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Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा सत्र की हंगामेदार शुरुआत

Delhi Assembly Session के तीन दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गयी. लेकिन सत्र आरंभ होते ही भाजपा विधायकों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया.

Delhi Assembly Session के तीन दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गयी. लेकिन सत्र आरंभ होते ही भाजपा विधायकों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया. दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. हालांकि भारी हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को कल मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन में भाजपा और आप विधायकों एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को कुछ देर के लिए रोक दिया.

एलजी के खिलाफ विरोध मार्च में उतरे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध मार्च में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उतर गये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड नहीं जाने देना चाहते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मान रहे. अरविंद केजरीवाल ने कहा, उपराज्यपाल स्वतंत्र फैसला नहीं ले सकते हैं. Delhi Assembly Session

दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जहां एक ओर भाजपा विधायक दिल्ली में प्रदुषण को मुद्दा बनाकर केजरीवाल सरकार को घेरने की कोशिश की, तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना के खिलाफ विराध प्रदर्शन किया. Delhi Assembly Session सदन में हंगामे करने के साथ विधानसभा के बाहर भी हाथों में पोस्टर लेकर विरोध किया. आप विधायकों ने एलजी से शिक्षकों को ट्रेनिंग नहीं करने देने का आरोप लगाया.


केजरीवाल का राजभवन तक मार्च


शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की मांग को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राजनिवास तक मार्च कर रहे हैं। उनके साथ डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया और आप के विधायक भी हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर लेकर आया हूं। सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को बोला था कि एलजी को कोई भी स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार लिखा, क्योंकि पता था कि एक बार में नहीं मानेंगे। Delhi Assembly Session सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि एलजी स्वतंत्र रूप से कोई फैसला नहीं ले सकते। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और विधायकों को एलजी हाउस सिर्फ इस चीज के लिए जाना पड़ रहा है, जिसमें शिक्षकों को फिनलैंड जाने की मांग कर रहे हैं। Delhi Assembly Session ये कोई बड़ी मांग नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि एलजी साहब को गलती का अहसास होगा। एलजी साहब ने दिल्ली में योगा क्लास रोक दी। इससे उन्हें क्या फायदा? दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के पेमेंट रुकवा दिया। Delhi Assembly Session दिल्ली जल बोर्ड के फंड रुकवा दिया, कोई पेमेंट नहीं होने दिए। बस मार्शल की तीन महीने से पेमेंट नहीं होने दी, सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कोई वैल्यू नहीं है। एलजी साहब ये सारे काम कैसे रुकवा सकते हैं? मेरी एलजी से अपील है कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट को माने। मैं परसो मिला, तो कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर सभी के ऊपर बाध्य होते हैं।

सदन का लाइव अपडेट्स-

  • हंगामे के चलते कल तक के लिए सदन स्थगित कर दिया गया।
  • 10 मिनट के ब्रेक के बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, लेकिन हंगामा होता देख स्पीकर ने दोबारा आधे घंटे के लिए स्थगित किया। Delhi Assembly Session
  • स्पीकर ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
  • सत्ता पक्ष के विधायकों ने एलजी के खिलाफ नारेबाजी शुरू की।
  • विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने खड़े होकर एलजी और भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस सदन को पंगु बना दिया गया।
  • सत्ता पक्ष यानी आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के अंतर्गत एलजी को कठघरे में खड़ा करना किया शुरू तो भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया।
  • सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के विधयकों ने ऑक्सीजन मास्क लगाकर सदन में आना चाहा, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली।

एलजी न तो कानून को मानते हैं, न हीं संविधान को: सौरभ भारद्वाज


विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही सरकार के टीचरों का फिनलैंड में प्रशिक्षण के भेजने से रोके जाने पर चर्चा के साथ शुरू हुई. Delhi Assembly Session आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने साढ़े तीन साल की कानूनी लड़ाई के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार और एलजी के अधिकार को लेकर अहम फैसला दिया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास पब्लिक ऑर्डर, लैंड और पुलिस का अधिकार है. इसके अलावा, उनके पास और कोई अधिकार नहीं हैं.अगर कोई भी मामला उनके पास जाएगा तो उपराज्यपाल इसको ना नहीं कर सकते. उन्हें या तो उसे पास कर सकते हैं या फिर राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं. Delhi Assembly Session

चिंता की बात यह है कि वह हर फाइल को वापस भेज देते हैं. उनके पास इसका कोई अधिकार नहीं है.एलजी साहब ना कानून और ना ही संविधान को मानते हैं.सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऑर्डर कहा जाता है.शीर्ष अदालत का फैसला एलजी के लिए आदेश है, कोई सलाह नहीं है.

LG पर लगाए आरोप बेबुनियाद: रामवीर सिंह विधुड़ी


वहीं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष्ज्ञ के नेता रामवीर सिंह विधुड़ी, नेता विपक्ष सौरभ भारद्वाज को बीच में टोकते हुए कहा कि मैं, उपराज्यपाल की ओर से कहना चाहता हूं कि दिल्ली के एलजी ने कोई बात ऐसी नहीं कही है जो कानून सम्मत न हों. सौरभ भारद्वाज अपनी बात उपराज्यपाल के मुंह में क्यों डाल रहे हैं? सौरभ भारद्वाज इस सदन के अंदर गलत बयानी कर रहे हैं.आप विधायक का आरोप आधारहीन है. 

उपराज्यपाल की भूमिका पर हो सकती है चर्चा 

सूत्रों ने कहा कि इस दौरान सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच जोरदार भिड़ंत होने के आसार हैं। इस सत्र में दिल्ली नगर निगम की बैठक के दौरान हुए हंगामे के मुद्दे और इसमें उपराज्यपाल की भूमिका पर भी चर्चा होने की पूरी संभावना है। Delhi Assembly Session इस दौरान सभी विधायकों को विशेष सलाह दी गई है कि वे मौजूदा कोविड-19 को देखते हुए सदन में फेस मास्क पहनकर आएं। वहीं, इस सत्र में भाजपा आप सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। सुल्तानपुरी मामले के मददेनजर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी बहस की संभावना है।

Delhi Assembly Session में नहीं होगा प्रश्नकाल

इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा जिसे लेकर भी विपक्ष हंगामा करने का मन बना रहा है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का कहना है कि यह जानबूझकर किया जा रहा है। Delhi Assembly Session हम लोग इसे लेकर भी विधानसभा में विरोध दर्ज कराएंगे। उधर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा है कि प्रश्नकाल के लिए सवाल लगाए जाने के लिए एक समय निर्धारत है। Delhi Assembly Session अगर उससे कम समय के अंदर सदन बुलाया जा रहा है तो प्रश्न काल नहीं हो सकता है। भाजपा हर मामले में राजनीति करती है जो कि ठीक नहीं है। विधानसभा की बैठक 16, 17 और 18 जनवरी के लिए निर्धारित है। कार्य की अनिवार्यता के मद्देनजर सदन की बैठक को बढ़ाया भी जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार सदस्यों को नियम 280 के तहत सदन में मुद्दा उठाने के लिए नोटिस देने की अनुमति होगी।

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