 थी, जिसे घटाकर 250 कर दिया गया. 4 दिसंबर को निकाय चुनाव हुआ और AAP ने बंपर जीत हासिल की. आप ने 134 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी. वोटों की गिनती 7 दिसंबर को हुई थी. पिछले साल उत्तरी दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का एकीकरण हुआ था. केंद्र ने एकीकरण के लिए एक कानून लाया था.

‘मनोनीत सदस्य और एल्डरमेन पहले शपथ लेंगे’

पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में उम्मीद जताई कि इस बार एमसीडी सदन में कार्यवाही बिना किसी अप्रिय घटना के होगी. उन्होंने कहा, “मनोनीत सदस्य और ‘एल्डरमेन’ पहले शपथ लेंगे. फिर अन्य सदस्य शपथ लेंगे. मुझे नहीं लगता कि आप इस तरह का मुद्दा बनाएगी, क्योंकि यह उनका नुकसान है. मुझे उम्मीद है कि हम महापौर का चुनाव कर पाएंगे.”

‘मनोनीत सदस्य बीजेपी के कार्यकर्ता हैं’

AAP ने आरोप लगाया था कि मनोनीत सदस्य बीजेपी कार्यकर्ता हैं और उन्हें महापौर के चुनाव में मतदान करने की अनुमति देने के लिए पहले शपथ दिलाई जा रही थी. बता दें कि ‘एल्डरमेन’ उन लोगों को संदर्भित करता है जो अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं. हालांकि, महापौर चुनाव में उनके पास मतदान का अधिकार नहीं है.

आज की बैठक का एजेंडा

एमसीडी की 24 जनवरी की बैठक के एजेंडे में उल्लेख किया गया है कि डीएमसी अधिनियम 1957 (2022 में संशोधित) के अनुसार, नामित पार्षद और सदस्य शपथ लेंगे. एजेंडे में कहा गया है, “डीएमसी अधिनियम 1957 (2022 में संशोधित) के अनुसार नामित पार्षद और सदस्य शपथ लेंगे, जिसके बाद महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए चुनाव होगा.”

आज भी नहीं हुआ चुनाव तो अप्रैल तक के लिए टल जाएगी बैठक

दिल्ली नगर निगम में पार्षदों की शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो चुनाव अप्रैल तक के लिए टल सकता है, क्योंकि निगम के महापौर का कार्यकाल 31 मार्च तक ही है. ऐसे में अगर, आज शपथ नहीं हो पाई तो फिर वार्ड समिति और स्थायी समिति के अध्यक्ष का चुनाव कराने का समय नहीं बचेगा. इस चुनाव में भी एक माह का समय लग जाता है.

सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होगी, 6 सदस्यों का चुनाव होगा


अमित कुमार के मुताबिक, सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होगी. सबसे पहले मेयर, उसके बाद डिप्टी मेयर और सबसे आखिर में स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव होगा. सभी के लिए बॉक्स की अलग-अलग कलर कोडिंग की गई. सफेद मेयर, हरा डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के गुलाबी रंग की पेटी होगी. वहीं, हंगामे की दृष्टि से तकरीबन 70 से 80 मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की तैनाती की जा रही है. इनमें से तकरीबन 45 महिला वॉलंटियर्स होगी. इसके अलावा दिल्ली पुलिस से भी पर्याप्त सुरक्षा कर्मी मुहैया कराने की मांग की गई है.

नियुक्त किए गए मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स


सदन की कार्यवाही के लिए नियुक्त किए गए मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स ने बताया कि सदन में किसी भी तरह की तोड़फोड़ को रोकने के लिए तैयार हैं, बिना पास के किसी भी शख्स को सदन में जाने नहीं देंगे. अगर कोई हंगामा या तोड़फोड़ करता है तो उस पर तुरंत काबू पाने की कोशिश की जाएगी. दरअसल, 6 जनवरी को आम आदमी पार्टी के सदन के नेता मुकेश गोयल ने पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी. उसी के बाद हंगामा शुरू हुआ था.

दुर्गेश पाठक ने BJP से की ये विनती


आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव के लिए नगर निगम की कार्य सूची पर सहमति जताई. पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा है कि पार्षद की बैठक में हिस्सा लेंगे. बीजेपी से विनती है कि कार्य सूची को फॉलो करें और संविधान को मानें. कार्य सूची के आधार पर AAP प्रक्रिया में हिस्सा लेगी. एल्डरमैन को वोटिंग पावर के सवाल पर दुर्गेश पाठक ने कहा कि एल्डरमैन को वोटिंग का हक नहीं है. उम्मीद है डीएमसी एक्ट को फॉलो किया जाएगा. अब देखना होगी की 24 जनवरी यानी मंगलवार को दिल्ली नगर निगम में सबकुछ मंगल होगा या फिर पिछली बैठक की तरह दंगल होगा.

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