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Surajkund Mela 2024: फरीदाबाद में सूरजकुंड मेला शुरू, टिकट-टाइमिंग के बारे जानें सबकुछ

Surajkund Mela 2024: हरियाणा के फरीदाबाद में 02 फरवरी से 37वें , अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शुरुआत हो गई है जो 18 फरवरी तक चलेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसका उद्घाटन किया . इस बार मेले में कम से कम 20 देश और भारत के सभी राज्य भाग ले रहे हैं. इस बार मेले की थीम नॉर्थ गुजरात स्टेट पर है यानी आपको मेले में गुजराती कल्चर की छाप नजर आएगी और यहां के खास सामान देखने को मिलेंगे. ये मेला देश ही नहीं बल्कि विदेशी लोगों में भी प्रचलित है

क्या होगी टिकट की कीमत?

टिकट के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 120 रुपये का टिकट सामान्य दिनों में मिलेगी। वीकेंड पर 180 रुपये का टिकट रहेगा। टिकट काउंटर पर सीनियर सिटिजन, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों को टिकट पर 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। वहीं, स्कूली छात्राओं के लिए आई कार्ड दिखाने के बाद एंट्री फ्री रहेगी। सुबह 10 बजे से टिकट मिलने शुरू होंगे। अंतिम टिकट रात आठ बजे दिया जाएगा। लोग बुक माय शो के माध्यम से भी टिकट बुक करा सकते हैं। वहीं, मेला परिसर के गेट पर टिकट काउंटर बनाए गए हैं।

कितना होगा पार्किंग शुल्क

11 पार्किंग स्पेस तैयार किए गए हैं। इसमें 15 हजार से अधिक गाड़ियां एक साथ खड़ी हो सकती हैं। इस बार पार्किंग के रेट आधे कर दिए गए हैं। वीकडेज में 100 रुपये व वीकेंड पर 200 रुपये पार्किंग चार्ज लिया जाएगा। बाइक का पार्किंग चार्ज भी 75 रुपये से घटाकर 50 रुपये किया गया है। पार्किंग शुल्क फास्टैग से भी कट जाएगा। इसके अलावा यहां ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा भी रहेगी।

11 पार्किंग स्थल तय किए गए

मेला देखने आने वालों को गाड़ी पार्किंग की समस्या नहीं हो, इसके लिए मेला प्राधिकरण ने 11 पार्किंग तय कर दी हैं। मेला प्राधिकरण ने मेले के आसपास करीब 70 एकड़ में 11 पार्किंग तय की है। इनमें राजहंस होटल के सामने हेलीपेड के निकट करीब 10 एकड़ में, शूटिंग रेंज के निकट करीब 10 एकड़ में, खाली कराए गए खोरी की करीब 4 एकड़ जमीन पर, प्रवेशद्वार संख्या एक के पास करीब 12 एकड़ में, पेट्रोल पंप के सामने करीब 10 एकड़ में, बख्शी फार्म हाउस में करीब 5 एकड़, नाटयशाला के पीछे, समेत करीब 11 पार्किंग शामिल हैं।

वीआईपी पार्किंग को भी बढ़ाया गया है। वीआईपी पार्किंग अब नाट्यशाला के पीछे और लेक व्यू में होगी, जबकि मीडिया सेंटर के पास वाली पार्किंग को मीडिया कर्मियों और अधिकारियों के आरक्षित किया गया है। दिल्ली और फरीदाबाद गुरुग्राम के रास्ते से आने वालों को पर्याप्त पार्किंग मिलेगी। पार्किंग स्थल से फेरी कार की व्यवस्था नि:शुल्क मिलेगी।

फरीदाबाद और दिल्ली के रास्तों पर तीन पार्किंग स्थलों को आरक्षित रखा जाएगा। इनका भीड़ के मुताबिक, उपयोग किया जा सकेगा। मानव रचना विश्वविद्यालय की पार्किंग और राधा स्वामी सत्संग की पार्किंग का इस्तेमाल भीड़ के मद्देनजर किया जाएगा। मेला प्राधिकरण ने मेले के सभी प्रवेश द्वारों के पास पार्किंग स्थल तय किए हैं।

