कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) के लंदन वाले बयान पर हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (Sambit Patra) संबित पात्रा (BJP National Spokesperson Sambit Patra) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर (BJP Press Conference) राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है और उन्हें मीर जाफर तक कह दिया है। संबित पात्रा ने कहा कि नवाब बनने के लिए जो मीर जाफर ने किया, वही राहुल गांधी कर रहे हैं।
संबित पात्रा ने राहुल गांधी को मीर जाफर बताया
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता ब्रिटेन और अमेरिका से इस तरह की मांग लंदन में बैठकर करेंगे तो ठीक नहीं है। हमारा मानना है कि यह विषय नहीं है बल्कि साजिश है। संबित पात्रा ने कहा, “मीर जाफर ने जो किया था नवाब बनने के लिए और जो राहुल गांधी ने लंदन में किया है, वो ठीक वही है। शहजादा नवाब बनना चाहता है। आज के मीर जाफर को माफी मांगनी ही पड़ेगी। शहजादे ये नहीं चलेगा।”
संबित पात्रा ने राहुल गांधी के माफी को लेकर कहा, “ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी बिना माफ़ी मांगे निकल जाएंगे।माफ़ी तो उन्हें मांगनी ही पड़ेगी, हम मंगवा कर रहेंगे। राफेल केस में भी उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी थी और आज उन्हें संसद के पटल पर भी माफ़ी मांगनी पड़ेगी। राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी के जरिए विदेशों को भारत में लोकतंत्र की ‘रक्षा’ करने के लिए आने का खुला निमंत्रण दिया है। यही काम मणिशंकर अय्यर और राहुल गांधी कर रहे हैं, दोनों भारत को बदनाम कर रहे हैं।”
संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज होगा केस
कांग्रेस ने बीजेपी नेता के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी को मीर जाफर कहने को लेकर कांग्रेस बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ कानूनी कर्रवाई करेगी। पवन खेड़ा ने संबित पात्रा के राहुल गांधी को मौजूदा दौर के मीर जाफर वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जल्द ही करारा जवाब मिलेगा। हम उनसे (बीजेपी) यह भी सीख रहे हैं कि कैसे जवाब देना है। उनके बयान पर जल्द कार्रवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्यों में संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।
भारतीय राजनीति में ‘मीर जाफर’ नया नहीं
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मीर जाफर की राजनीति में एंट्री हुई है। मीर जाफर का प्रयोग अक्सर राजनीतिक दल विरोधियों पर हमला करने के लिए करते हैं। इससे पहले खुद कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस छोड़ चुके गुलान नबी आजाद और असम के मौजूदा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के लिए भी मीर जाफर शब्द का प्रयोग किया था। इतना ही नहीं साल 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी थी तब उनके लिए भी प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने मीर जाफर शब्द का प्रयोग किया था। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने भी पार्टी छोड़कर जाने वाले सुवेंदु अधिकारी, दिनेश त्रिवेदी और मुकुल रॉय को मीर जाफर की संज्ञा दी थी।
कौन था मीर जाफर?
देश में मीर जाफर का नाम विश्वासघात और गद्दारी का पर्याय बन चुका है। मीर जाफर 1857 से 1860 तक बंगाल का नवाब था। इससे पहले वह बंगाल के नबाव सिराजुदौला का सेनापति था। उसने नवाब से गद्दारी कर अंग्रेजों से हाथ मिला लिया था। इससे नवाब को अंग्रेजों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। विश्वास घात की एवज में ही उसे नवाब की गद्दी मिली थी। मीर जाफर के गद्दारी की कीमत सिराजुदौला को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी।