बलात्कार के बाद हत्या: UP में सबसे ज्यादा, इसके बाद ASSAM, MADHYA PRADESH और MAHARASHTRA
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ ज्यादती वाला विडियो सामने आने के बाद,,,,,,, विपक्ष सरकार पर हमलावर है,,,,,,वह संसद में मणिपुर की स्थिति पर लंबी चर्चा,,,,,,, और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है,,,,,,,, भाजपा (MADHYA PRADESH) नेता इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कह रहे हैं,,,,,,,, कि अगर ( मणिपुर की बात होगी तो बंगाल और राजस्थान में भी महिलाओं पर ज्यादती की बात होगी,,,,,, मणिपुर में (MAHARASHTRA) भाजपा का शासन है(most unsafe state in india for females 2023),,,,,, जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और राजस्थान (UP) में कांग्रेस की सरकार ,,,,,,,, भाजपा और विपक्ष की तकरार के बीच सरकार की ओर से (ASSAM),,,,,,महिलाओं के साथ ज्यादती के मसले पर सांसदों के सवाल का एक जवाब आया है
चार सांसदों ने सवाल पूछा
लोकसभा के चार सांसदों ने सवाल पूछा की ,,,,, बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के मामले किस प्रदेश मे कितने है ,,,,,, सवाल के लिखित जवाब में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि 2017 से 2021 के बीच 28 राज्यों में महिलाओं के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के 1278 मामले दर्ज किए गए। इनमें उत्तर प्रदेश नंबर एक और असम नंबर दो पर रहा। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा (Which state in India has the most crime in 2023) 218 और असम में 191 ऐसे मामले दर्ज हुए,,,,,, तीसरे नंबर और चौथे नंबर पर क्रमश: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैं जहां 166 और 133 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में 25 जुलाई को पेश किए। बता दें कि 2017 से 2021 के बीच उत्तर प्रदेश और असम में पूरे समय भाजपा का शासन रहा। ,,,,,, इस अवधि के दौरान राजस्थान में बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के 39 मामले दर्ज किए गए, जबकि छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में क्रमश: 32 और 30 ऐसे मामले दर्ज किए गए
बलात्कार के बाद हत्या नहीं हुई
अब बात करते है ऐसे राज्यों की जहा बलात्कार के बाद हत्या नहीं हुई,,,,,,, महिलाओं और युवतियों के प्रति अपराध में,, राजस्थान देश में अव्वल है। हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ओर से ,,,जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार,,,, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार में राजस्थान देश में नंबर एक पर है। ,,राजस्थान में साल, 2021 में 6,377 दुष्कर्म के मामले हुए जो साल 2020 के 5,310 के मुकाबले ,,,,,एक हजार से ज्यादा है।,,,राजस्थान में दुष्कर्म और महिला हिंसा,,, को लेकर अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। ,,,,,, यही कारण है कि राजस्थान पिछले तीन साल से ,,,महिला हिंसा के मामलों में ,,पहल नंबर पर है। प्रदेश में जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक,, दुष्कर्म के 13890 मामले दर्ज हुए हैं
NCRB-2021 के डेटा के अनुसार
आप ये लिस्ट देखिए ,,, ये लिस्ट दर्शाती है की ,, राज्यों में ऐसे मामलों की संख्या ,,जिनमें बलात्कार के बाद हत्या नहीं हुई,,, NCRB-2021 के डेटा के अनुसार,, महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में राजस्थान (6,337) टॉप पर है।,, इस सूची में दूसरे स्थान पर,, मध्य प्रदेश (2,947), तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र (2,496) और चौथे स्थान पर उत्तर प्रदेश (2,845) है।
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार
प्रधानमंत्री जी को ,,महिला उत्पीड़न पर अगर ,,सही में दुःख और गुस्सा आता है,,, पूरा देश अगर ऐसी घटनाओं से सही में शर्मसार होता है,,, तब इस दुःख और शर्म का इजहार,, हरेक दिन कम से कम 86 बार होना चाहिए,,,, क्योंकि ,,नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार,, हमारे देश में हरेक दिन ,,औसतन 86 महिलाएं बलात्कार का शिकार होती हैं।,, यह केवल पुलिस थानों में दर्ज आंकड़े हैं,,, जाहिर है बलात्कार के मामले इससे बहुत अधिक होंगे।,, वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार ,,देश में कुल 31677 बलात्कार के मामले दर्ज किये गए,,, जबकि वर्ष 2020 में यह संख्या 28046 थी।
क्या सीएम की जिम्मेदारी है या नहीं?
