Arvind Kejriwal: अब केजरीवाल के पास क्या हैं कानूनी विकल्प?
Arvind Kejriwal: दोस्तों अरविन्द केजरीवाल ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए …..कई नेताओ को भ्रष्ट बताया और खुद को कट्टर ईमानदार बताया और आज हालात ये हो गए है केजरीवाल ने भ्रष्टाचार लूट की ऐसी सीमाएँ लाँग दी है की जेल मे बतौर मुख्यमंत्री वो इकलोते मुख्यमंत्री बन गए है ये नया मुकाम तो केजरीवाल ने हासिल कर लिया
लेकिन शराब घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कल हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी व ईडी रिमांड को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी। इतना ही नहीं केजरीवाल घोटाले के mastermind निकले जी हाँ, मुख्य साजिशकरता है केजरीवाल कोर्ट ने कहा है की ed ने सबूत दे दिए है इसका मतलब सपष्ट है केजरीवाल भ्रष्ट है !
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि केजरीवाल न सिर्फ इस पूरी साजिश में शामिल थे बल्कि रिश्वत लेने और इस क्राइम को लेकर जो चीजें हुईं, वो उसमें भी शामिल थे. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल खुद शराब नीति बनाने के साथ-साथ रिश्वत का पैसा जमा करने में भी शामिल थे. इस केस में जो बयान दर्ज हुए हैं, ये स्टेटमेंट अदालत के समक्ष दर्ज किए गए थे. हाईकोर्ट ने इस दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि अदालत कानून से चलती है, सियासी दबाव से नहीं.
अब क्या हैं कानूनी विकल्प?
अब अरविंद केजरीवाल की टीम के पास उनकी जमानत के लिए निचली या ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प खुला हुआ है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया
वकील अश्विनी कुमार दुबे ने कहा कि दिल्ली की शराब नीति बनाने के मामले में अरविंद केजरीवाल न तो आबकारी मंत्री थे, और न ही उन्होंने इससे संबंधित कोई निर्णय लिए हैं। किसी दस्तावेज पर उनके हस्ताक्षर भी नहीं हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार, अरविंद केजरीवाल को उनके कुछ करीबी लोगों के द्वारा उनके कार्यालय में शराब नीति बनाने से संबंधित गड़बड़ करने के आरोप हैं। लेकिन कानून की तकनीकी भाषा में इसके लिए उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इस बिंदु को प्रकाश में लाते हुए अरविंद केजरीवाल की टीम उनके बचाव के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या क्या कहा ?
-दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ये याचिका जमानत के लिए नहीं बल्कि हिरासत को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी गलत है.
-जमा किए गए सबूतों से पता चलता है कि केजरीवाल ने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और रिश्वत लेने और अपराधिक आय जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल थे. केजरीवाल बतौर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक कथित तौर पर 2 तरह से इस पूरे मामले में शामिल थे. वह व्यक्तिगत रूप से शराब नीति बनाने और रिश्वत के पैसे जुटाने में शामिल थे.
-गवाहों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज किए गए थे. अप्रूवर के बयानों और माफी देने पर सवाल उठाना न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने जैसा होगा. जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है. जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है.
-गिरफ्तारी की वैधता पर HC ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी और रिमांड के कानून पर विचार करते हुए केजरीवाल की गिरफ्तारी की जांच करनी होगी.
–केजरीवाल की चुनाव की घोषणा के बाद हुई गिरफ्तारी वाले तर्क पर कहा कि इस तर्क को स्वीकार करने का मतलब होगा कि अगर चुनाव के समय गिरफ्तारी नहीं हुई होती तो इसे चुनौती नहीं दी जा सकती थी.
-कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास बहुत सारे सबूत हैं. इसमें हवाला डीलरों के बयान, अप्रूवर्स के बयान, इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सदस्यों के बयान भी मैजूद हैं, जिन्होंने कहा है कि उसे गोवा चुनाव में खर्च के लिए पैसे दिए गए थे. यह गोवा चुनाव के संबंध में मनी ट्रेल को पूरा करता है. केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है और दिल्ली सीएम के रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है.
-हाई कोर्ट ने कहा याचिकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए है. मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता. जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है.
-हाईकोर्ट ने केजरीवाल की उस दलील को भी नकार दिया कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी. हाई कोर्ट ने कहा ED गिरफ्तारी का समय तय करती है.
नैतिकता का सवाल ज्यादा
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली हाई कोर्ट का निर्णय आने के बाद कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पूरी गिरफ्तारी पर प्रश्न खड़ा कर अपना अहंकार दिखाया था। उन्होंने अप्रूवर की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए अपने आपको कानून से ऊपर समझने की मानसिकता दिखाई थी। लेकिन अदालत ने उनके आरोपों को खारिज कर बता दिया है कि इस देश का कानून सबसे ऊपर है। इसके सामने आम आदमी और एक मुख्यमंत्री बराबर की हैसियत रखता है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि अदालत ने प्राथमिक दृष्टि में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को खारिज न कर यह मान लिया है कि शराब घोटाला हुआ है और इस मामले में अरविंद केजरीवाल पर केस चलाने लायक पर्याप्त साक्ष्य ईडी के पास मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद अरविंद केजरीवाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
संजय सिंह ने कहा- बेदाग छूटेंगे केजरीवाल
आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने हाई कोर्ट के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह पूरा मामला आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की राजनीति को खत्म करने के लिए गढ़ा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के आरोपों के जरिए दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की मजबूत सरकारों को अस्थिर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पूरी तरह निर्दोष साबित होंगे और जल्द ही वे बाहर आएंगे।
अब देखना ये होगा देश की सरवॉच न्यायालय supreme court से राहत मिलती है या कोई नया झटका खैर आपकी इसपर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताये