Delhi Liquor Policy: Sanjay Singh की जमानत ED, BJP और AAP के लिए राहत या आफत ?
Delhi Liquor Policy: दोस्तों आपको पता होगा 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त विपक्ष की रैली हुई थी उस रैली में केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ,शरद पवार ,सोनिया गांधी ,मालिकाअर्जुन खरगे ,राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता थे क्या उसका असर है आखिर क्यों ? आखिर क्यों ठीक चढ़ते चुनाव से पहले ed ये कहती है की हमे कोई ऐतराज नहीं है संजय सिंह (Sanjay Singh) की जमानत से राजनीतिक असर क्या होगा क्या पीएम मोदी दबाव में है क्या भारतीय जनता पार्टी दबाव में है क्या पीएम मोदी को ऐसा लगने लगा है ed ,सीबीआई ,income tax का अति सक्रिय होना उनकी छवि खराब कर रहा है एक बदला लेने वाले नेता के तौर पर उनकी छवि बन रही है क्योंकि विपक्ष ऐसे आरोप लगाता रहता है और चुनाव के वक्त मोदी जी अपनी ऐसी छवि को बढ़ावा नहीं देना चाहते होंगे शायद इसलीय ed आका के कहने पर चुप रही
ed को कोई ऐतराज क्यों नहीं
दोस्तों संजय सिंह को ज़मानत नहीं मिली है बल्कि ईडी का गिरफ्तारी घोटाला पकड़ा गया है। आए दिन विपक्षी नेताओं को ,,पकड़ कर जेल में डालने की ईडी की भूख सुप्रीम कोर्ट के एक सवाल के आगे हवा हो गई। बोलती ही बंद हो गई। सुप्रीम कोर्ट के सवाल और उसके सामने ईडी की चुप्पी ने ईडी द्वारा गिरफ़्तारी और लंबे समय तक बेल न मिलने के खेल पर से पर्दा हटा दिया है। कल पता चल गया कि केवल बेल न देने के दम पर,, ईडी का भूत खड़ा किया गया है ताकि आम आदमी से लेकर विपक्ष के नेता हर कोई चुप हो जाए। संजय सिंह के मामले में जिस तरह से ईडी ने चुप्पी मारी है इससे सवाल यह उठता है आखिर निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक संजय सिंह की जमानत अर्जी का विरोध कर रही ED ने अब जमानत पर ऐतराज न करने का फैसला क्यों लिया. क्या उसका दावा इतना मज़बूत था? या फिर कुछ और वजह थी?
दरअसल, कोर्ट ने पूछा था कि छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को आगे भी जेल में क्यों रखना चाहिए? कोर्ट ने कहा कि अगर आप जमानत का विरोध करेंगे तो हमें पीएमएलए की धारा के तहत उनकी जमानत पर विचार करना होगा। अदालत का यही वह तर्क है जिससे ईडी ने अपना रुख बदलना बेहतर समझा। यदि ईडी ने ऐसा नहीं किया होता तो सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए की धारा 45 में जमानत दे सकता था। और ऐसा करने का मतलब होता कि कोर्ट कहता कि संजय सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप साबित नहीं होता है और इसके बाद शराब नीति केस कमजोर पड़ जाता। और शराब नीति केस कमजोर पड़ते ही अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया तक के मामले पर बड़ा असर पड़ता। यह दलील दी गई कि अरोड़ा को ईडी की अनापत्ति पर जमानत दी गई थी जबकि संबंधित अदालत ने टिप्पणी की थी कि ईडी ‘स्मार्ट बन’ रही है।
ईडी के आरोपपत्र में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है। हालांकि पहले संजय सिंह ने दावा किया था कि ईडी के आरोपपत्र में उनका नाम गलती से शामिल हो गया है। लेकिन बाद में ईडी ने बताया कि उसके आरोपपत्र में उनका नाम चार जगह है। बहरहाल, चंदे की रकम को लेकर ईडी उनके घर पूछताछ के लिए पहुंची थी और उनसे 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
दोस्तों माना जाता है कि जिस पीएमएलए कानून के तहत संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था उसमें बहुत मुश्किल है किसी आरोपी को जमानत मिलना ऐसे में संजय सिंह को अगर जमानत मिल गई है तो अब बड़ा सवाल है, क्या दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के दूसरे नेताओं को भी आने वाले दिनों में राहत मिलेगी? क्या मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल को भी इससे जमानत मिलने का रास्ता साफ हो गया है? क्या संजय सिंह को जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी और पूरे विपक्ष को फायदा होने वाला है?
संजय सिंह की जमानत राहत या आफत ?
संजय सिंह को जमानत मिलने से निश्चित रूप से ईडी का केस कमजोर हुआ है। इस तरह के केस में तभी जमानत मिलती है जब कोर्ट को लगे कि आरोपी पर मामला बनने का आधार नहीं है। उन्हें ऐसे माहौल में यह जमानत मिली है जब देश में केजरीवाल की गिरफ्तारी से राजनैतिक माहौल में बड़ी गर्मी आ गई है विपक्ष का कैंपेन जो सुस्त था वह तेज हो गया है विपक्ष ने पिछले दिनों संयुक्त रैली की है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि संजय सिंह को दी गई जमानत को ‘नजीर’ के तौर पर नहीं लिया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि संजय सिंह की जमानत आदेश से अरविंद केजरीवाल समेत जेल में बंद अन्य आप नेताओं को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है। सुप्रीम कोर्ट की इस अहम टिप्पणी ने कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है।
आतिशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को तोड़ा जा रहा है. बीजेपी आम आदमी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दे दी. जमानत इस वजह से दी गई क्योंकि ईडी के पास संजय सिंह के खिलाफ सबूत नहीं थे. जमानत के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवालों को बौछार कर दी. आम आदमी पार्टी इसे सत्यमेव जयते कह रही तो वहीं कांग्रेस कह रही है कि अब केजरीवाल और सिसोदिया को जमानत दे देनी चाहिए
दोस्तों लोकसभा चुनाव से पहले संजय सिंह तो बाहर आ गए लेकिन केजरीवाल और सिसोदिया को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। आपको क्या लगता है अब सिसोदिया और केजरीवाल को जमानत मिलेगी या नहीं अपनी राय हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