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Bajrang और Vinesh के Asian Games में सीधी एंट्री के खिलाफ HC पहुंचे पहलवान | Brij Bhushan Singh

Brij Bhushan Singh: दोस्तों भारतीय रेसलिंग में काफी समय से ,,विरोध प्रदर्शन और महिला एथलीट्स से ,,यौन शोषण जैसे विवाद चले आ रहे हैं. ,,धरने पर बैठने वाले पहलवानों में रेसलर बजरंग (Bajrang) पूनिया, विनेश (Vinesh) फोगाट और साक्षी मालिक जैसे पहलवानों का नाम प्रमुख था। लेकिन (Asian Games) अब जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना समाप्त हो चुका है। पहलवान वापस अपने खेलों की तैयारियों में जुट गए हैं।

राष्ट्रीय ट्रायल से छूट

स्टार भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को,, राष्ट्रीय ट्रायल से छूट दे दी,, यानी अब बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट दोनों का ही ,,सीधे एशियन गेम्स में जाना तय हो गया है. ,,यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है.,, बताया गया है कि इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की समिति ने नए नियम बनाए हैं.,, इसी के तहत बजरंग और विनेश को छूट मिली है. ,,इनके अलावा जो भी रेसलर जिस वैट कैटेगरी में जीतेगा, उन्हें स्टैंड बाई में रखा जाएगा. ,, पहलवानों को ट्रायल में मिली छूट से भारतीय कुश्ती समुदाय में ,,रोष फैल गया और ,,भारतीय पहलवान अब एडहॉक पैनल के फैसले को चुनौती देते हुए,, दिल्ली HC चला गया हैं।,,

अन्य खिलाड़ियों की योग्यता पर सवाल उठता

दोस्तों क्या यही वो वजह थी, जिसको हासिल करने के लिए पहलवान प्रदर्शन कर रहे थे।,,अगर छूट देनी है तो रवि दहिया को भी दो,, दीपक पूनिया को भी देनी चाहिए। ,,तदर्थ समिति ने,, ऐसे ट्रायल लेने के क्या मापदंड अपनाए हैं।,, अगर ऐसे ही ट्रायल लेने हैं, ,तो रवि दहिया है जो ओलंपिक का मेडलिस्ट है, दीपक पूनिया है वो भी गोल्ड मेडलिस्ट है और ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहा था। अंशु मलिक है, वर्ल्ड की सिल्वर मेडलिस्ट व ओलंपियन है। सोनम मलिक है। इनके अलावा और भी बहुत से पहलवान हैं, जो इस देश में नंबर वन है।,,माना की इन दो खिलाड़ियों ,,की उपलबधिया दरकनार नहीं की जा सकती है ,,,पर ऐसे छूट देकर अन्य खिलाड़ियों की योग्यता पर सवाल उठता है

पहलवान एक साल से भी ज्यादा समय से मैट से दूर

दोस्तों इतिहास में कभी भी ,,किसी फेडरेशन ने ऐसे फैसले नहीं किए हैं। ,,हां, उन्होंने बिना ट्रायल के भी टीम भेजी हैं,,, लेकिन नंबर वन टीम भेजी है,,। ट्रायल में छूट भी दी गई है, ,,लेकिन वह सभी के लिए नहीं दी गई है।,, छूट उसी को दी गई जो आउटस्टैंडिंग पहलवान था ,,और वर्तमान में जिसने अच्छा प्रदर्शन किया हो।,, यह पहलवान तो एक साल से भी ज्यादा,, समय से मैट से दूर हैं।,

ब्रिज भूषण का ने ट्वीट कर कहा

वही बृजभूषण शरण सिंह ,,ने ट्वीट कर कहा की ,,तदर्थ समिति ने जो फैसला किया, उससे मैं काफी दुखी हूं। ये निर्णय इस देश की कुश्ती को गर्त में मिला देगा। इस खेल को ऊपर लाने में काफी लोगों ने मेहनत की है। …आज देश के अंदर एक ही खेल (कुश्ती) ऐसा है,, जिसके अंदर ओलंपिक में पदक गारंटी माना जाता है। ,एशियाई खेल जैसे टूर्नामेंट में बिना ट्रायल्स के ,,इन पहलवानों को भेजने का फैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।’,, जब उनसे सवाल पूछा गया कि,, उनके कार्यकाल के दौरान भी विनेश, बजरंग और अन्य पहलवानों को 2018 एशियाई खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट दी गयी थी ,,और यहां तक कि 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल्स के दौरान भी ऐसा किया गया, तो उन्होंने स्वीकार किया ,,कि यह गलती थी, जिसे बाद में नियम बनाकर सुधारा गया था।