दोस्तों मेरा बस एक ही सवाल है कि,, राज्य की कानून व्यवस्था,, क्या सीएम की जिम्मेदारी है या नहीं? ,,या सीएम राज्य की जिम्मेदारी भूल गए हैं. ,,केन्द्रीय ग्रह मंत्री ,,अमित शाह मणिपुर पर ,,,चर्चा करने के लिए तैयार है ,,,क्या इसलिए ,,विपक्ष खुद,, इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहता है,,. मणिपुर के मुख्यमंत्री से लेकर ,,हमारे प्रधानमंत्री तक को,, मणिपुर की असली जानकारी है ही नहीं।,, दरअसल हमारा देश मोदी राज में एक बड़े ,,रंगमंच में तब्दील हो गया है,,,,,,,जिसमें सत्ता केवल रटी-रटाई स्क्रिप्ट पढ़ती है,, ,,और कैमरे के सामने भौंडा अभिनय करती है।,, रंगमंच का पर्दा गिरते ही ,,सब सामान्य हो जाता है।
उत्तर प्रदेश अव्वल पर
मोदी राज में ,,ऐसे अपराध इतने व्यापक तरीके से किये जाने लगे हैं,, कि जनता को अब,, किसी ऐसी घटना पर शर्म नहीं आती,,। बलात्कार की इस संख्या में सामूहिक बलात्कार के बाद ,,पीड़िता की ह्त्या के मामले शामिल नहीं हैं,,, जिसमें उत्तर प्रदेश अव्वल है ,,और इसके बाद असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान है|,, ,,जाहिर है इन सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार है| ,,प्रधानमंत्री जी ने चुप्पी साधकर जाहिर कर दिया कि,,,, दुःख और गुस्सा मानसिक नहीं हैं,,,,, बल्कि स्क्रिप्ट का बस एक हिस्सा हैं।
देश इस घटना से शर्मसार
प्रधानमंत्री जी ने ,,संसद को लोकतंत्र का मंदिर तो बताया,,, पर संसद के बाहर,, मीडिया के सामने मणिपुर हिंसा के दौर की,, 140 से अधिक हत्याओं को केवल ,,,,,,एक विडियो में विलीन कर दिया।,, ,और महिला उत्पीड़न पर वही रटी-रटाई स्क्रिप्ट,, देखने को मिली है ,,उन्होंने कहा, उन्हें दुख है गुस्सा भी है, पूरा देश इस घटना से शर्मसार है,,। इसके बाद फिर वही ,,ऑफ-ट्रैक वक्तव्य-,, दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार
जाहिर है,,, इस न्यू इंडिया में महिलाओं और लड़कियों को ,,खुले आम ह्त्या और बलात्कार की धमकी देने,, और वैश्या कहने का एक रिवाज सा चल पड़ा है,,, और इसे सरकारी और तमाम संवैधानिक,, संस्थाओं का जोरदार संरक्षण भी प्राप्त है।,,, एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार ,,,ट्विटर पर महिला नेताओं को हत्या, बलात्कार की धमकी या फिर अभद्र शब्दों का प्रयोग,, भारत में बहुत सामान्य है। ,,ऐसा लगभग हरेक देश में होता है, ,पर हमारा देश जो न्यू इंडिया है,,, उसमें इसकी संख्या ,,,,,,,अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक है।
स्मृति ईरानी ने सवाल पूछा
सुना आपने महिला एवं बाल विकास मंत्री ,,स्मृति ईरानी,,की बातें ,,आपमें कब ये साहस होगा कि ,,आप कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं के साथ ,,होने वाले बलात्कार पर बोल सकें?,,”स्मृति ईरानी यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने राहुल गांधी का नाम लेकर कहा कि,, आप ये कब बताएंगी कि ,,राहुल गांधी ने कैसे मणिपुर जाकर वहां लोगों,, को आग में डाल दिया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री होने के बावजूद
