Farmer Protest: दोस्तों हमारे देश के प्रधानमंत्री जी संसद मे खड़े होकर किसानों की बात करते है रैलियों मे सभाओ में कहते फिरते है की मेरे लिए इस देश का किसान ही सबसे बड़ी जाति है में उनके लिए काम करता हु अब समझ आ रहा है की कितना काम करते है आज हालत ये बना दी गई है की अपनी मांग रखने के लिए अगर किसान आना चाहे तो उन्हे आने नहीं दिया जाएगा
काटे बिछा दिए जाएंगे सड़क पर किले बिछा दी गई बड़े बड़े सिमेन्ट के बैरिकेड रखे गए है नॉर्थ east दिल्ली में 11 फरवरी से धारा 144 लगा दी गई और इतनी तैयारी किसके लिए की गई हमारे अन्नदाता देश के किसानों को रोकने के लिए क्या गजब हाल है मोदी सरकार का एक तरफ चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया और अब दूसरी तरफ किसान आंदोलन को रोकने के लिए कीलें गाड़ दी गई
कील-कांटे दार राममय अमृतकाल !
दोस्तों एक बार पहले भी किसान कानून के दायरे में रहकर आंदोलन कर चुके है जिससे मोदी सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ा था इस अमृतकाल में राममय सरकार में कैसे दिन देखने पड़ रहे है की किसानों को वादा पूरा कराने के लिए दबाव बनाने के लिए फिर से आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है
किसानों के दिल्ली घेराव को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब से लगने वाले सिंघु बॉर्डर पर कटीले तार लगा दिए हैं. सड़कों पर सीमेंट के बैरिकेड हैं. दिल्ली में गाजीपुर टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस तैयारी कर रही है ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके. गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की गाड़ियां और बैरिकेड खड़े कर दिए गए हैं. सीसीटीवी और लाउडस्पीकर भी लगाए जा रहे हैं. पुलिस-प्रशासन को डर है कि कहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के दूसरे संगठन भी इसमें शामिल न हो जाएं. अगर ऐसा होता है तो संभव है कि दिल्ली-मेरठ राजमार्ग भी बाधित हो सकता है.
किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की कई सीमाओं पर यातायात प्रभावित रहेगा. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के साथ ही शाहदरा जिला के फर्श बाजार, गांधी नगर, विवेक विहार, सीमापुरी जैसे इलाकों में धारा 144 लागू होगी. अमृतसर व्यास में किसानों का बड़ा जत्था दिल्ली कूच करने के लिए तैयार है. बड़ी संख्या में किसानों के ट्रैक्टर कतार में खड़े हैं.
वाटर कैनन और वज्र वाहनों को तैनात किया गया है. वाहनों की आवाजाही में बाधा डालने के लिए घग्गर नदी के तल की खुदाई की गई है. हरियाणा सरकार ने 11 से 13 फरवरी तक अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और बल्क एसएमएस निलंबित कर दिए हैं.
16 फरवरी को भारत बंद का एलान
13 फरवरी को होने वाले किसान आंदोलन में किसान मजदूर मोर्चा, सरवन सिंह पंढेर की किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह, भारतीय किसान यूनियन जनरल सिंह और भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद दिलबाग सिंह और गुरमननित सिंह की प्रोग्रेसिव फार्मर फ्रंट समेत पंजाब और हरियाणा के 26 किसान संगठन इसमे शामिल होंगे
इन संगठनों का मुद्दा वही है जो संयुक्त किसान मोर्चा उठा रहा था. इसमें सबसे बड़ी मांग फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून है. इसके अलावा बिजली की दरों में रियायत और कर्ज माफी का भी मुद्दा है. ऑल इंडिया किसान सभा के उपाध्यक्ष आनंद मोहल्ला ने बताया की संयुक्त किसान मोर्चा के कुछ स्प्लिंटर संगठन जो अलग हो गए थे यह उनका आंदोलन है.
ऑल इंडिया किसान सभा ने भी किसानों के आंदोलन से फिलहाल दूरी बनाई हुई है जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्नान किया गया है जिसमें तमाम किसान और मजदूर पूरे दिन हड़ताल और काम बंद करेंगे. दोपहर 12 बजे से लेकर के शाम 4 बजे तक देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों का घेराव किया जाएगा और हाईवे बंद किए जाएंगे. ऑल इंडिया किसान सभा का कहना है कि सरकार ने स्वामीनाथन को भारत रत्न दे दिया लेकिन उनकी सिफारिश नहीं मानी गई हैं.
प्रशासन किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता. केंद्र सरकार की ओर से पीयूष गोयल समेत मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल किसानों से एक दौर की बातचीत कर चुका है. 12 फरवरी को चंडीगढ़ में इन किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय का प्रतिनिधिमंडल फिर मुलाकात की. चुनावी साल में सरकार किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती और इसीलिए हर संभव किसानों को मनाने की मशक्कत चल रही है.
केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से एजेंसी ने बताया कि किसान भी बैरिकेड्स हटाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. ट्रैक्टरों में हाइड्रोलिक उपकरण लगाए गए हैं. आंसू गैस के गोले से लड़ने के लिए आग प्रतिरोधी हार्ड-शेल ट्रेलर तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने इन संशोधित वाहनों के साथ अभ्यास भी किया है. बता दे की किसानों के कई क़ाफ़िले दिल्ली की तरफ़ चल पड़े हैं. बेरिकेड्स तोड़ते हुए किसान लगातार दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे ने किसानों की पीठ थपथपाई
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह किसानों की जायज मांगों को स्वीकार कर लें। उन्होंने किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए रास्तों पर कीलें और कंटीले तार लगाने पर दुख जताते हुए रविवार को ट्वीट किया वहीं अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह दिल्ली कूच में किसानों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में मोदी सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। 2024 में हमारी सरकार बनेगी तो तीनों कृषि कानून रद्द होंगे। मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म करना चाहती है लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है।
बताया जा रहा है की पुलिस गाँव गाँव जाकर किसानों को धमका रही है चेतावनी दे रही है कि किसान आंदोलन में शामिल मत होना अगर हुए तो नतीजा अच्छा नहीं होगा कार्यवाही होगी तुम्हारे खिलाफ आजतक के इतिहास मे ये कभी नहीं हुआ होगा देश मे एक वक्त था जब emergency लागू हुई थी उसी EMERGENCY का हवाला देते हुए पीएम मोदी संसद में कई बार बोल चुके है वो आपातकाल था तो क्या ये आपातकाल नहीं है दोस्तों ये emergency नहीं है तो क्या है जहां किसानों को उनका हक उनका अधिकार इस्तेमाल करने का भी हक नहीं दिया जा रहा है
दोस्तों क्या किसान आंदोलन पहली बार हो रहा हैं? क्या पहले इस देश में आंदोलन नहीं होते थे? क्या प्रोटेस्ट करने का अधिकार किसानों को नहीं है? जो काम, रवैया मोदी सरकार किसानों के साथ अपना रही है ऐसा तो देश की सीमा पर किया जाता है पर यहाँ तो राज्य की सीमाओ पर ही काटे बिछा दिए गए मोदी सरकार के इस रवीए पर आपकी क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