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सच में दागी नेताओं के ल‍िए ‘वाश‍िंग मशीन’ है बीजेपी? Indian Express में खुलासा

दोस्तों लोकसभा चुनाव मे राजनीति के इस दौर में मोदी जी हर रैली में भाषण मे एक शब्द हमेसा बोलते है और वो है corruption, भ्रष्टाचार इस पर मोदी जी पहले भी नारा दे चुके है न खाऊँगा ना खाने दूंगा पर अफसोस की ये बस एक नारा बनकर रह गया है अब तो बस यही है खाने वालों के साथ ही नहीं रहूँगा बल्कि उनको अपने पास रखूँगा कल भी मोदी जी ने कहा- वो कहते हैं कि मेरा परिवार नहीं है इसलिए मुझे भ्रष्टाचार की जरूरत नहीं है। उनका परिवार है तो क्या भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस मिल जाता है? बहुत कुछ हुआ होगा लेकिन दस साल में जो हुआ वो सिर्फ ट्रेलर है। बिल्कुल सही कहा मोदी जे ने ये तो ट्रेलर है बीजेपी ने तो buy one get one free का ऑफर दिया है क्योंकि मोदी जी खुद भ्रष्टाचारियों को लाइसेंस दे रहे है और साथ मे उनके पहले के पाप धो रहे है ये में नहीं एक रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया है

दोस्तों 2014 से भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे 25 विपक्षी नेता BJP में शामिल हुए हैं. इनमें से 23 को राहत मिल गई है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल लगातार ये आरोप लगाते आ रहे हैं कि बीजेपी एक ‘वाशिंग मशीन’ बन गई है जिसमें भ्रष्ट नेताओं के जाते ही उन पर लगे दाग धुल जाते हैं. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी में शामिल होने पर नेताओं पर दर्ज भ्रष्टाचार के केस बंद हो जा रहे हैं. और अब ये आरोप सच लगने लगे है

दागी नेताओं के लिए ‘वाश‍िंग मशीन’ बनी BJP

बीजेपी ऐसी वाश‍िंग मशीन है जहां कोई भी दागी जाते ही पाक-साफ हो जाता है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा ने दूसरी पार्टी से आए कई दागी नेताओं को उम्‍मीदवार बनाया है। नवीन ज‍िंदल के ख‍िलाफ सीबीआई और ईडी ने चार्जशीट दायर कर रखी है लेक‍िन वह मार्च 2024 में भाजपा में आए और कुछ ही द‍िन बाद पार्टी काट‍िकट भी पा गए। ऐसा ही एक उदाहरण गीता कोड़ा का भी है जो कांग्रेस से भाजपा में आते ही उम्‍मीदवार बना दी गईं। उनके पत‍ि मधु कोड़ा के ख‍िलाफ भ्रष्‍टाचार के कई केस लंब‍ित हैं।

भाजपा या एनडीए में आने के बाद ज‍िस तरह दागी नेताओं पर कार्रवाई में सुस्‍ती द‍िखाई गई उसके ठीक उलट व‍िपक्षी नेताओं के मामले में ब‍िजली सी रफ्तार से कार्रवाई की गई। ताजा उदाहरण द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल का है। ईडी ने 19 मार्च, 2024 को पहली बार आरोप लगाया कि केजरीवाल द‍िल्‍ली शराब नीत‍ि केस में साजिशकर्ता हैं और 21 मार्च, 2024 को उन्‍हें अपनी ग‍िरफ्त में ले ल‍िया। उधर असम के मुख्‍यमंत्री ह‍िमंता ब‍िस्‍वा सरमा हैं ज‍िनसे 2014 में भ्रष्‍टाचार के एक केस में पूछताछ की गई थी। वह 2015 में भाजपा में आए और तब से उन पर कोई एक्‍शन ही नहीं हुआ।

ऐसे कई और मामले भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 के बाद से कथित भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करने वाले 25 प्रमुख नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं. ये नेता कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी जैसे दलों को छोड़कर आए हैं. इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 10 नेता रहे जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के केस थे लेकिन फिर वो बीजेपी में शामिल हो गए. दूसरे नंबर पर एनसीपी और शिवसेना है, जिसके 4 नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा.

तृणमूल कांग्रेस से 3, टीडीपी से 2 और समाजवादी पार्टी एवं वाईएसआरसीपी से एक-एक नेता बीजेपी में शामिल हुए. 25 में से 23 नेताओं को बीजेपी ज्वाइन करने के बाद राहत मिली है. यानि वाशिंग मशीन मोदी पाउडर से उनके दाग हट गए है इन 23 नेताओं में से 3 पर दर्ज केस बंद कर दिए गए हैं जबकि 20 अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे ठंडे बस्ते में चले गए हैं. 25 नेताओं में से 6 नेता लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई ठंडी पड़ गई है.

Modi Detergent का कमाल सबके पाप साफ !

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया था कि 2014 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार बनने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई का एक्शन बढ़ गया. ईडी और सीबीआई की कार्रवाई का सामना करने वाले 95 फीसदी नेता विपक्ष से थे. यही वजह है कि विपक्ष बीजेपी को ‘वाशिंग मशीन’ कह रहा है, जिसमें जाने के बाद भ्रष्ट नेताओं के दाग धुल जा रहे हैं. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी में शामिल होते ही भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ केस बंद हो रहे हैं. कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्‍लि‍कार्जुन खड़गे ने भाजपा पर एक बार फ‍िर तंज कसते हुए उसे ‘फुली ऑटोमैट‍िक वॉश‍िंग मशीन’ बताया है।

एक तरह से देखा जाए तो पक्षपात हो रहा है जब दागी नेताओ के दाग साफ हो सकते है तो जो बीजेपी मे शामिल नहीं हो रहा उनकी जांच कम क्यों नहीं होती चाहे उसमे हेमंत सोरेन हो या केजरीवाल पक्षपात नहीं होना चाहिए भारत का कानून सबको समान अधिकार देता है भ्रष्टाचार तो भ्रष्टाचार मोदी जी तो अर्थव्यवस्था पर भी भाषण देने से नहीं चूकते जिसकी सच्चाई भी मोदी जी के भाषणों से अलग है बस जनता को पागल बनाया जा रहा है फिल्मी डाइअलॉग चिपकाएँ जा रहे है

भारत चंद उद्योगपतियों के लिए तो स्वर्ग बनता जा रहा है लेकिन बाक़ी की जनता के लिए क़ब्रगाह! सरकार को सिर्फ़ गिनेचुने लोगों की फ़िक्र है और सत्ता में बने रहने का नशा सर चढ़कर बोल रहा है। और येही सच्चाई है आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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