Tattoo: दोस्तों अगर आप भी टैटू Tattoo बनवाने के शौकीन हैं तो जरा संभलकर। छोटी सी चूक एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और सी जैसी बड़ी बीमारी को न्योता दे सकती है। इसकी वजह टैटू बनवाने वालों को शायद न पता हो। दरअसल, टैटू Tattoo गोदने वाली सुई काफी महंगी होती है। ऐसे में टैटू आर्टिस्ट अधिक से अधिक कमाई के फेर में सुई बदलते ही नहीं। उसे अच्छी तरह स्ट्रेलाइज (वायरस-बैक्टीरिया मुक्त) भी नहीं कराते। इस तरह, अगर टैटू बनवाने वाला कोई व्यक्ति एचआइवी या हेपेटाइटिस बी व सी संक्रमित है तो उससे संक्रमित सुई के जरिये दूसरे लोग भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। दोस्तों आपको बतादे की हाल में वाराणसी में इसी तरह टैटू Tattoo बनवाने से 12 लोग एचआइवी संक्रमण की चपेट में आ गए। ऐसे में डाक्टर की सलाह है कि टैटू बनवाने जाएं तो नई पैकिंग खुलवाकर अपने सामने ही सुई जरूर बदलवाएं।
Tattoo बनवाने से कौन सी बीमारी हो सकती है
संक्रमण(infection)
टैटू जिस मशीन से बनाया जाता है उसका खून के साथ संपर्क में आने से गम्भीर संक्रमण का खतरा रहता है। इससे हैपेटाइटिस, तपेदिक और एचआईवी के जैसे कई जानलेवा रोग हो सकते है। साल 2001 में दक्षिण पश्चिमी मेडिकल सेंटर के विश्वविद्यालय ने टैटू के बारें में अध्ययन करके बताया था कि टैटू की लोकप्रियता हेपेटाइटिस सी के संक्रमण को दावत दे रही है। यह अध्ययन 600 लोगों पर किया गया जिसमें से 24 प्रतिशत लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए थे।
एलर्जी संक्रमण(allergic reaction)
टैटू स्याही रंग जैसे लाल, हरे, पीले और नीले रंगों के उपयोग से टैटू साइट पर सुजन, खुजली या खरोंच से एलर्जी हो जाती है। यह एलर्जी टैटू बनवानें के एक साल बाद भी हो सकती है।
दाग-चकत्ते(scarring)
बेढ़ग तरीके बनाया गया टैटू का निशान कभी-कभी आपके लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। यदि आपने टैटू की अच्छी तरह से देखभाल नही की तो वह उस जगह दाग पड़ने और संक्रमण का खतरा होने का डर रहता है।
एमआरआई कराने में समस्या
जब कभी किसी समस्या के कारण आप एमआरआई स्केन कराते है तो स्केन कराते समय टैटू बनी जगह पर सूजन या जलन होने लगती है। यह टैटू इंक का कारण होता है जो उसकी क्वालिटी पर निर्भर है।
इन बातों का रखें ध्यान
- टैटू बनाने के बाद इस्तेमाल सुई को अपने सामने नष्ट करा दें।
- टैटू बनवाने जाएं तो अपने सामने सुई बदलवाएं, उसकी पैकिंग सामने खुलवाएं।
- पैकिंग खुलवाने के बाद सुई को अच्छी तरह से स्ट्रेलाइज भी करा लें।
- टैटू बनाने में इस्तेमाल होने वाले रंग उच्च गुणवत्ता व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों।
- टैटू बनाते समय आर्टिस्ट को हाथ में ग्लब्स पहने होना चाहिए।
टैटू बनवाने के फायदे
- अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, टैटू बनवाने से इम्यून सिस्टम अच्छा होता है।
- अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी की ही रिसर्च ये कहती है कि टैटू बनवाने के प्रोसेस में कोर्टिसोल (यह एक स्ट्रेस हार्मोन है) कम होता है। जिसकी वजह से किसी भी इंसान का स्ट्रेस भी कम होता है।
- Sciencedirect में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, 2 हजार 395 कॉलेज के छात्रों में टैटू और आत्मसम्मान के बीच रिलेशन पाया गया। जिस स्टूडेंट्स ने ज्यादा टैटू बनवाए थे, उसमें उतना ही बड़ा आत्मविश्वास देखने को मिला।
टैटू बनवाने के पीछे कुछ मान्यताएं
- कुछ आदिवासी जनजातियों की मान्यता है कि शरीर में गोदना रहने से नजर नहीं लगती है।
- एक मान्यता है कि मरने के बाद शरीर के सारे गहने उतरवा लिए जाते हैं, लेकिन गोदना ऐसा गहना है, जो मरने के बाद भी साथ जाता है।
- कुछ लोगों का मानना है कि गोदना गुदवाने से स्वर्ग में जगह मिलती है। इसलिए इसे स्वर्ग जाने का पासपोर्ट भी कहा जाता है।