
Women Missing Report: क्या आपके घर में कोई बेटी या महिला है?,, तो अतिरिक्त सावधान होने के साथ,,, 24 घंटे की चौकसी रखें।,,, और हाँ, किसी और के भरोसे ,,यह चौकसी मत छोड़िएगा,,, यहाँ किसी और का मतलब ,,,कोई व्यक्ति विशेष नहीं है,, बल्कि (missing cases in india 2023) पुलिसि या सिस्टम और सरकार की बात कर रही हु ,, उनके भरोसे मत रहिए गा।,, देशभर में महिलाओं को लेकर,, अभी जो रिपोर्ट आई है ,,यकीन मानिये दिल को दहला देने वाली है।,, महिलाओं के लिए देश में,,, सुरक्षा का क्या हाल है, ,,यह स्पष्ट रूप से सबके सामने है।
लड़कियां और महिलाएं लापता हो रही (Women Missing Report)
देश में लड़कियों और महिलाओं के गायब ,,,होने का सिलसिला थम नहीं रहा है.,,, देश के अलग-अलग राज्यों में ,,,हर साल हजारों की संख्या में ,,लड़कियां और महिलाएं लापता हो रही हैं.,,,, ये कहां जा रही है,,,, क्या कर रही है,,, इनके साथ क्या हो रहा है,,, यह किसी को नहीं पता है,,. पिछले हफ्ते संसद में,,, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ,,,इन्हीं से जुड़े कुछ आंकड़े पेश किए गए हैं,,, जो यह बताते हैं कि,,, 2019 से 2021 के बीच ,,,तीन साल में ,,पूरे देश में 13 लाख से अधिक लड़की और महिलाएं गायब हुई हैं.,,
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार
संसद में जो आंकड़े पेश किए हैं,,, उसके मुताबिक साल 2019 से लेकर 2021 के दौरान ,,देश में 18 वर्ष से अधिक की ,,,10,61,648 महिलाओं और युवतियां लापता हैं,,, जबकि 18 वर्ष से कम उम्र की ,,गुमशुदा लड़कियों की यह संख्या,, 2,51,430 है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ,,,,की ओर से जुटाए गए ,,,इन आंकड़ों के मुताबिक,, गायब होने वाली सबसे ज्यादा महिलाओं और लड़कियों के मामले में ,,,पहले स्थान पर,,, मध्य प्रदेश है और,, उसके बाद बंगाल का नंबर है।,, इसके मुताबिक इस अवधि में ,,,एमपी से 1,60,180 महिलाएं और 38,234 लड़कियां लापता हुई हैं।
राजधानी दिल्ली का रिकॉर्ड सबसे खराब
इसी दौरान पश्चिम बंगाल में 1,56,905 महिलाएं और 36,606 लड़कियां गायब हुई हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 1,78,400 महिलाएं और 13,033 लड़किया लापता हुई हैं। इसी तरह से ,,इन तीन वर्षों के दौरान ओडिशा में ,,70,222 महिलाए और 16,649 लड़कियां, ,,,छत्तीसगढ़ में 49,116 महिलाएं और 10,817 लड़कियां गायब हुई हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों में ,,,इस मामले में ,,,राजधानी दिल्ली का रिकॉर्ड ,,सबसे खराब रहा है,,, जहां गायब होने वाली महिलाओं ,,लड़कियों की संख्या सबसे ज्यादा है।,, 2019 से 2021 के,, दिल्ली से 61,054 महिलाएं और 22,919 लड़कियां गायब हुई हैं।,, जबकि, जम्मू-कश्मीर में इनकी संख्या ,,क्रमश: 8,617 और 1,148 है।
सरकार ने संसद को जानकारी दी
इस बीच सरकार ने संसद को जानकारी दी है,, कि महिला सुरक्षा के लिए वह कई तरह के पहल कर रही है,,, जिसमें यौन अपराध रोकने के लिए आपराधिक कानून , 2013 का अधिनियमन शामिल है। इसके अलावा आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 को ,,12 साल से कम उम्र की लड़कियों के रेप के लिए मौत समेत ,,और भी अधिक कठोर दंडात्मक उपाय ,,,,निर्धारित करने के लिए अधिनियमित किया गया है।
इसके अलावा सरकार ने सभी तरह की आपात सेवाओं के लिए ,,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रात नंबर 112 पर आधारित सिस्टम ,,भी लागू कर रखा है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर की सहायता से ,,मुश्किल वक्त में तत्काल लोकेशन,,, तक मदद भेजने की व्यवस्था है।
क्या राजनीति इन मुद्दों पर चर्चा कर रही है?
