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WEF Travel & Tourism Development Index: विकास क बावजूद पर्यटन में भी पिछड़ा भारत

WEF Travel & Tourism Development Index: आपको पता ही होगा पीएम मोदी देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार देश के पर्यटन (Tourism in India) स्थलों के विकास और इसके प्रचार को लेकर सतत प्रयास कर रही है.  मोदी जी भी खुद चुनाव प्रचार (Tourism rank in india) में इसका जिक्र करते है लेकिन इतने विकास के बावजूद भी एक रिपोर्ट से खुलासा हो चुका है की भारत पर्यटन (tourist places in india)में भी पीछे छूट रहा है मोदी जी के विकास के वादों पर इस रिपोर्ट ने एक क्वेशन मार्क लगा दिया है

बढ़ते यात्रा क्षेत्र और कोविड के निचले स्तर से आर्थिक विकास में तेज उछाल के बावजूद भारत 2019 के बाद से विश्व आर्थिक मंच की यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक 2024 (टीटीडीआई) रैंकिंग में दस स्थान फिसलकर 39वें स्थान पर आ गया है मोदी सरकार तो कहती है  पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है skill india के तहत हमने अच्छा काम किया और इसका फायदा भी हो रहा है लेकिन ये रिपोर्ट तो कुछ और ही कह रही है

WEF की रिपोर्ट के मुताबिक

डब्लूईएफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की यह सूरत स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी और पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरी के कारण उभरी है। रिपोर्ट के मुताबिक सेवा क्षेत्र में मौजूद कर्मियों के निम्न कौशल के कारण भी इंडेक्स में भारत को कम अंक प्राप्त हुए।दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की रैंकिंग में सबसे तेज गिरावट आई है उसके बाद यूके है जो 2019 के बाद से 3 स्थान गिरकर सातवें स्थान पर आ गया है। अमेरिका ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा जबकि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन वैश्विक रैंकिंग में एक पायदान ऊपर 8वें स्थान पर पहुंच गया।

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WEF Travel & Tourism Development Index: विकास क बावजूद पर्यटन में भी पिछड़ा भारत 3

टीटीडीआई यात्रा और पर्यटन क्षेत्र के सतत और लचीले विकास में योगदान देने वाले कारकों और नीतियों के आधार पर 119 अर्थव्यवस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। रैंकिंग प्रत्येक देश की यात्रा और पर्यटन उद्योग को विकसित करने और बनाए रखने की क्षमता को दर्शाती है। संयुक्त अरब अमीरात में सूचकांक में सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई जबकि भारत औसत से 7.1% ऊपर रहा। रिपोर्ट में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों यात्रियों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए पर्यटन नीतियों में सुधार करने का आह्वान किया गया है।

डब्ल्यूईएफ की वार्षिक रिपोर्ट में खराब-कुशल मानव संसाधनों के साथ-साथ खराब स्वच्छता के कारण देश में यात्रा और पर्यटन के विकास को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई है जहां महामारी के कारण यात्रा बंद होने से पहले वित्त वर्ष 2020 में लगभग 10.93 मिलियन अंतरराष्ट्रीय यात्री आए थे।रिपोर्ट बताती है कि भारत को अपनी भविष्य की रैंकिंग बढ़ाने और अपनी यात्रा और पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए अपने बुनियादी ढांचे नीति स्थितियों और स्थिरता में सुधार करने की आवश्यकता है।

भारत को 4.25 अंक प्राप्त हुए

इंडेक्स तैयार करने के क्रम में विभिन्न देशों को एक से सात तक अंक दिए गए। भारत को 4.25 अंक प्राप्त हुए। इस तरह सूचकांक पर दस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत का स्थान पांच साल पहले की तुलना में दस पायदान गिर गया। यहां तक कि उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में भी भारत का दर्जा चीन और ब्राजील के नीचे आया। रिपोर्ट में कहा गया कि जिन देशों की स्थिति गुजरे पांच वर्ष में सबसे ज्यादा बिगड़ी उनमें भारत और ब्रिटेन प्रमुख हैं।

उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में चीन एवं ब्राजील के अलावा इंडोनेशिया तुर्किये मलेशिया और मेक्सिको को भारत से अधिक अंक मिले हैं। यह रिपोर्ट एक बार फिर हमें आगाह करती है कि जब देश के अंदर भारत उदय की तरफ बढ़ रहा है उसी समय पर्यटन जैसे क्षेत्र में भी भारत की असल छवि दुनिया में बिगड़ रही है।

क्या यह गंभीर चिंता का विषय नहीं है कि जिस समय भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेज  विकास की कहानियां सुनाई जा रही है प्रचार  हो रहा है उसी समय इन्फ्रास्ट्रक्चर में कमजोरी के कारण टीटीडीआई पर भारत के अंक कटे हैं? इसी तरह भारत के सेवा क्षेत्र में आगे बढ़ने का नैरेटिव गढ़ा गया है लेकिन डब्लूईएफ ने इस क्षेत्र के भारतीय कर्मियों को लो-स्किल का बताया है? इसलिए यह वक्त भारतवासियों के जागने का है। निराधार खुशफहमी में जीना देश को बहुत महंगा पड़ रहा है।खैर आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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