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Loksabha Election 2024: परिवारवाद में सबसे अव्वल है BJP, फिर भी PM Modi कर रहे इनकार !

Loksabha Election 2024: दोस्तों मोदी जी और बीजेपी परिवारवाद को लेकर काँग्रेस को घेरना का कोई मौका नहीं छोड़ती भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद के विरोध में दशकों से झंडा बुलंद करती रही है। मोदी जी तो हर दूसरे तीसरे दिन ‘परिवारवादी राजनीतिकरने का आरोप लगाते  रहते है मोदी जी (PM Modi) कहते रहते है की परिवारवाद ने देश के लोगों का हक छीना है जबकि उत्तर से दक्षिण तक ‘परिवार’ पर बीजेपी मेहरबान है BJP के परिवारवाद की लिस्ट इतनी लंबी है की की एक किताब आराम से लिखी जा सकती है इसका ताजा ताजा उदाहरण

उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के सबसे छोटे बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है। ये वही बृजभूषण शरण सिंह हैं जो पहले कभी चुनौती दे रहे थे ‘कौन काटेगा मेरा टिकट। काट पाओ तो काट लेना’।और अब बीजेपी ने डर कर दबाव मे आकर उसके बेटे को टिकट दे दिया

PM Modi लगाते रहे है आरोप

बीजेपी ‘परिवारवादी पार्टी’ होने से इनकार करती रही है। वह अक्सर सपा और कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘परिवारवाद’ पर लगातार हमलावर रहे हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर नरेंद्र मोदी अक्सर क्षेत्रीय दलों पर ‘परिवारवादी राजनीति’ करने का आरोप लगाते हैं।

अलीगढ़ में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था “पहले जब अलीगढ़ आया था तो अनुराेध किया था सपा कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर ताला लगा दीजिए। आपने ऐसा मजबूत ताला लगाया कि दोनों शहजादों को इसकी चाबी नहीं मिल रही है। अब देश को गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्त करने का समय आ गया है। परिवारवाद मुक्त करना है।”

BJP में परिवारवाद

जबकि खुद बीजेपी मे परिवारवाद बसा हुआ है   राजनाथ सिंह  का बेटा पंकज सिंहउत्तर प्रदेश में एमएलए है गोपीनाथ मुंडे की बेटी….. पंकजा मुंडे बीड़ से लोकसभा प्रत्याशी है प्रमोद महाजन की           बेटी पूनम महाजनमुंबई नॉर्थ सेंट्रल से सांसद है सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराजको नई दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया कल्याण सिंह का बेटा राजवीर सिंह एटा से प्रत्याशीनाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा नागौर से प्रत्याशीहरियाणा में देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला को हिसार से टिकट दिया । पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कुनबे के कई सदस्य बीजेपी में हैं। सिद्धार्थनाथ सिंह आंध्रप्रदेश में बीजेपी के सह चुनाव प्रभारी हैं। शास्त्री जी के पोते विभाकर और नाती अशोक शास्त्री भी बीजेपी के नेता हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं। इसके अलावा आंध्रप्रदेश का कमान अब डी पुरंदेश्वरी संभाल रही हैं जो एन टी रामाराव की बेटी हैं। रामराव का पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है।

दिलचस्प तो ये है  कि योगी आदित्यनाथ खुद भी एक तरह से ‘परिवारवादी राजनीति’ का परिणाम हैं। उनके चाचा अवैद्यनाथ गोरखनाथ पीठ के महंत थे। पीठ में हजारों संन्यासी होने के बावजूद उत्तराधिकारी चुनने का समय आया तो अवैद्यनाथ ने अपने भतीजे आदित्यनाथ को चुना। इसके चार साल बाद जब सांसद अवैद्यनाथ ने अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट छोड़ने का मन बनाया तो वहां से भी आदित्यनाथ को ही सांसद बनवाया। योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट अवैद्यनाथ के मामा के लड़के थे।

कश्‍मीर में ज‍िस पीडीपी के साथ म‍िल कर बीजेपी ने एक बार सरकार बनाई थी उसकी नेता महबूबा मुफ्ती को राजनीति अपने पिता जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद से विरासत में मिली। पंजाब में भाजपा का गठबंधन अकाली दल से था जहां परिवारवाद पूरी तरह हावी है।वहीं बिहार में भाजपा का गठबंधन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से है। इसके अध्यक्ष चिराग पासवान को यह पार्टी अपने पिता राम विलास पासवान से विरासत में मिली थी। च‍िराग हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्‍होंने अपनी मौजूदा सीट (जमुई) से अपने जीजा को उम्‍मीदवार बनाया है। उनकी र‍िश्‍ते की बहन शांभवी भी चुनाव मैदान में हैं। चाचा पशुपत‍ि नाथ पारस सांसद हैं ही। मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपल्स पार्टी है। राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के पिता पीए संगमा भी मेघालय के सीएम रह चुके हैं

भाजपा ने महाराष्ट्र में शरद पवार के भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया है। इससे पहले वह पवार परिवार पर लगातार परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं। पीएम मोदी एनसीपी को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी परिवार लिमिटेड पार्टी तक कहते थे।कर्नाटक में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जेडीएस ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को उम्मीदवार बनाया है। कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना भी जेडीएस के टिकट पर अपनी सियासी किस्मत आजमा रहे हैं।झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गईं। दोस्तों ये परिवारवाद की लिस्ट यही खत्म नहीं होती है ये और भी लंबी है

BJP क्यों नहीं करती स्वीकार ?

इसके बावजूद बीजेपी नेता व‍िनय सहस्रबुद्धे ने अगस्‍त 2023 में  बीजेपी के पर‍िवारवाद का बचाव क‍िया था। उन्‍होंने तर्क द‍िया था क‍ि अगली पीढ़ी के नेता को पार्टी या राजनीत‍ि में आगे बढ़ाना अलग बात है और पार्टी पर पर‍िवार का कब्‍जा कर लेना दूसरी बात है। दूसरी बात को उन्‍होंने वंशवादी पार्टी कहा था और कहा था क‍ि पार्टी में वंशवाद नहीं बल्‍क‍ि वंशवादी पार्टी समस्‍या है।बीजेपी ‘परिवारवादी पार्टी’ होने से इनकार करती रही है।करीब आधे लोग मानते हैं बीजेपी में पर‍िवारवाद है पर भाजपा नहीं मानतीमोदी जी पार्टी मे इतना परिवारवाद होने के बावजूद भी कैसे कह लेते है की परिवारवाद नहीं है आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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