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Om Shaped Shiva Temple: Rajasthan के Pali में दुनिया का पहला ओम आकार का मंदिर बनकर तैयार

Om Shaped Shiva Temple: इस सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ‘ॐ’ (ओम) का प्रतीक माना जाता है। ओम का निराकार स्वरूप धरती पर पहली बार राजस्थान (Rajasthan) में साकार हुआ है। जी हाँ , राजस्थान के (Pali) पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में ओम की आकृति वाला शिव मंदिर बनकर तैयार है। इसे डिजाइन इस तरह किया गया है कि ऊपर से देखने पर ये ओम आकार का लगता है. 250 एकड़ और चार मंजिल के विस्तार में समाए इस मंदिर का वास्तु बेहद खास है. मंदिर परिसर में (om shaped temple in rajasthan) पहाड़ और तालाब तक बनाए गए हैं. शायद तभी इस भव्य मंदिर को बनने में 28 साल का वक्त लगा है. 10 फरवरी को ॐ मंदिर का लोकार्पण किया गया । मुख्य समारोह 19 फरवरी को होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, पूजा-अर्चना और विशेष आकर्षण शामिल होंगे।

ओम आश्रम जाडन के सचिव स्वामी फूलपुरी ने बताया कि विश्वदीप गुरुकुल में स्वामी महेश्वरानंद के आश्रम में ओम की आकृति वाले इस भव्य शिव मंदिर का निर्माण बीते 25 साल से जारी है। करीब 250 एकड़ में फैले आश्रम के बीचोंबीच इस मंदिर को बनाया गया है।

चार खंडों में विभाजित है ओम आकृति का शिव मंदिर

पाली के गांव जाडन स्थित ओम आकृति वाला यह शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है। एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है जबकि तीन खंड जमीन के ऊपर हैं। बीचोंबीच स्वामी माधवानंद की समाधि है। भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं।

ओम आश्रम जाडन पाली का निर्माण उत्तर भारत की नागर शैली स्थापत्य कला व वास्तु कला के आधार पर किया जा रहा है। करीब आधा किलोमीटर के दायरे में फैले ओम की आकृति के इस शिव मंदिर का निर्माण कार्य 1995 में शुरू हुआ था। उस वक्त शिलान्यास समारोह में देशभर से साधु संतों ने हिस्सा लिया था।

राजस्थान के इस ओम आश्रम में भगवान शिव की 1008 अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में कुल 108 कक्ष हैं। इसका शिखर 135 फीट ऊंचा है। सबसे बीच में गुरु महाराज स्वामी माधवानंद की समाधि है। सबसे ऊपर वाले भाग में महादेव का शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग के ऊपर ब्रह्मांड की आकृति बनाई गई है।

एक शिवलिंग पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

पाली के इस शिव मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप के दर्शन होंगे. शिवलिंग को इस तरह बनाया गया है कि 1 शिवलिंग पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन हो सकते हैं. यानी सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के स्वरुप शामिल हैं. इन सभी के एक साथ का ये शिवलिंग बेहद अद्भुत है.

ओम आकार के ये मंदिर पूर्व से पश्चिम तक 185 मीटर और उत्तर से दक्षिण तक 252 मीटर क्षेत्र में फैला है. इसकी ऊंचाई 38.05 मीटर है. इसे गुलाबी पत्थरों से बनाया गया है. मंदिर परिसर में 108 कमरे हैं. मंदिर के आगे के हिस्से में एक सभागार है,,, जिसमें 108 कुर्सियां लगाई गई हैं. मंदिर के चंद्र बिंदु को 9 मंजिला कीर्ति स्तंभ का रूप दिया गया है. जिसकी ऊंचाई 42 मीटर है. इस मंदिर में अर्ध चंद्र को पानी की झील के तौर पर दर्शाया गया है. मंदिर में पानी की टंकी के ऊपर सूर्य मंदिर बनाया जाएगा. इस मंदिर में एक कृत्रिम पहाड़ और तालाब भी बनाए गए हैं.

ओम आश्रम के सचिव स्वामी फूलपुरी के अनुसार विश्व के एकमात्र ओम आकृति वाले इस शिव मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। उद्घाटन को लेकर मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, देश के पीएम नरेंद्र मोदी व राजस्थान के सीएम भजनलाल के साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को आमंत्रण दिया गया है. कार्यक्रम में कई और लोगों को भी बुलाया गया है.

उद्घाटन समारोह में जुटेंगे 60 देशों के मेहमान

बताया जा रहा है कि इस मंदिर के उद्घाटन समारोह में 60 देशों से मेहमान पहुंचेंगे. मेहमानों के रहने के लिए आश्रम परिसर में 100 स्वीट होम तैयार किए गए हैं. देश के सबसे अनूठे ॐ आकृति वाले जाडन आश्रम में शिवायल के अलावा श्री माधवानंद योगा विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया है। चार मंजिला इस इमारत में स्कूल-कॉलेज भी होंगे। इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट की ओर से करवाया गया है। खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का बंशी पहाड़ का पत्थर काम लिया गया है।

जाडन आश्रम पाली से गुजर रहे नेशनल हाई 62 पर सड़क किनारे स्थित है। इसका निकटवर्ती एयरपोर्ट जोधपुर है, जो करीब 71 किलोमीटर दूर है। जाडन आश्रम ट्रेन के जरिए भी पहुंचा सकता है।​दिल्ली से अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेन में मारवाड़ जंक्शन तक का सफर करना होगा। मारवाड़ जंक्शन यहां से 23 किलोमीटर है। पाली-सोजत रूट पर चलने वाली,, बसों के माध्यम से भी जाडन आश्रम पहुंचा जा सकता है।

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