कैसे पहुंच सकते हैं सूरजकुंड तक

फरीदाबाद के साथ ही दूसरे जिलों के लोग भी आसानी से मेला परिसर में पहुंच सकते हैं। दिल्ली से लोग तुगलकाबाद तक बस या मेट्रो से आ सकते हैं। यहां से वह ऑटो व बैटरी रिक्शा लेकर 10 मिनट में मेला परिसर तक पहुंच सकते हैं। बैटरी रिक्शा मेट्रो से लेकर मेले तक 20 से 25 रुपये चार्ज करेंगे। गुड़गांव से आने वाले लोग गुड़गांव बस अड्डे से सीधा बस ले सकते हैं या अपने वाहन से गुड़गांव-फरीदाबाद रोड से मेला आ सकते हैं।
इसी तरह गाजियाबाद व नोएडा से भी लोग मेट्रो का इस्तेमाल कर तुगलकाबाद होते हुए मेला परिसर पहुंच सकते हैं। दिल्ली एयरपोर्ट से आने वाले लोग प्राइवेट कैब लेकर आ सकते हैं। एयरपोर्ट से मेला परिसर तक आने में 25 से 30 मिनट लगते हैं। फरीदाबाद की तरफ से आने वाले लोगों के लिए बड़खड़ मेट्रो स्टेशन सबसे नजदीक होगा और गाजियाबाद, नोएडा व दिल्ली की तरफ से आने वाले लोगों के लिए तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन व बदरपुर मेट्रो स्टेशन मेला परिसर के नजदीक होगा।

मेले में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बीड़ी और सिगरेट और माचिस के साथ दर्शकों को एंट्री नहीं मिलेगी। मेले में 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। असामाजिक तत्वों और मनचलों से महिला पुलिसकर्मी निपटेंगी। पुलिसकर्मी मेले के चारों तरफ ऊंची पहाड़ियों पर तैनात होंगे। मेले के सभी गेटों पर मेटल डिटेक्टर और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (DFMD) होंगे।
इसके साथ ही पांच ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। मेला परिसर के सभी गेट, सभी जोन, फूड कोर्ट, वीआईपी पंडाल और सभी पार्किग स्थल एवं अन्य जगह पर कैमरे लगए गए हैं। मेले में पुलिस कंट्रोल रूम और खोया पाया काउंटर भी बनाया गया है। कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर आपको 0129-2988976 स्क्रीन पर दिखाया गया है ।

इस अंतरराष्ट्रीय मेला परिसर में देश और विदेशी लोक कलाओं और संस्कृतियों के संगम का केंद्र बना रहेगा। प्रतिदिन दर्शकों को लोक कलाकार अपनी कला से मंत्रमुग्ध करेंगे। वहीं दर्शकों को देश-विदेश की कला संस्कृति और सभ्यता से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इस बार मेले में 30 देश शामिल होंगे। करीब 20 प्रदेशों के हस्तशिल्पी अपनी कला से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। मेला परिसर को पूर्वोत्तर राज्यों के संगीत से गूंज उठेगा।

करीब 20 प्रदेशों और करीब 30 देशों की हस्तशिल्प कला और लोक कलाओं से रूबरू हो सकेंगे। विभिन्न प्रदेशों की हथकरघा और बुनकर शैलियों का प्रदर्शन होगा, नजदीक मेट्रो स्टेशन और पार्किंग से मेला परिसर तक निशुल्क फेरी सेवा उपलब्ध होगी। मेला परिसर के बाहर किड्स जोन होंगे, जहां झूले और सवारियों का आनंद ले सकेंगे। पेयजल के लिए एटीएम लगाने का काम। स्मार्ट शौचालय मेला परिसर में तैयार किए जा रहे।

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