सोचकर देखिए, साल 2019 से 21 के बीच देश से 10,61,600 अड़तालीस महिलाएं लापता हो गई ,,और इन्हीं सालों के भीतर 2,51,000 से अधिक लड़कियां भी गायब हो गई है।,, कल्पना करके देखिये,, 10,00,000 की आबादी कितनी बड़ी होती है,, एक अच्छा खासा शहर माना जाता है ,,जहाँ पर 10,00,000 की आबादी रहती है।,,,
यानी की भारत से एक 10,00,000 से अधिक की आबादी वाला ,,,शहर गायब हो गया और ,,,,,इस बात की कहीं कोई चर्चा नजर नहीं आती।,,,सोचकर देखिये ये सिर्फ आंकड़े नहीं है,, ये जिंदगियां है 10,00,000 से अधिक जिंदगियां ,,,गायब हो गई है और किसी को कानों कान खबर नजर नहीं आती।,, कहीं कोई चर्चा नजर नहीं आती। ,,सोचने वाली बात ये है की ,,,क्या राजनीति इन मुद्दों पर चर्चा कर रही है?
कहां गायब हो रही हैं लड़कियां और महिलाएं?
दोस्तों आखिर इतनी बड़ी संख्या में कहां गायब हो रही हैं ,,,लड़कियां और महिलाएं? यह वह प्रश्न है,,, जिसका उत्तर नीति-नियंताओं के साथ ही,,, समाज को भी देना होगा, क्योंकि यह ऐसा मामला नहीं,,, जिसके लिए केवल सरकारों को कठघरे में खड़ा कर ,,कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाए। गायब होती लड़कियों और महिलाओं के मामले में समाज भी उत्तरदायी है।,, उसे अपने अंदर झांकना होगा और स्वयं से यह प्रश्न करना होगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
सुरक्षा से संबंधित कानूनों को कठोर किया
देश को झकझोरने वाले दिल्ली के,,, निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को कठोर किया गया, लेकिन क्या यह कहा जा सकता है कि ,,,,,,स्थितियां सुधरी हैं? महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में कोई विशेष कमी आती नहीं दिख रही है।,,, वे पहले की ही तरह यौन अपराधियों का शिकार बन रही हैं। ,,,,छेड़छाड़, अपहरण और दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।,,, घरेलू हिंसा के प्रकरण भी कम नहीं हो रहे हैं।
जब तक समाज महिलाओं को लेकर ,,,संवेदनशील नहीं होता, तब तक उनकी सुरक्षा करने और ,,,उन्हें यौन अपराधों से बचाने के लिए कानूनों को ,,,कितना भी कठोर क्यों न कर दिया जाए,,, बात बनने वाली नहीं है। ,,किसी भी समाज की प्रतिष्ठा इससे बनती है कि,,, वह नारी सम्मान के प्रति कितना सचेत और संवेदनशील है। ,,,गायब होती लड़कियों और महिलाओं की ,,,बड़ी संख्या यही बताती है कि,,, भारतीय समाज उनके प्रति अनुदार है। ,,,इस अनुदारता को दूर करने के लिए,, राजनीतिक वर्ग को भी आगे आना होगा
अब सवाल ये है की ,,,लाखों की संख्या में महिलाएं ,,,यदि गायब हो रही है तो ,,,वो कहाँ जा रही है? ,,क्या ऐसा कोई ट्रैफिक सिस्टम बनाया गया है,, जिसके तहत महिलाओं को गायब किया जा रहा है?,,,,आपकी इस पर क्या राय है ,,हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