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Brij Bhushan Singh के करीबी Sanjay Singh बने WFI Chief, Sakshi Malik ने Wrestling से लिया संन्यास

Brij Bhushan Singh: दोस्तों अमृतकाल में देश की स्तिथि आज किस जगह पर पहुँच गई है जिस पर पोकसों ऐक्ट लगा हो जिस पर महिलाओ पहलवानों (Wrestling) के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा हो जिसे दिल्ली पुलिस ने दोषी माना अपनी chargesheet में उस इंसान का दबदबा देखिए चुनाव उस इंसान को जित्वा दिया ,,जो उसके चमचे करीबी माने जाते है आप ये तस्वीर देखीय विजयमाला अपने गले मे डालकर यौन सोशण के आरोपी ब्रिज भूषण (Sanjay Singh) घूम रहे है आज बेटियों की आभरू पर उनकी इज्जत को,, (WFI Chief) जिस तरह से मोदी सरकार ने तार तार किया है ऐसा आजाद भारत में या कहे अमृतकाल में पहली बार हो रहा है

दोस्तों उपराष्ट्रपति जगदीप की संसद के बहार जब एक सांसद ने मिमिक्री की तो उपराष्ट्रपति ने संसद में आकर कहा की ये उनका अपमान है उनकी जाति का अपमान है जाट समाज का अपमान है इसे लेकर बीजेपी ने खूब हंगामा काटा लेकिन अब जब देश की एक जाट बेटी (Sakshi Malik) आँखों में आसू लिए प्रेस conferrence में दिल पर पत्थर रखकर ये कहती है की में कुश्ती छोड़ रही हु

पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का किया एलान

दोस्तों जो लोग पिछले दो दिनों से जाट समाज के अपमान को लेकर तांडव कर रहे है हाहाकार मचा रहे है वो सब लोग अब कहा है? साक्षी मालिक भारत की बेटी है जिसने भारत का नाम विश्व मे रोशन किया लेकिन आज मोदी राज में कुश्ती से संन्यास लेने का कदम उठाना पड़ा! उमीद है सायद आज भी उपराष्ट्रपति जी को जरूर गुस्सा आया होगा ,

दोस्तों उप राष्ट्रपति की मिमिक्री करने पर निलंबित सांसदों पर देश का मीडिया, सरकार, खुद पीएम मोदी और राष्ट्रपति बेहद व्याकुल हैं और इसे जाट समुदाय के अपमान से जोड़ा जा रहा है। लेकिन स्त्री को देवी का दर्जा देने वाले हमारे देश के नीति-नियंताओं को इन्हीं जाट महिला पहलवान खिलाड़ियों के द्वारा कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के खिलाफ लगाए गये यौन शोषण के मुद्दे पर जाट बिरादरी के अपमान की गंध तक नहीं आई थी?

40 दिनों तक दिल्ली की सड़कों पर धरना करने को विवश इन अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ियों को किन-किन मानसिक यंत्रणाओं से गुजरना पड़ा देश ही नहीं पूरी दुनिया ने इसे देखा था। लेकिन चूंकि बृज भूषण शरण सिंह कोई मामूली आदमी नहीं हैं भाजपा के उस राज्य से सांसदी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो देश की 80 लोकसभा सीटों के माध्यम से ‘कौन बनेगा प्रधानमंत्री’ का फैसला करता है महिला सम्मान की बात घूरे के ढेर में फेंक दी जाती है।

सिस्टम से हार गई दंगल गर्ल !

