![Agneepath Recruitment Scheme : आज 'अग्निपथ योजना' की हो सकती है घोषणा 1 Agnipath recruitment scheme](https://www.jantakeeawaz.com/wp-content/uploads/2022/06/agneepath-recruitment-scheme-may-be-announced-today.jpg)
भर्ती किए गए युवाओं में से सर्वश्रेष्ठ को भी रिक्तियों के उपलब्ध होने की स्थिति में अपनी सेवा जारी रखने का अवसर मिल सकता है। 80 प्रतिशत सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी।
भारत सरकार आज रक्षा बलों के लिए ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ का ऐलान कर सकती है। इसके तहत युवाओं को 4 साल के लिए भारत की तीनों सेनाओं में भर्ती किया जाएगा, जिसे ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम दिया गया है। तीनों सेना प्रमुख प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना की घोषणा करेंगे। दो सप्ताह पहले जल, थल और वायु सेना प्रमुखों ने अग्निपथ योजना के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अवगत कराया था। सैन्य मामलों का विभाग इसे लागू कर रहा है। चार साल के बाद इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले 80% युवाओं को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ 20% युवाओं को तीनों सेनाएं रिटेन करेंगी।
टूर ऑफ ड्यूटी’ का मकसद रक्षा बलों का खर्च और उम्र घटाना भी है। इस स्कीम के लागू होने से भारतीय सेनाओं की एवरेज एज प्रोफाइल 35 साल से घटकर 25 साल हो जाएगी। अग्निपथ स्कीम के तहत सेना के तीनों अंगों में पहले साल 45 हजार से ज्यादा युवाओं की भर्ती हो सकती है। सशस्त्र बलों का अनुमान है कि इस योजना के सफल होने पर सरकार को उनके वेतन, भत्तों और पेंशन के मद में हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी। सैन्य मामलों के विभाग ने अग्निपथ योजना बनाने से पहले 8 देशों के लागू इसी तरह के मॉडल का अध्ययन किया है।
चार साल बाद जवानों को सेवा से किया जाएगा मुक्त
अग्निपथ भर्ती योजना के तहत जवानों को चार साल के लिए भर्ती किया जा सकेगा और उसके बाद ज्यादातर जवानों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सेवा से मुक्त जवानों को दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में सेना एक सक्रिय भूमिका निभाएगी।
20 प्रतिशत जवानों को सेवा जारी रखने का मिलेगा मौका
वही, इन भर्तियों में 20 प्रतिशत जवानों को चार साल बाद भी मौका मिलेगा। हालांकि ये संभव तभी हो पाएगा कि उस समय सेना में भर्तियां निकली हों वहीं, इस योजना के चलते सेना को करोड़ों रुपये की बचत हो सकती है। इस तरह कम संख्या में लोगों को पेंशन देनी होगी तो वहीं दूसरी तरफ वेतन में भी बचत होगी।