दोस्तों में तो बिल्कुल सहमत हु ,,,मैडम जी की बातों से ,,जो उन्होंने कहा ,,की ,,महिला मंत्रियों और महिला राजनेताओं को,, मणिपुर के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में,, महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए,,,बिल्कुल देना चाहिए ,,,,पर मैडम जी ये भूल गई है सायद ,,,महिला एवं बाल विकास मंत्री होने के बावजूद ,,उन्होंने मणिपुर हिंसा पर कब चुप्पी तोड़ी थी ,,,कैसे चुप्पी तोड़ी थी ,,,बस एक ट्वीट करके ,,अपना सरकारी बयान जारी कर,,दिया ,,बस इतना ही काम था जो ,,कर दिया गया ,,,जितनी energy से विपक्ष से सवाल किया जा रहा है ,,,काश इतनी ही एनर्जी ,,स्मृति ईरानी,,मणिपुर पर खर्च करती
इस सूची में भारत का स्थान चौथा
लेकिन दोस्तों ,,आश्चर्य यह है कि,, इसके बारे में महिला राजनितिज्ञों की तरफ से ,,कोई आवाज भी नहीं उठती। ,,एक रिपोर्ट में भारत को महिलाओं पर यौन हिंसा के सन्दर्भ में वर्ष,, 2019 के दौरान सबसे unsafe देशों की सूची में,, दूसरा स्थान दिया गया था, ,,वर्ष 2018 में इस सूची में भारत का स्थान चौथा था। ,,आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा प्रोजेक्ट के अनुसार,,, अराजकता बढ़ने के कारण ,,,महिलाओं पर यौन हिंसा बढ़ती जा रही है।
नेशनल कमीशन फॉर वीमेन के अनुसार
नेशनल कमीशन फॉर वीमेन के अनुसार वर्ष,, 2022 में 31000 शिकायतें दर्ज की गईं थीं,, यह संख्या वर्ष 2014 के बाद से,, सर्वाधिक संख्या है। इन शिकायतों में से 54.5 प्रतिशत शिकायतें ,,,,अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के अनुसार ,,हमारे देश में हरेक घंटे महिलाओं के विरुद्ध,, लगभग 50 अपराध किये जाते हैं ,,और एक लाख महिलाओं में से ,,64.5 महिलायें ,,इसका शिकार होती हैं।
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति
और हमारे प्रधानमंत्री जी,, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति को शेष ,,,,राज्यों से बेहतर बताते हैं। ,,जाहिर है महिलाओं पर किये गए अपराध ,,उनकी नजर में अपराध ही नहीं हैं।,, सीएम योगी लगातार कहते है कि ,,सारे अपराधी या तो सलाखों के पीछे हैं या,, फिर राज्य छोड़कर चले गए। ,,फिर राज्य में महिलाओं पर अत्याचार कौन कर रहा है
महिलाओ पर अत्याचार बढ़ रहे
महिलाओं पर अत्याचार के सन्दर्भ में,,,,, अव्वल होने के बाद भी,,, योगी जी को यह अपराध नजर ही नहीं आता।,,,, ,,,प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं के उत्पीडन के सन्दर्भ में मणिपुर के साथ ,,राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम लिया ,,और यह साबित कर दिया कि ,,,महिला सुरक्षा के सन्दर्भ में भी ,,वे केवल राजनीति ही कर सकते हैं।
हमारे प्रधानमंत्री जी के लिए चुनाव जीतना ही ,,एकमात्र लक्ष्य है,,, फिर जनता जी रही है ,,,,या मर रही है, ,, इससे फर्क ही,, क्या पड़ता है? ,,,,महिलाओ पर अत्याचार बढ़ रहे है ,,,ये एक चिंता का विषय है ,,,सरकार और विपक्ष को इस पर राजनीति ,,करने की बजाय ,,इसका समाधान निकालना चाहिए ,,,,,,,इसपर केंद्र सरकार ओर राज्य सरकार ,,,दोनों को ध्यान देना चाहिए ,,,आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