आज जब कुश्ती महासंघ में अध्यक्ष पद का नतीजा सामने आया तो साफ़ हो गया कि कुश्ती संघ पर आज भी पूरी तरह से सासंद और यूपी में बाहुबली कहे जाने वाले भाजपा सांसद बृज भूषण का ही एकछत्र राज्य चलने वाला है। उनके खास संजय सिंह को भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद के लिए कुल 47 वोटों में से 40 वोट प्राप्त हुए

जबकि महिला खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व कर रहीं कॉमनवेल्थ खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट अनीता श्योराण के साथ फेडरेशन कहीं नजर नहीं आया। यह लड़ाई भले ही देखने में संजय सिंह बनाम अनीता श्योराण लड़ रहे थे लेकिन असल में मुकाबले में बृज भूषण शरण सिंह और सामने साक्षी मलिक बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट जैसे भारत के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी आमने-सामने थे।

दोस्तों इस जीत पर अपनी मुहर लगाते हुए बृज भूषण शरण सिंह के दावे से पूरा मामला स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने ऐलानिया लहजे में कहा है कि “दबदबा था और दबदबा रहेगा”। इसका आशय यह हुआ कि भले ही उन्हें महासंघ के सर्वेसर्वा के पद से हटना पड़ा हो लेकिन उनका दबदबा उसी तरह जारी रहने वाला है। इसके साथ ही उनका कहना है कि यह जीत देश के पहलवानों की हुई है और वे आशा करते हैं कि उनके खिलाफ आंदोलन के चलते देश में कुश्ती से जुड़ी जो गतिविधियां पिछले 11 महीने से ठप पड़ी हुई थीं वे अब फिर से सुचारू रूप से शुरू हो जाएंगी।

बता दें कि, महिला खिलाड़ियों के जंतर-मंतर पर जारी धरने को तब खत्म किया गया था जब सरकार द्वारा इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया था। इस आश्वासन में यह भी वादा किया गया था कि बृजभूषण शरण सिंह के किसी भी सहयोगी या रिश्तेदार को कुश्ती संघ के अगले चुनाव में खड़े होने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। यही कारण था कि बृजभूषण के बेटे प्रतीक और दामाद विशाल सिंह इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरे लेकिन उनके निकट सहयोगी संजय सिंह के लिए नामांकन का रास्ता बना दिया गया था।

संजय सिंह का रिकॉर्ड बताता है कि इससे पहले वे उत्तर प्रदेश कुश्ती फेडरेशन के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी परिषद का हिस्सा रहे हैं और 2019 से इसके संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे। संजय सिंह बृजभूषण का राइट हैंड जो उसे अपने बेटे से भी अधिक प्रिय है और उसका बिजनेस पार्टनर है और वही अब फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया।

बृजभूषण के करीबी बने भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष

इस चुनाव में जीत के बाद संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जिनको कुश्ती करनी है वे कुश्ती करें। जिनको राजनीति करनी है वो राजनीति करें। आगे बच्चों के लिए कैंप लगाए जाएंगे उनका साल खराब नहीं होने दिया जाएगा। ओलंपिक में जाने वाले पहलवानों की तैयारी कराई जाएगी।

दोस्तों साक्षी मलिक ने अपने 13 साल के करियर में 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते जिसमें 2022 चरण का स्वर्ण पदक शामिल है। इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में भी चार पदक अपने नाम किये। साक्षी मलिक ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं।

दोस्तों देश की पहलवान लड़कियां सड़कों पर घसीटी गयी थीं उन्हें कहीं से कोई इन्साफ नहीं मिल रहा था यहाँ तक कि उनको जंतर मंतर से खदेड़ दिया गया संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बनाकर एक तरह से देश का गौरव रही महिला पहलवानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़का गया है.

दोस्तों जो इतने सारे क्रिमिनल बिल मोदी सरकार अमित शाह ने पारित कराएँ क्या उन्मे महिलाओ के लिए कुछ है? महिलाओ के साथ जिस तरह का यौन सोशन होता है कभी फास्ट ट्रैक नहीं किया जाता जब तक केस बहुत बड़ा न हो जाए तो और यहाँ पर बात बीजेपी सांसद की है इतना बड़ा प्रोटेस्ट होने के बाद भी महिला पहलवान रो रही है कुश्ती से अलविदा कह दिया है क्या आपको अब भी लगता है देश में लोकतंत्र जिंदा है अपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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