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Up Police वर्दी में नहीं बना सकेंगे रील, जारी की सोशल मीडिया गाइडलाइन

Up Police यूपी में ड्यूटी के दौरान अब पुलिसकर्मियों को निजी सोशल मीडिया के इस्तेमाल और रील बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. डीजीपी मुख्यालय की तरफ से Up Police के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी-2023 जारी कर दी गई है.

Janta Kee Awaz : यूपी में ड्यूटी के दौरान अब पुलिसकर्मियों को निजी सोशल मीडिया के इस्तेमाल और रील बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. डीजीपी मुख्यालय की तरफ से Up Police के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी-2023 जारी कर दी गई है. इस पॉलिसी में Up Police के अफसरों और कर्मचारियों के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं. सरकारी ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया के निजी इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है. दरअसल, पिछले दिनों ड्यूटी के दौरान निजी तौर पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल से समय की बर्बादी की बात सामने आई थी.

गाइडलाइन में कहा गया है कि ड्यूटी पर और बावर्दी वीडियो रील्स बनाने पर प्रतिबंध है. इसके अलावा सोशल मीडिया और निजी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट भी प्रतिबंधित किया गया है. ड्यूटी के बाद भी बावर्दी वीडियो और रील्स जिससे पुलिस की छवि खराब हो, उस पर भी रोक लगाई गई है. थाना, पुलिस लाइन, ऑफिस और फायरिंग के लाइव टेलीकास्ट और वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करने पर रोक लगाई गई है.

गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि किसी पीड़ित का वीडियो सोशल मीडिया पर नहीं डाला जाएगा. ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर कोचिंग, लेक्चर,वेबीनार और लाइव पर भी रोक रहेगी. सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कमाई पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इतना ही नहीं नई पॉलिसी के तहत सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों, राजनीतिक दल या राजनीतिक व्यक्ति की विचारधारा या राजनेता के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे. इतना ही नहीं पुलिसकर्मी किसी भी अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति के साथ अपनी फोटो भी अपलोड नहीं करेंगे.

सांकेतिक विरोध की भी अनुमति नहीं


नई पॉलिसी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पुलिसकर्मियों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध वर्जित है. इतना ही नहीं किसी संगठन या राजनीतिक दल से संबंधित प्रतीक को सरकारी और व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में नहीं लगाया जाएगा. ऐसा व्हाट्सएप ग्रुप या पेज, जो Up Police विभाग या सरकार के विरोध में हो और जाति, संप्रदाय या क्षेत्र आदि के नाम पर बनाया गया हो उसे ज्वाइन नहीं करेगा. पॉलिसी का पालन न करने वाले Up Police कर्मियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

इन चीजों पर भी है प्रतिबंध


इसके अलावा सोशल मीडिया, निजी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. थाना, पुलिस लाइन,ऑफिस, फायरिंग के लाइव टेलीकास्ट और वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करने पर रोक लगाई गई है. किसी पीड़ित का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने पर रोक है. ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर कोचिंग, लेक्चर, वेबीनार, और लाइव पर भी रोक लगाई गई है.

सीनियर अफसर की इजाजत के बिना नहीं कर सकेंगे कमाई


गाइडलाइन्स में साफ कहा गया है कि सीनियर अफसर इजाजत के बाद ही ऐसे काम कर सकेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कमाई पर प्रतिबंध है. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कमाई पर रोक लगाई गई है. खुफिया ऑपरेशन में लगे पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया से दूरी बनानी होगी.

कोर्ट में चल रहे मामलों में सीनियर अफसरों के अनुमति के बाद प्रेस नोट जारी करना होगा. सरकार, उसकी नीतियों, कार्यक्रमों, राजनीतिक दल, नेताओं, विचारधारा के संबंध में सरकारी या निजी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टिप्पणी पर प्रतिबंध गया है.

महिला की गरिमा के विपरीत नहीं कर सकते कमेंट

सोशल मीडिया पॉलिसी के तहत कोई भी पुलिसकर्मी सरकार से पूर्व अनुमोदन के बिना सरकारी और व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पैसा लेने पर भी प्रतिबंध है. आधिकारिक और व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिलाओं और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाली या उनकी गरिमा के विपरीत कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.

असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट नहीं कर सकते शेयर

इसके अलावा Up Police कर्मियों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट या सामग्री को आधिकारिक और व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं किया जाएगा. Up Police कर्मियों द्वारा सरकारी और व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी. विभिन्न देशों में पुलिस और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए समान नीतियों की जांच के बाद सोशल मीडिया नीति तैयार की गई है.

अनुमति भी लेनी होगी


कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैटिंग, वेबीनार आदि में शामिल होने के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति सोशल मीडिया से पुलिसकर्मी किसी प्रकार की आय नहीं जुटाएंगे। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन में लगे कर्मचारी बेहद सख्ती से इसका पालन करेंगे।

जांच की जानकारी शेयर करने पर रोक


Up Police विभाग में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए उप्र. पुलिस सोशल मीडिया नीति-2023 लागू कर दी गई है। इसमें पुलिसवालों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कहा गया है कि अपराध के अन्वेषण या न्यायालय में लंबित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी कोई भी पुलिस वाला सोशल मीडिया पर साझा न करे। इसके अलावा गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट, पीड़ित के प्रार्थनापत्र आदि को लेकर भी ऐसे ही निर्देश दिए गए है।

सरकारी व व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह भी अपलोड नहीं कर सकेंगे

  • यौन शोषित पीड़िता या किशोर, किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी की पहचान, नाम या कोई भी जानकारी
  • जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा
  • महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाली तस्वीर या वीडियो
  • किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी
  • विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट
  • पुलिस की रणनीति, तकनीक की जानकारी
  • सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनीतिक दल, व्यक्ति, विचारधारा और राजनेता के संबंध में टिप्पणी
  • अश्लील, हिंसात्मक भाषा का प्रयोग एवं अश्लील फोटो, वीडियो
  • जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य आदि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित टिप्पणी
  • राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रकरण
  • न्यायालयों की अवमानना के दायरे में आने वाले मामले
  • आपराधिक छवि के व्यक्ति के साथ पोस्ट फोटो या वीडियो
  • मादक पदार्थों के प्रभाव में तथा मादक पदार्थों के साथ फोटो, वीडियो
  • सराहनीय कार्य से संबंधित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो बिना ब्लर किए
  • बरामद माल एवं हथियार को बिना सील की फोटो, वीडियो
  • गश्त, वाहन चेकिंग के दौरान
  • पुलिस वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र, वाहन आदि का प्रयोग करते हुए
  • पुलिसकर्मियों के सांकेतिक विरोध से संबंधित प्रतीक डीपी या प्रोफाइल रूप में
  • किसी भी संगठन या राजनीतिक दल को डीपी या प्रोफाइल रूप में नहीं लगाया जायेगा।
  • ऐसे किसी व्हाट्सएप ग्रुप, पेज को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, संप्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो। न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनाएंगे।
  • सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे।
  • बिना सत्यापन के कोई पोस्ट अग्रसारित नहीं करेंगे। अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि की फैक्ट जांच करेंगे
  • अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट करेंगे कि यह उनके निजी विचार हैं
  • किसी व्यक्ति को मित्र न बनाएं अथवा फॉलो न करें, जो असामाजिक, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो।

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