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Panic Button Scam: BJP ने AAP पर लगाया Panic Button के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप

Panic Button Scam: अरविंद केजरीवाल लगातार ‘आप’ (AAP) को ‘कट्टर ईमानदारी’ और ‘कट्टर देशभक्ति’ वाली पार्टी बताते रहे,,,,कहते रहे ,,यदि वह ‘‘भ्रष्ट” हैं तो फिर दुनिया में कोई ‘‘ईमानदार” नहीं है ,,,,यानि ,,अगर मैं ईमानदार नहीं तो,,, दुनिया में कोई ईमानदार नहीं,,,,बिल्कुल सही कहते है केजरिवल जी ,,,इतने ईमानदार है की ,,इनके घोटालों की लिस्ट में ,,,,,,,शराब,घोटाला ,, शिक्षा घोटाला ,,सीएनजी घोटाला,,,,हवाला,,और अब एक ओर नया नाम जुड़ गया है ,,,,,पैनिक बटन घोटाला (Panic Button Ghotala)

Panic Button के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा

दिल्ली में कोई काम नहीं हुआ तो ,,,उसके लिए केंद्र की (BJP ) मोदी सरकार और उपराज्यपाल जिम्मेदार बताये जाते हैं,,,. अपराध होने पर कहा जाता है कि ,,दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है,, इसलिए दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती.,,,,पर अब पैनिक बटन के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है ,,,इस पर तो दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है या नहीं ,,,,

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ,,,(BJP Alleges ‘Multi-Crore Panic Button Scam) दिल्ली की केजरीवाल सरकार राजधानी की सड़कों पर चलने वाले,,, सभी सार्वजनिक वाहनों पर चाहे वह टैक्सी हो या फिर बस सभी में 2019 से पैनिक बटन लगना अनिवार्य किया था.,, टैक्सी चालकों को आरटीओ से पैनिक बटन लगवाना होता है ,,,तभी वह गाड़ी दिल्ली की सड़कों पर चला सकता है.,, लेकिन बीजेपी का दावा है कि,,, पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपए की फीस जो ,,,केजरीवाल सरकार वसूली रही है ,,,उस पैनिक बटन को लेकर कोई कंट्रोल रूम आज तक बनाया ,,,ही नहीं गया है और ना ही गाड़ियों में लगे पैनिक बटन काम करते हैं

पांच सालों के लिए एक समझौता किया

अक्टूबर 2020 में मेसर्स TCIL ने मेसर्स MAPL के साथ पांच सालों के लिए एक समझौता किया था,,,. इसके मुताबिक हर डीटीसी और क्लस्टर बस में ,,,दो वायरलेस वॉकी-टॉकी, तीन सीसीटीवी, एक जीपीएस सिस्टम और दस पैनिक बटन लगाए जाते हैं,,,. इसके रखरखाव शुल्क के रूप में प्रति बस लगभग ,,,तीन हजार रुपये हर महीने चार्ज किया जाता है,,,. दिल्ली में डीटीसी और कलस्टर मिलाकर कुल बसों की संख्या 4,500 तो ,,,यानी हर महीने चार्ज के रूप में ,,,एक करोड़ 35 लाख रुपये वसूल किए जा रहे हैं.,,,

राजधानी में एक लाख 12 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं. ,,पहले प्रति टैक्सी नौ हजार रुपए लिए जाते थे,, (एक लाख 12 हजार के हिसाब से 100 करोड़ 80 लाख रुपये) ,,,जो अब बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिए गए,,,. इतना ही नहीं, इसकी रिन्युअल फीस अलग से भी वसूल की जा रही है.,, इस तरह पांच साल में पैनिक बटन के नाम पर ,,,केजरीवाल सरकार ने पांच सालों में,,, 800 करोड़ रुपए वसूल किए हैं

ACB ने ऑडिट किया

दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा यानि ACB ने ,,ऑटो व टैक्सियों के अलावा ,,डीटीसी और क्लस्टर बसों में लगे पैनिक बटन का ऑडिट किया,,, तो पूरे सिस्टम में कई ,,,अव्यवस्था मिलीं,,। ऑडिट के बाद आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि,, पैनिक बटन दबाने से एक भी शिकायत,, पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं मिली।

रिपोर्ट में बताया गया है कि,,, इसका सबसे बड़ा कारण पैनिक बटन और कंट्रोल रूम के बीच ,,एकीकरण न होना है। ,,जब भी कोई पैनिक बटन को दबाएगा,, तो शिकायत बस के ड्राइवर-कंडक्टर के अलावा,,, कश्मीरी गेट स्थित मेन कंट्रोल रूम को पहुंचेगी, ,,,,लेकिन जांच में एक बार भी ,,पैनिक बटन दबाने के बाद ,,कार्रवाई न होने का पता चला। ,,,,,,यही हाल ऑटो और टैक्सियों का रहा। ,,,ऑटो व टैक्सियों में लगे जीपीएस व पैनिक बटन दबाने से,,, कंट्रोल रूम से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।,, इसके अलावा सीसीटीवी भी खराब मिले हैं

कोई नियंत्रण कक्ष संचालित नहीं किया

एसीबी ने कुछ बसों की पड़ताल की तो पता चला कि,,, बसों में मौजूद वॉकी-टॉकी के साथ रेडियो सेट की कनेक्टिविटी लगभग शून्य थी। ,,पैनिक बटन दबाने की सूरत में कश्मीरी स्थित कंट्रोल रूम को बस के ड्राइवर-कंडक्टर से संपर्क करना था।,,, शिकायत की पुष्टि होन के बाद दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित कर,,, पीड़ित तक मदद पहुंचानी थी।,,, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) में पैनिक बटन,,, अलार्म की निगरानी के लिए कोई नियंत्रण कक्ष संचालित नहीं किया जा रहा है।,, सीसीटीवी कंट्रोल रूम से भी निगरानी नहीं की जा रही है।

केजरीवाल ने लगाए आरोप

वैसे यह कहना गलत नहीं होगा कि,, केजरीवाल की राजनैतिक बुनियाद ही आरोप-प्रत्यारोप पर ही,,,, आधारित रही है.,,,,,सीएम केजरीवाल ने अब तक अपने राजनैतिक करियर में,,, लोगों पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए कुख्यात रहें हैं,,, अभी तक केजरीवाल ने आरोप लगाने के ,,,क्रम में शायद ही किसी को छोड़ा है,,, चाहे वो देश के राष्ट्रपति हों, ,,प्रधानमंत्री हों या देश का चुनाव आयोग.,, केजरीवाल ने अपने राजनैतिक हित साधने के लिए,,, किसी पर भी आरोप लगाने में कोई गुरेज नहीं किया, और इसकी शुरुआत उन्होंने शीला दीक्षित के साथ की थी.,,, पिछले 8 साल से केजरीवाल सत्ता में हैं ,,,मगर भ्रष्टाचार के मामले में ,,,,क्या कार्यवाई हुई ,,यह किसी से छिपी नहीं है

खुद को हद से ज्यादा काबिल और इंटेलिजेंट समझने वाला नेता ,,,,,भ्रष्टाचार को बढ़ावा क्यू दे रहे है ,,,अब सवाल ये उठता है ,,,जब पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं ,,,और इसके माध्यम से एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई ,,,तो पैनिक बटन के नाम पर लूटने का काम क्यों किया जा रहा है . ,,,आपकी इस पर क्या राय है ,,कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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