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Rajasthan Election 2023 : नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे पर भड़के अशोक गहलोत, ईडी और पीएम मोदी पर साधा निशाना

Rajasthan Election 2023: दोस्तों ed छत्तीसगढ़ पहुँच जाती है rajasthan पहुँच जाती है दूसरे विपक्षी राज्य में भी पहुँच जाती है ये सब हमको अच्छे से पता है और हम सभी जानते भी है मगर पता नहीं क्यों यही ed मध्यप्रदेश का पता भूल गई है अगर ed के अधिकारियों को गाड़ी से रास्ता याद नहीं आ रहा है तो हम तो कहेंगे एक अड्वाइज़ देंगे की भई काँग्रेस को या बाकी विपक्षी पार्टियों को इनकी ट्रेन की या फ्लाइट की टिकट करवा देनी चाहिए बेकार के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे डायरेक्ट उसी राज्य में लैन्डिंग करेगे

छतीसगढ़ में 508 करोड़ का घोटाला दिखाई दे रहा है लेकिन मध्य प्रदेश में 10 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप पर ed खामोश है जैसे की सांप सूंघ गया है Rajasthan के सीएम अशोक गहलोत ने ed की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए है

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के वायरल वीडियो पर सियासत

दोस्तों मामला कोई छोटा मोटा तो है नहीं जिसको युही जाने दिया जाए की चलिए छोड़िए मिट्टी पाइए कोई दिक्कत नहीं छोटा सा मामला है रफा दफा कीजिए लेकिन मामला छोटा नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी जी महज आरोप के आधार पर काँग्रेस के मुख्यमंत्री पर आरोप लगा सकते है तो फिर आखिर मध्य प्रदेश की सरकार से दिल्ली सीट से चुनावी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर से सवाल क्यों ना पूछा जाए

बीजेपी के बड़े नेता है केंद्र सरकार में मंत्री है केन्द्रीय मंत्री है कृषि मंत्री है जब इनके बेटे को लेकर इनसे सवाल किया जाता है तो ये भाग जाते है भाग खड़े होते है लेकिन क्या इनसे सवाल पूछना बंद कर देना चाहिए बता दें कि विधानसभा चुनाव की वोटिंग से कुछ दिन पहले एक के बाद दो वीडियो वायरल हुए हैं. इस वीडियो में कथित तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र सिंह तोमर करोड़ों रुपये के लेनदेने की बात करते हुए नजर आ रहे हैं

नरेंद्र तोमर के बेटे पर भड़के अशोक गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने कहा की पूरा देश तोमर के बेटे की विडिओ देख सकता है लेकिन ed की और से कोई कारवाई नहीं हुई ईडी सिर्फ दूसरों के घरों में घुस रही है. बीजेपी के नेताओं के इस तरह के वीडियो सबके सामने आ रहे हैं लेकिन वहां ईडी कोई काम नहीं कर रही. इस तरह के वीडियो आने के बाद भी कार्रवाई नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है.

गहलोत कहते है काँग्रेस पिछले 10 सालों से केंद्र की सत्ता में नहीं है मध्य प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा काँग्रेस पर देश लूटने का आरोप लगा रही है आरोप का आधार यही है की। कांग्रेस नेताओं के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करा रही है। किसी भी मामले में आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने कांग्रेस को सबसे भ्रष्ट पार्टी बता दिया है

जबकि, जब उसके मंत्री या उनके परिवार के लोग फंसते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसियां गायब हो जाती है और कोई जांच नहीं होती विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में ईडी वैभव गहलोत के खिलाफ जांच कर रही है दोस्तों। तो कहीं ना कहीं अशोक गहलोत ने इसी तरफ तंज कसा की दूसरों के बेटों के घरों में घुसकर ed जो हैं जांच करती है लेकिन इनका घर का पता जो है भूल जाती हैं।

गहलोत की ये जो बात है। सही है कहीं ना कहीं जांच में कोई हर्ज नहीं है। देखिये एजेंसियों का काम जांच करना है , लेकिन उनमें तटस्थता होनी चाहिए सारी जांच कांग्रेस नेताओं के खिलाफ़ ही क्यों? आपको बता दु की 2014 से अब तक ईडी ने जितनी भी कार्यवाही की है उनमें से 95% ऐक्शन विपक्ष के नेताओं पर हुए।

केंद्रीय मंत्री ने बताया ‘विपक्ष का षड्यंत्र’

बीते 5 साल में कई बड़े छापे मीडिया हाउस और पत्रकारों पर पड़े जो सरकार से सवाल पूछते हैं उन्हीं मीडिया में हाल ही में न्यूज क्लिक पर ऐसी ही कार्रवाई की गई थी इससे पहले the वायर को भी परेशान किया गया था बीबीसी ने पीएम मोदी पर सवाल करते हुए डॉक्यूमेंट्री बना दी। तो वहाँ भी छापे पड़ गए।

अब आपको भी पता चल गया होगा की तोमर के बेटे का पूरा मामला क्या है तो कायदे से इनके ऊपर भी जांच होनी चाहिए थी…… इनके ऊपर भी छापे पड़ने चाहिए थे। लेकिन इनके घर का पता ed भूल गई है। ममता जी, ममता बेनर्जी के भतीजे टीएमसी सांसद अभिषेक बेनर्जी को ed बार बार शिक्षक घोटाले में तलब करती हैं। हाल ही में बुलाया गया था उसी तरीके से …..तो अभिषेक बेनर्जी ने 6000 पन्नों का जवाब दे दिया ईडी अब तक उस पर जवाब नहीं दे पाई कि क्या है ?

फिर लालू प्रसाद यादव उनका परिवार एक उदाहरण के तौर पर ले लीजिये जमीन के बदले नौकरी मामला तेजस्वी यादव से लेकर उनकी बहन, बहनोई दोस्त सब के यहाँ ईडी ने छापे मारे खोद डाली बिल्कुल सारी जमीन अभी हाल ही में तेजस्वी के कारोबारी मित्र अमित कल्याण को ईडी ने इसी आधार पर गिरफ्तार कर लिया क्योंकि वो समन भेजने के बाद ईडी के सामने हाजिर नहीं हो रहे थे तो अब आप समझ सकते हैं की ed इन मामलो में …कितनी आक्रामक है?..

इन मामलों में कितना आक्रामक रुख ed का रहता है लेकिन किस मामले में उसने चुप्पी साधी हुई है ये आपको अब समझ आ गया होगा अगर बात की जाए खासकर अगर मध्यप्रदेश की बात की जाए। तो मध्यप्रदेश में छापे जरूर पड़ने चाहिए। क्योंकि वहाँ एक नेता के खिलाफ आरोप लगता है। अगले दिन दूसरे नेता के खिलाफ़ आरोप लग जाता है। फिर तीसरे नेता के खिलाफ़ आरोप लग जाता है

लेकिन बावजूद इसके तमाम केंद्रीय एजेंसियां जो है वहाँ नहीं पहुंचती शायद इसलिए क्योंकि अभी तक भी जब तक मतदान नहीं हो जाता नतीजे सामने नहीं आ जाते तब तक तो भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार है। केंद्र में तो भारतीय जनता पार्टीकी ही सरकार है। हो सकता है इसलिए तमाम केंद्रीय एजेंसियों को बैठा दिया गया हो। इसकी जांच होनी चाहिए या नहीं इस मुद्दे पर आप अपनी राय जरूर कमेन्ट कर दीजिएगा

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