एडहॉक कमेटी के फैसले को चैलेंज

दोस्तों हरियाणा की पहलवान अंतिम पंघाल और संजीत कलकल ने विनेश-बजरंग को ,,डायरेक्ट एंट्री के भारतीय ओलिंपिक संघ की एडहॉक कमेटी के फैसले को चैलेंज किया है।,,उन्होंने खिलाड़ियों के निष्पक्ष ट्रायल की मांग की है।,, दिल्ली हाईकोर्ट में दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका ,,दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष पेश की गई।,,याचिका में मांग की गई है कि,, एडहॉक कमेटी के निर्देश को खारिज कर ,,बजरंग और विनेश को दी गई छूट नामंजूर की जाए।,,

पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए

याचिका में दोनों पहलवानों ने मांग की, कि ट्रायल निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए।,, पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए।,, याचिका में दलील दी गई है कि ,,इन पहलवानों ने जंतर मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि,, उनकी लड़ाई न्याय और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है।,, अब वे जूनियर पहलवानों को किनारे करना चाहते हैं। ,,इसलिए हमें इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का रुख करना पड़ा। ,,याचिका में खास तौर से कहा गया है कि,, विनेश फोगाट व बजरंग पूनिया को ट्रायल के,, बगैर सीधा एशियन गेम्स में शामिल होने की अनुमति,,, देना न्यायसंगत नहीं है।

अंतिम पंघाल ने कहा

अंतिम पंघाल का कहना है कि,, वह विनेश के साथ कुश्ती के लिए तैयार हैं। उन्हें भरोसा है कि वह विनेश को हरा देंगी। इतना ही नहीं याचिका में कहा गया है कि,, विनेश फोगाट ने पिछले 1 साल से पहलवानी का अभ्यास नहीं किया है।,, बावजूद इसके इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज कर उन्हें ,,बगैर ट्रायल के एशियन गेम्स में जाने की अनुमति दे दी गई है। ,,वहीं दूसरे पहलवान सुजीत ने कहा कि ,,65 किलोग्राम वर्ग में देश में 5-6 पहलवान हैं, ,,जो बजरंग को हराने में सक्षम हैं।,,

एक निष्पक्ष सुनवाई चाहती -अंतिम

देखा अपने ये विडिओ अंतिम कह रही है ,,क्या मुझे कुश्ती छोड़ देनी चाहिए? मैं बस एक निष्पक्ष सुनवाई चाहती हूं। मैं यह नहीं कह रही हूं,, कि केवल मैं ही उसे हरा सकती हूं, ,,कई महिला पहलवान हैं जो ऐसा कर सकती हैं।”,,अंतिम ने यह भी कहा कि विनेश ने पिछले एक साल में ,,कोई बड़ी उपलब्धि नहीं हासिल की है।,, इसके बावजूद उन्हें बिना किसी ट्रायल के,, एशियाई खेलों में भेजा जा रहा है।,, यह निराश करने वाला फैसला है।

विशाल कालीरमन ने गुस्सा जाहिर किया

विशाल कालीरमन ने बजरंग को मौका दिया जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया,,कहा ,,हम एक ट्रायल की अपील करते हैं. हम कोई एहसान या लाभ नहीं चाहते। कम से कम एक ट्रायल होना चाहिए हम 15 वर्षों से अभ्यास कर रहे हैं। अगर बजरंग पूनिया इस बात से इनकार करते हैं कि ,,वह एशियाई खेलों में नहीं खेलेंगे,, तभी किसी और को मौका मिलेगा।

केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में ट्रायल

दरअसल, भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति ने मंगलवार को तय किया कि 22 और 23 जुलाई को ,,केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में,, ट्रायल होंगे। इसमें विनेश और बजरंग हिस्सा नहीं लेंगे।,, दोस्तों आपको क्या लगता है ,,किस वजह से विनेश और बजरंग को ट्रायल से छूट मिली है ,,अपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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