बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार…’
‘हम मोदीजी को लाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं…’ दोस्तों 2014 के लोकसभा चुनाव में जब ऐसे नारे सामने आए तो जनता की बीच उम्मीद की किरण जागी की मोदी जी अच्छे दिन जरूर लाएगें,,जनता ने उम्मीद कि मोदी जी के आने के बाद से वाकई उनके ‘अच्छे दिन’ आ जाएंगे. इसी उम्मीद से 17 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बीजेपी को वोट दिया,,इस उम्मीद से की मंहगाई कम होगी,,बेरोजगारी कम होगी,,देश में भ्रस्टाचार कम होगा,,युवाओं को रोजगार मिलेगा ,,लेकिन मोदी जी की सरकार बनते ही ये अच्छे दिन की चिड़िया कहाँ गायब हो गई पता ही नहीं चला
मोदी सरकार की वो योजनाएं जो शुरू तो पूरे जोर-शोर से हुईं
दोस्तों 26 मई को पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे हो गए,, साल 2014 में आज के ही दिन पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार शपथ ली थी. अपने नौ साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने कई ऐसे फैसले लिए जिन्होंने लोगों को चौंका दिया. कई कल्याणकारी योजनाएं चलाईं जिनका आमजन को खूब फायदा मिला. वहीं कुछ योजनाएं ऐसी भी रहीं, जिन्हें शुरू तो पूरे जोर-शोर से किया गया,,लेकिन कोई खास कमाल नहीं कर पाईं,,आइए आपको बताते हैं इन स्कीम्स के बारे में.
प्रधानमंत्री कौशल भारत योजना
पीएम मोदी की योजनाओं की बात करें तो Skill India के तहत प्रधानमंत्री कौशल भारत योजना की शुरुआत मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही की गई थी. ये योजना मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रही,,इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना है जो कम पढ़े-लिखे हैं या बीच में स्कूल छोड़ देते हैं,,दोस्तों 15 जुलाई 2015 को हुई इस योजना में 2022 तक भारत के करीब 40 करोड़ लोगों को अलग-अलग कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन ये योजना अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई और फ्लॉप साबित हुई.
‘स्मार्ट सिटी मिशन’
वही साल 2014 में बंपर जीत के साथ सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ की शुरुआत की थी. इस मिशन के तहत 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाना था. मोदी सरकार के इस प्रोजेक्ट को भी करीब 9 साल हो रहे हैं, लेकिन ये प्रोजेक्ट कोई खास कमाल नहीं कर सका और ठंडे बस्ते में चला गया. इस तरह ये मिशन भी एक तरह से फ्लॉप साबित हुआ.
मोदी सरकार का ‘नमामि गंगे’ योजना
दोस्तों मोदी सरकार का ‘नमामि गंगे’ भी बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट माना गया है. गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत साल 2014 में की गई थी. लेकिन सरकार का ये प्रोजेक्ट भी फ्लॉप साबित हो गया. शुरुआती पांच साल में सरकार ने इस योजना पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था. रकम खर्च भी हुई, लेकिन गंगा का हाल आज भी बेहाल है.
9 साल में बेरोजगारी दर जमकर बढ़ी
दोस्तों प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में नौजावनों को रोजगार दिलाने के लिए कई चुनावी वादे किये थे। मगर इन दिनों भारत में बेरोजगारी का स्तर ये हो गया है कि लोगों को नौकरी तक से निकाला जा रहा है। मोदी सरकार में बेरोजगारी दर जमकर बढ़ी है. बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर रखने वाली निजी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक, अभी देश में करीब 41 करोड़ लोगों के पास रोजगार है. वहीं, मोदी सरकार के आने से पहले देश में 43 करोड़ लोगों के पास रोजगार था,,यानि की मोदी जी ने युवाओं को रोजगार देने का जो वादा किया था,,वो इन 9 सालों में फेल होता हुआ दिख रहा है
मोदी सरकार में महंगाई बेतहाशा
‘बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’ दोस्तों 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का ये नारा था. लेकिन मोदी सरकार में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है,,पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तो आग लग गई है. 9 साल में पेट्रोल की कीमत 24 रुपये और डीजल की कीमत 34 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ी है,,दोस्तों पेट्रोल-डीजल के अलावा गैस सिलेंडर की कीमत भी तेजी से बढ़ी है. मोदी सरकार से पहले सब्सिडी वाला सिलेंडर 414 रुपये में मिलता था. अब सिलेंडर पर नाममात्र की सब्सिडी मिलती है. अभी रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 11सौ रुपये तक पहुंच गई है,, इतना ही नहीं, दोस्तों 9 साल में एक किलो आटे की कीमत 52%, एक किलो चावल की कीमत 43%, एक लीटर दूध की कीमत 56% और एक किलो नमक की कीमत 53% तक बढ़ गई है,,ये है मोदी सरकार के अच्छे दिन समझे आप
काला धन वापस लाने का वादा
दोस्तों 2014 के चुनावी प्रचार में बीजेपी के हर नेता ने और पीएम मोदी ने 100 दिनों के अंदर विदेशों में जमा कालेधन को वापास लाने और प्रत्येक भारतीय के बैंक अकाउंट में 15 से 20 लाख रुपये जमा कराने का वायदा किया था,,मगर 9 साल बाद भी कालेधन का मुद्दा महज मुद्दा भर बनकर रह गया,,वही दोस्तों मेक इन इंडिया मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट योजनाओं में से एक योजना रही है। मगर इस योजना का फायदा कहां हुआ और किस वर्ग को हुआ इसका आंकडा अभी तक सामने नहीं आया है। दोस्तों मोदी सरकार की फ्लॉप हुई योजनाओं की लिस्ट लम्बी है,,आप सुनते सुनते थक जाएगें,,9 साल पुरे हो गए है मोदी सरकार को,,लेकिन आम जनता के लिए अच्छे दिनों का वादा करने वाली मोदी सरकार मंहगाई कम करने,रोजगार देने में पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है।