Supreme Court on Chandigarh Mayor Election: दोस्तों चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दिन आप के मेयर कैंडिडेट रोते हुए हॉल से निकले थे जब ग़द्दार पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ वोट रद्द कर दिये थे। आज वही मनोज आप के ऑफिस मे ख़ुशियाँ माना रहे है सही कहा है दोस्तों समय बदलते देर नहीं लगता है। सत्य की हमेशा जीत होती है चंडीगढ़ मेयर चुनाव में फर्जीवाड़ा करने वाली BJP के मुँह पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने (CJI DY Chandrachud) आज जोर दार तमाचा जड़ दिया है कोर्ट में इस चुनाव को लेकर पूरी बाजी पलट डाली है
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव को लेकर (BJP) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यानि आज सुनवाई की और रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई है. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में कोर्ट की अवमानना की गई है. अदालत ने सभी 8 अवैध वोटों को वेलिड करार दिया है. इसके बाद अब वोटों की फिर से काउंटिंग की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में लोकतंत्र को बचाने के लिए SC को धन्यवाद!
अमान्य घोषित किए गए 8 वोट अब मान्य होंगे
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच 8 वोटों के “अमान्य” किए जाने के विवाद पर सुनवाई करते हुए इसकी जांच की. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इनको फिर से गिना जाएगा. इन सभी अमान्य वोटों को मान्य माना जाएगा. इसके आधार पर ही परिणामों की घोषणा की जाएगी
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि शीर्ष अदालत पिछले महीने के मेयर चुनाव में पड़ी वोटों की पुनर्गणना करने का निर्देश देगा. उन सभी 8 वोटों को जिनको रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने ‘अमान्य’ घोषित किया था वो सभी कैमरे में कैद की गईं थीं. यह सभी वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में शामिल हैं.
कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई की शुरुआत अनिल मसीह से यह बताने के साथ की कि उन्होंने कैसे 8 बैलेट पेपर को ‘विकृत’ किया. मसीह ने कोर्ट को अवगत कराया कि उन्होंने बैलेट पेपर पर निशान लगाया. अदालत को बताया कि इससे वह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इन ‘विकृत’ बैलेट पेपर की काउंटिंग नहीं की जाएगी.
मेयर चुनाव में इन वोटों की फिर से गिनती होने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मेयर पद की दौड़ में स्पष्ट जीत मिलेगी. इन सभी वोटों को बिना किसी ठोस कारणों के खारिज कर दिया गया था. इन आठ वोटों के खारिज होने के बाद बीजेपी ने पिछले महीने जनवरी में चुनाव में मेयर इलेक्शन में जीत का दावा किया था. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने पिछले सप्ताह अनिल मसीह को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पद से हटा दिया था.
AAP का मेयर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट से साफ
पिछली सुनवाई में मेयर चुनाव की प्रक्रिया पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रशासन और रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि ये लोकतंत्र का मजाक है. इस चुनाव में रिटर्निंग अफसर की हरकत के वीडियो देखकर तो साफ है कि लोकतंत्र की हत्या हुई है. ये रिटर्निंग ऑफिसर क्या कर रहा है? हम नही चाहते कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो. हम ऐसा नहीं होने देंगे. ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट आंखें बंद कर नहीं बैठा रहेगा.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वोटों को ही दोबारा गिनने को कहा है और 8 अवैध घोषित वोटों को सही माना है। ऐसे में नए सिरे से वोटों की गिनती में चंडीगढ़ में AAP का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही मेयर चुने गए भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया है।
अनिल मसीह लगभग एक दशक से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. अनिल मसीह 2015 में बीजेपी के ,सदस्य बने थे. ऐसा पहली बार नहीं है जब अनिल मसीह का नाम किसी विवाद में आया हो. इससे पहले भी साल 2018 में एक विवाद में उनका नाम आ चुका है. तब चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने की वजह से उन्हें सभी चर्च गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया था. दो साल बाद उनपर लगा प्रतिबंध हटाया गया और अब mayor चुनाव मे धानदली
आखिर किसके कहने पर अनिल मसीह ने काउंटिंग में हेरा फेरी की?क्योंकि अनिल मसीह तो बस मोहरा है, उसके पीछे कोई और है. उस तक कैसे पहुंचेगे? क्या आज गोदी मीडिया इस फैसले के बाद ये हिम्मत कर सकेगा बीजेपी को लताड़ने की चंडीगढ़ मेयर चुनाव मे धाँधली करने के लिये ?? आपकी क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